The Lallantop

सोनी लिव की ये 10 फ़िल्में और वेब सीरीज़ देखकर दिमाग भन्ना जाएगा

इसमें एक ऐसी भाषा की फ़िल्म है, जिसका कुछ लोगों ने नाम तक नहीं सुन होगा.

post-main-image
ये कंटेन्ट तुरंत देख डालिए

2022 में अलग-अलग ओटीटी प्लेटफॉर्म पर खूब अच्छा-अच्छा कंटेन्ट आया. इसी सिलसिले में सोनी लिव पर भी खूब बढ़िया कंटेन्ट आया. आइए आपको बताते हैं, 2022 में यहाँ आई कौन-सी फिल्में और वेब सीरीज़ आपके काम की हैं.

1) तनाव (हिंदी)

डायरेक्टर: सुधीर मिश्रा, सचिन कृष्ण
कास्ट: मानव विज, रजत कपूर, अरबाज़ खान, सुमित कौल

वेब सीरीज 'तनाव' की कहानी कश्मीरी आतंकवाद, अलगाववाद, आर्मी और स्पेशल टास्क ग्रुप की गतिविधियों पर आधारित है. ‘तनाव’ इज़रायली सीरीज़ ‘फौदा’ पर आधारित है. 'फौदा' में इज़रायल और फिलिस्तीन के मतभेद और तनाव को दिखाया गया है, जबकि सुधीर मिश्रा और सचिन कृष्ण ने 'तनाव' में कश्मीर में आतंकवाद पर फोकस किया है. साथ ही इसमें आर्मी और इंटेलीजेंस के ऑपरेशन को विस्तार से दिखाया गया है. इसमें मानव विज, रजत कपूर, अरबाज़ खान और सुमित कौल मुख्य भूमिकाओं में हैं.

खास बात: ये इज़राइली सीरीज़ 'फौदा' का इंडियन एडाप्टेशन है.

2) निर्मल पाठक की घर वापसी (हिंदी)

डायरेक्टर: सतीश नायर और राहुल पांडे
कास्ट: वैभव तत्ववादी, अलका अमीन, पंकज झा

ये कहानी है एक ऐसे आदमी की, जो 24 साल बाद अपने गांव लौटता है और वहां की व्यवस्था को सिरे से बदलने की कोशिश करता है. सीरीज़ छुआछूत, जातिवाद और सामाजिक अंतरद्वंद्वों को ठीक तरीके से पर्दे पर उतारती है. ग्राम्य जीवन की कुरीतियों और रूढ़ियों को जांचती है और पूरे टाइम उनको सुधारने के प्रयास में लगी रहती है.

खास बात: सीरीज़ की सबसे अच्छी बात है, इसके डायलॉग्स. सिम्पल और मीनिंगफुल. जैसे, जब लबलबिया निर्मल से कहता है, "छोटे थे ना भैया तो झूठमूठ का रोते थे, बड़े हुए तो झूठमूठ का मुस्कुराते हैं."

3) डॉक्टर अरोड़ा (हिंदी)

डायरेक्टर: साजिद अली, अर्चित कुमार
कास्ट: कुमुद मिश्रा, विद्या मालवड़े, विवेक मुशरान, संदीपा धर

ये कहानी है डॉक्टर अरोड़ा की. उनके तीन राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में क्लीनिक्स हैं. अलग-अलग किरदारों के ज़रिए इसमें शीघ्रपतन, हस्तमैथुन, स्वप्नदोष पर बात हुई है. मरीज़ों में एक छात्रनेता टाइप लड़का है, एक सेक्स-वर्कर, एक SP और एक बाबा. सबकी अपनी एक पैरलल स्टोरी है, जिसका एक सिरा उनका जीवन है और दूसरा सिरा डॉ. अरोड़ा. कहानी लिखी है इम्तियाज़ अली ने. डायरेक्शन किया है साजिद अली और अर्चित कुमार ने. लीड रोल में हैं कुमुद मिश्रा. सीरीज़ में आपको विद्या मालवड़े, विवेक मुशरान और संदीपा धर जैसे बढ़िया कलाकार भी देखने को मिल जाएंगे.

खास बात: सीरीज़ पुरुष की सेक्शुअलिटी को उसकी मैस्कुलिनिटी के कॉन्ट्रास्ट में देखने की कोशिश करती है.

4) रॉकेट बॉयज़(हिंदी)

डायरेक्टर: अभय पन्नू 
कास्ट: जिम सर्भ, ईश्वाक सिंह,  दिब्येंदु भट्टाचार्य

रॉकेट बॉयज वेब सीरीज़ कहानी है साइंटिस्ट विक्रम साराभाई और डॉक्टर होमी जे भाभा की. इन दोनों को क्या मुश्किलें देखनी पड़ती हैं, साथ काम करते हुए आपसी मतभेद कैसे पैदा होते हैं, साथ ही इस सब के दौरान इंडिया की हिस्ट्री कैसे बदल रही होती है. यही है 'रॉकेट बॉयज'.

खास बात:  अभय पन्नू के डायरेक्शन में बनी ‘रॉकेट बॉयज़’ इस बात का अच्छा एग्ज़ाम्पल है कि हिस्ट्री के अहम किरदारों को आम इंसानों की तरह दिखाकर भी उनकी कहानी कैसे सुनाई जा सकती है.

5) लोर्नी- द फ्लेन्योर (खासी) 

डायरेक्टर: Wanphrang Diengdoh
कास्ट: आदिल हुसैन

एक खासी भाषा की अनूठी फ़िल्म ‘लोर्नी- द फ्लेन्योर’ एक प्राइवेट जासूस की कहानी है. उसकी आंखों से नॉर्थ-ईस्ट के एक शहर को दिखाया गया है. वहां की कल्चरल डाइवर्सिटी, तनाव और संकरी गलियों की जीवन को एक्सप्लोर किया गया  है. इसमें आदिल हुसैन लीड रोल में हैं. उस किरदार की जटिलता को उन्होंने बहुत सहजता से निभाया है. इसे डायरेक्ट किया है Wanphrang Diengdoh ने.

खास बात: फ़िल्म का स्क्रीनप्ले जटिल है. इसमें थिएट्रिकल फ़ील है. जैसे कोई साइकोलॉजिकल प्ले देख रहे हों.

6) गुल्लक सीजन 3 (हिंदी)

डायरेक्टर: पलाश वासवानी 
कास्ट: गीतांजलि कुलकर्णी, वैभव राज गुप्ता, हर्ष मायर, जमील खान, सुनीता राजवर

इससे पहले 'गुल्लक' के दो सीजन आ चुके थे. इस बरस तीसरा सीजन आया. ये ऐसा नशा है, जो सीजन दर सीजन और ज़्यादा पुख्ता होता जा रहा है. इसमें संतोष मिश्रा और उनके परिवार की कहानी के जरिए मेकर्स ने मध्य वर्गीय परिवारों की जिंदगी को पर्दे पर उकेरा है. दुर्गेश सिंह की लिखी कहानी को डायरेक्ट किया है निर्देशक पलाश वासवानी ने. इसमें मुख्य भूमिकाओं में हैं गीतांजलि कुलकर्णी, वैभव राज गुप्ता, हर्ष मायर, जमील खान और सुनीता राजवर.

खास बात: 'गुल्लक सीजन 3' को TVF की फैक्ट्री से निकला बेहतरीन प्रोडक्ट कहा जा सकता है. ये वेब सीरीज़ देखते हुए बिल्कुल भी नहीं लगता कि सिनेमा देख रहे हैं, बल्कि ऐसा लगता है कि आप भी मिश्रा फैमिली के हिस्सा हैं और उनकी जिंदगी को जी रहे हैं. या हमारी जिंदगी मिश्रा परिवार जी रहा है. बेहद रियल पिक्चराइजेशन है.

7) गार्गी (तमिल)

डायरेक्टर: गौतम रामचंद्रन
कास्ट: साई पल्लवी

साई पल्लवी की फ़िल्म 'गार्गी' पहली नज़र में आपको एक बेटी की कहानी लगेगी, जो रेप के आरोपी अपने पिता को बचाने की कोशिश में है. पर ये एक ऐसी लड़की की कहानी है, जो सच्चाई के साथ खड़ी है. जिसके लिए पिता से बढ़कर मानवीय संवेदनाएं हैं. ये एक मज़बूत महिला किरदार की कहानी है. इस कहानी की कई परते हैं. जब गैंगरेप मामले की देखरेख कर रहे ट्रांस जज के लिए पब्लिक प्रोसिक्यूटर कहता है कि ये एक ‘सामान्य व्यक्ति’ होता तो मामला बंद हो जाता. जज का जवाब इस पूरी फ़िल्म का मूड और टोन है, "एक पुरुष के अहंकार और एक महिला के दर्द को जानती हूं."

खास बात: 'गार्गी' महिला के मजबूत मन और खोखले समाज की कहानी है.

8) अनेल मेले पनी तुली (तमिल)

डायरेक्टर: आर. कैसर आनंद
कास्ट: एन्ड्रिया जेरीमिया

'अनेल मेले पनी तुली' एक रेप सर्वाइवर की बोल्ड और इंटेन्स कहानी है. स्त्री को अपनी जागीर समझने वाले पुरुषों और उनके खिलाफ अपने अतीत से जूझकर एक रेप सर्वाइवर के लड़ने का संजीदा फिक्शनल दस्तावेज है. इस तमिल फ़िल्म को डायरेक्ट किया है आर. कैसर आनंद ने. इसमें लीड रोल में हैं एन्ड्रिया जेरीमिया.

खास बात: कैसे समाज और सिस्टम एक रेप सर्वाइवर को सम्मान देने में असफल रहता है और वो अपनी लड़ाई खुद लड़ती है.

9) विटनेस (तमिल)

डायरेक्टर: दीपक
कास्ट: रोहिणी, श्रद्धा श्रीनाथ

तेलुगु फ़िल्म 'विटनेस' एक साहसी मूवी है. ये हाथ से मैला ढोने वाली प्रथा की सामाजिक समस्या से डील करती है. उन लोगों से सवाल करती है, जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इसे बढ़ावा दे रहे हैं. फ़िल्म के डायरेक्टर दीपक सामाजिक समस्या को ऐड्रेस करते हुए इसके महिला किरदारों के जरिए एक बेहतरीन सोशल कमेंट्री करने में सफल रहे हैं. इसमें रोहिणी और श्रद्धा श्रीनाथ मुख्य भूमिकाओं में हैं.

खास बात: बेहतरीन सोशल कमेंट्री वाली फ़िल्म.

10) फाड़ू (हिंदी)

डायरेक्टर: अश्विनी अय्यर तिवारी
कास्ट: पावेल गुलाटी , सैयामी खेर , दयाशंकर पांडे , अभिलाष थपलियाल

डायरेक्टर अश्विनी अय्यर तिवारी की वेब सीरीज 'फाड़ू - अ लव स्टोरी' मुंबई में बसे बंबई की कहानी है. इंडिया में बसे भारत की कहानी है. कैसे गंदी-बजबजाती नालियों के बीच रहने वाले ऊंची इमारतों के सपने देखते हैं. ये बदलते देश में कहीं पीछे छूट गई इंसानियत की कहानी है. ये पिता-पुत्री संबंधों की एक बहुत प्यारी सीरीज़ है.

खास बात: एक ऐसी लव स्टोरी, जिसकी गंध आप पर्दे के उस पार से भी महसूस कर सकते हैं. इसे हर पिता को देखना चाहिए कि कैसे अपनी बेटी को बड़ा किया जाता है. 

वीडियो: अमेज़न प्राइम पर आई 2022 की 8 पैसा वसूल फ़िल्में,ऋषि कपूर की आखिरी फ़िल्म भी इस लिस्ट में शामिल