उनका असली नाम रामनाथ सिंह था. लेकिन सबने उन्हें 'अदम गोंडवी' के नाम से ही जाना. वो अदम गोंडवी जो ताकतवर कुर्सियों के फरमान ताउम्र अपने पोएटिक वक्तव्यों से ख़ारिज करता रहा. उसने ग़ज़ल में रूमानियत के चोंचले नहीं पाले. जनता की बात कहना चुना और बुराइयों के ख़िलाफ अदबी जंग छेड़ी. बताने वाले बताते हैं कि गोंडा का ये शायर जब अपने बगावती जज्बात से भरे शेर पढ़ता था तो लगता था कि एक पल में सारी व्यवस्था को बदल देना चाहता है. ये शायरी ग़रीब और पंक्ति में सबसे पीछे खड़े आदमी का हथियार बनी. उनकी वो कविता बड़ी मशहूर है, 'मैं चमारों की गली तक ले चलूंगा आपको'. ये एक दलित लड़की से रेप की सच्ची घटना पर आधारित है, जिसमें अदम ने उसे 'नई मोनालीसा' कहा है. वो कविता आपने पढ़ी होगी. आज हम आपको उनके कुछ सबसे अच्छे शेर पढ़वा रहे हैं. 18 दिसंबर को अदम गोंडवी की पुण्यतिथि होती है.