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'कल्कि' से पहले पौराणिक कथाओं पर बनी 10 फिल्में, जिन्होंने सिनेमाघरों को मंदिर बना दिया

इसमें से एक फिल्म ने एक्टर को आंध्रप्रदेश का मुख्यममंत्री बना दिया. एक के रीबूट में Jawan वाली Nayanthara ने काम किया था.

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इस लिस्ट में वो फिल्म भी शामिल है जिसने दारा सिंह को रामानंद सागर की 'रामायण' से पहले हनुमान बना दिया था.

Prabhas, Amitabh Bachchan, Kamal Haasan और Deepika Padukone की फिल्म Kalki 2898 AD ने बॉक्स ऑफिस पर पहले दिन तूफान उठा दिया. नाग अश्विन ने फिल्म के ज़रिए मायथोलॉजी और साइंस-फिक्शन के बीच धागा बांधने की कोशिश की. फिल्म आने के बाद मायथोलॉजी वाले हिस्से की बहुत तारीफ हो रही है. उस दिशा में ‘कल्कि’ से पहले भी कोशिशें हुई हैं. मायथोलॉजी पर बनी कुछ ऐसी फिल्मों के बारे में बताएंगे जिनके बवंडर में बॉक्स ऑफिस उड़ गया. सिनेमाघर मंदिरों में तब्दील हो गए.    

#1. जय संतोषी मां 
डायरेक्टर: विजय शर्मा 
कास्ट: अनीता गुहा, कनन कौशल, भारत भूषण 

वो फिल्म जिसने साल 1975 की सबसे बड़ी हिट ‘शोले’ को कड़ी टक्कर दी. कुछ जगह पढ़ने को मिलता है कि ‘जय संतोषी मां’ 8-10 लाख के बजट में बनी और फिल्म में 5-10 करोड़ रुपये के बीच की कमाई की. लोग सिनेमाघरों को मंदिर में तब्दील कर देते थे. हॉल के बाहर चप्पल उतारकर फिल्म देखते. ‘मैं तो आरती उतारूं’ गीत पर महिलाएं आरती की थाली लेकर तैयार रहतीं. ये माना जाता है कि इस फिल्म को सुपरहिट करवाने में महिलाओं का बहुत बड़ा हाथ था. फिल्म की प्रमुख ऑडियंस में औरतें ही थीं. इसलिए उनके लिए कई सिनेमाघरों ने युक्ति निकाली. ‘जनाना शोज़’ रखे गए. ये शोज़ शनिवार को होते. क्योंकि उस दिन बच्चों का स्कूल सिर्फ आधे दिन का होता था. तो बच्चों के स्कूल से आने के बाद घर की औरतें फिल्म देखने आ जातीं. ‘जनाना शोज़’ सिर्फ औरतों और बच्चों के लिए ही होते थे.
‘जय संतोषी मां’ के इतनी तगड़ी कमाई करने की उम्मीद किसी ने नहीं की थी. वो बात अलग है कि फिल्म से जुड़े लोगों को इससे कोई फायदा नहीं हुआ. प्रोड्यूसर ने अपना दिवालिया घोषित कर दिया. फिल्म में संतोषी मां बनी एक्ट्रेस अनीता गुहा को काम मिलना बंद हो गया. कई कलाकारों ने तंगहाली में अपना जीवन गुज़ारा. 

#2. मायाबाज़ार 
डायरेक्टर: के.वी. रेड्डी
कास्ट: एनटी रामा राव, सावित्री, जेमिनी गणेशन  

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‘मायाबाज़ार’ से एक स्टिल. 

एसएस राजामौली ने इसे सबसे महान भारतीय फिल्म का दर्जा दिया. एनटी रामा राव ने फिल्म में कृष्ण का रोल किया. लोगों ने उन्हें इतना पूजा कि घर में भगवान के साथ उनकी तस्वीरें लगाई गईं. यहां तक कि उन्हें आंध्रप्रदेश का मुख्यमंत्री तक बना डाला. ‘मायाबाज़ार’ की कहानी महाभारत के किरदारों पर आधारित है. अगर कभी आप तेलुगु सिनेमा के इतिहास के बारे में पढ़ेंगे, तो ‘मायाबाज़ार’ पर अलग से चैप्टर मिलेगा. जब ये फिल्म बनाई जा रही थी, तब अपने यहां तकनीकी संसाधन बहुत सीमित थे. उसके बावजूद भी मेकर्स ने क्वालिटी के साथ कोई समझौता नहीं किया. 500 से ज़्यादा लोगों ने मिलकर इस फिल्म पर काम किया. साल 1957 में आई ये फिल्म सिल्वर जुबिली हिट साबित हुई. बाद में 2010 में इसका कलराइज़्ड वर्ज़न भी आंध्रप्रदेश के सिनेमाघरों में रिलीज़ किया गया. तब भी फिल्म ने तगड़ी कमाई की थी. 

#3. भक्त प्रह्लाद 
डायरेक्टर: चित्रापु नारायण राव  
कास्ट: रोजा रमणी, एस.वी. रंगा राव, अंजली देवी 

तेलुगु सिनेमा में प्रह्लाद पर बनने वाली ये पहली फिल्म नहीं थी. इससे पहले साल 1932 और 1942 में भी दो फिल्में आई थी. इस फिल्म के डायरेक्टर नारायण राव ने 1942 वाली फिल्म बनाई थी. हालांकि साल 1961 में उनकी एक फिल्म आई थी जो बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह पिटी. वो अपना कमबैक करना चाहते थे. उसी इच्छा से उन्होंने फिर से प्रह्लाद की कहानी परदे पर दिखाई. पहले दो बार देखी हुई कहानी फिर कारगर साबित हुई. फिल्म ने अच्छा पैसा बनाया. 

#4. लव कुश 
डायरेक्टर: सी. पुलय्या, सी.एस. राव   
कास्ट: एनटी रामा राव, कांता राव 

फिल्म की कहानी रामायण के उत्तर कांड पर आधारित है. बेस्ट तेलुगु फिल्म का नैशनल अवॉर्ड जीता था. फिल्म में कुश का रोल करने वाले सुब्रमणियम एक इंटरव्यू में बताते हैं कि लोग अलग-अलग गांवों से बैल-गाड़ियों में बैठकर फिल्म देखने आते थे. अगर उन्हें टिकट नहीं मिलता था तो वो सिनेमाघर के सामने ही बसेरा जमा लेते. वहीं खाते-पकाते और सो जाते पर फिल्म देखे बिना वापस नहीं जाते थे. ‘लव कुश’ तेलुगु सिनेमा की पहली कलर फिल्म भी थी. ‘मायाबाज़ार’ में कृष्ण बने एनटी रामा राव ने इस फिल्म में राम का रोल किया था. साल 2011 में इसे रीबूट किया गया. ‘श्री राम राज्यम’ नाम की फिल्म बनाई गई. वहां राम का रोल एनटी रामा राव के बेटे नंदामुरी बालाकृष्णा ने किया था. सीता के रोल में नयनतारा नज़र आई थीं.

#5. कांतारा
डायरेक्टर: ऋषभ शेट्टी 
कास्ट: ऋषभ शेट्टी, किशोर, सप्तमी गौड़ा 

कोविड पैंडेमिक के दौरान ऋषभ शेट्टी ने ‘कांतारा’ पर काम करना शुरू किया. वो बस एक कन्नड़ा भाषी फिल्म बनाना चाहते थे. 16 करोड़ में ये फिल्म बनकर तैयार हुई. बॉक्स ऑफिस पर पहले ही हफ्ते बवाल कट गया. मेकर्स को लगा कि इसे और भी भाषाओं में रिलीज़ करना चाहिए, बेनेफिट होगा. ‘कांतारा’ उन चुनिंदा फिल्मों में से है जो रिलीज़ के बाद पैन-इंडिया फिल्म बनी. फिल्म ने दुनियाभर से करीब 400 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया. अब ऋषभ दैव की कहानी को पीछे लेकर जा रहे हैं. ‘कांतारा’ का प्रीक्वल बन रहा है. ‘कांतारा: चैप्टर 1’ के नाम से बन रही ये फिल्म 2024 के अंत में रिलीज़ होगी. 

#6. कर्नन
डायरेक्टर: बी.आर. पंतुलू  
कास्ट: शिवाजी गणेशन, सावित्री, एनटी रामा राव 

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कर्ण के रोल में शिवाजी गणेशन.

इस फिल्म ने तमिल सिनेमा के इतिहास में वो किया जो ज़्यादा फिल्में नहीं कर पाई. ये फिल्म शिवाजी गणेशन और एनटी रामा राव जैसे दिग्गज सुपरस्टार्स को एक ही फ्रेम में ले आई. महाभारत की कहानी को कर्ण के नज़रिए से दिखाया गया. मेकर्स ने फैसला लिया कि वो कुरुक्षेत्र जाकर ही युद्ध वाले सीन्स की शूटिंग करेंगे. उस वजह से फिल्म का बजट बढ़कर 40 लाख रुपये तक पहुंच गया. सरकार से परमिशन मागी कि युद्ध वाले हिस्से के लिए वो इंडियन आर्मी के फौजियों को कास्ट करना चाहते हैं. मंज़ूरी मिल गई. युद्ध में सेना एक-दूसरे के सामने खड़ी रहती हैं. पहली लाइन में आर्मी के जवानों को खड़ा किया गया था. 

#7. हनु-मैन 
डायरेक्टर: प्रशांत वर्मा  
कास्ट: तेजा सज्जा, विनय राय 

प्रशांत वर्मा ने आज के समय में मायथोलॉजी को सेट किया. कहानी एक लड़के की है जिसे हनुमान की शक्तियां मिल जाती हैं और वो उनका इस्तेमाल कर के अपने गांव को बचाता है. इस फिल्म से प्रशांत वर्मा ने अपने सुपरहीरो यूनिवर्स की नींव रखी. आगे वो मायथोलॉजी से जुड़े और भी किरदारों को परदे पर लाने वाले हैं. ‘हनु-मैन’ के सीक्वल ‘जय हनुमान’ पर काम चल रहा है. 2025 में ये फिल्म सिनेमाघरों में उतरने वाली है. 

#8. शक्ति लीला 
डायरेक्टर: टी.आर. रमन्ना 
कास्ट: जयललिता, जेमिनी गणेशन 

रिलीज़ के बाद ये साल 1972 की सबसे बड़ी तेलुगु फिल्मों में से एक बन गई. लेकिन ‘शक्ति लीला’ को सिर्फ अपनी कमाई की वजह से याद नहीं रखा जाता. ये उन आखिरी फिल्मों में से थी जहां इतनी बड़ी स्टारकास्ट को एक साथ लाया गया. जेमिनी गणेशन और जयललिता जैसे सुपरस्टार्स ने फिल्म में शिव और पुण्याक्षी देवी के रोल किए थे.   

#9. सीताराम कल्याणम 
डायरेक्टर: एनटी रामा राव 
कास्ट: बी. सरोजा देवी, एनटी रामा राव 

बतौर डायरेक्टर ये एनटी रामा राव की पहली फिल्म थी. लेकिन उन्हें पूरा भरोसा नहीं था कि इस रोल में उन्हें ऑडियंस कैसे अपनाएगी. इसलिए फिल्म के क्रेडिट्स में डायरेक्टर वाली प्लेट के नीचे उन्होंने अपना नाम नहीं डाला. राम और सीता के विवाह को केंद्र में रखकर रची गई ये फिल्म रिलीज़ हुई और बॉक्स ऑफिस पर बम्पर हिट बन गई. कृष्ण और राम बनने के बाद एनटी रामा राव ने इस फिल्म में रावण का रोल किया था. 

#10. बजरंग बली
डायरेक्टर: चंद्रकांत 
कास्ट: दारा सिंह, बिस्वजीत, प्रेमनाथ 

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साल 1987 में प्रसारित धारावाहिक ‘रामायण’ में दारा सिंह.

रामानंद सागर की ‘रामायण’ देखने के बाद एक बहुत बड़ी तादाद ने दारा सिंह की छवि को हनुमान के साथ जोड़ लिया. लेकिन ऐसा पहली बार नहीं हो रहा था. उससे एक दशक पहले दारा सिंह ने ‘बजरंग बाली’ में टाइटल रोल किया था. फिल्म ब्लॉकबस्टर हुई. लोगों ने अपने पूजा घर में दारा सिंह की फोटो लगानी शुरू कर दी. लोग उनके पांव छूने लगे. दारा सिंह को उन्हें हटाना पड़ता कि वो हनुमान नहीं हैं, उन्होंने बस हनुमान का किरदार निभाया है. उनके बेटे विंदु दारा सिंह ने एक इंटरव्यू में बताया था कि ‘बजरंग बली’ के बाद लोग उनके पिता को पवन पुत्र हनुमान कहने लगे.
 

 

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