Sunny Deol और Anil Sharma की फिल्म Gadar ने अपने 22 साल पूरे कर लिए हैं. 15 जून 2001 को एक प्रेम कहानी रिलीज़ हुई थी, जिसके प्रेम वाले अंश पर कम बात होती है. ज़िक्र होता है तो चीरफाड़ मचा देने वाले डायलॉग्स का. खून में उबाल ला देने वाली देशभक्ति का. इसी सेंटीमेंट के चलते फिल्म रिलीज़ होने के बाद सिर्फ बनाने वालों की नहीं रही. बल्कि लोगों की हो गई. जनता ने खुली बांहो से फिल्म को अपना लिया. सनी देओल देश के हीरो हो चुके थे. बाकी सब स्टार थे और सनी देशभक्त. उनकी तुलना अपने दौर के भारत कुमार यानी मनोज कुमार से होने लगी.
'गदर' के अलावा सनी देओल की देशभक्ति वाली 5 फिल्में, जो खून में उबाल ला देंगी
सनी देओल अपना कमबैक भी देशभक्ति वाली फिल्म से ही करने जा रहे हैं.

सनी को देशभक्ति वाले सांचे में फिट करने का श्रेय सिर्फ ‘गदर’ को नहीं जाता. हां वो बात अलग है कि इस फिल्म ने अहम भूमिका निभाई. मगर उन्होंने अपने करियर में देशभक्ति पर और भी फिल्में की हैं. उनके बारे में बताते हैं.
#1. बॉर्डर (1997)
डायरेक्टर: जेपी दत्ता
‘बॉर्डर’ में सनी देओल से हम मेजर कुलदीप के रूप में मिलते हैं. जंग में उतरने से पहले उसे मथुरादास पर चिल्लाते हुए देखते हैं. छुट्टी का बेहूदा नाच करने वाले मथुरादास को गद्दार घोषित करते देखते हैं. अपनी बीवी को लगभग तलाक देते हुए देखते हैं, जब वो कामना करती है कि उसका पति युद्ध में ना जाए. सनी देओल का किरदार ब्रिगेडियर कुलदीप चांदपुरी पर आधारित था. 1971 की इंडो-पाक जंग में उनका अहम योगदान रहा था.
#2. इंडियन (2001)
डायरेक्टर: एन महाराजन

‘गदर’ के बाद सनी देओल की अगली फिल्म थी ‘इंडियन’. अजय देवगन की फिल्म ‘सिंघम’ में एक सीन है. जहां वो एक नेता का उसके केबिन में ‘सम्मान’ करते हैं. केबिन से निकलने के बाद, जब भी वो नेता बैठेगा तो तकलीफ भरी आह के साथ सिंघम को याद करेगा. सिंघम से एक दशक पहले यही कारनामा DCP राजशेखर भी कर चुका था. ‘इंडियन’ में वो एक नेता को लात मारकर हवा की सैर के लिए भेजता है. वो सीधा जाकर अलमारी में रखी किताबों से टकराता है. शायद नेताजी को पढ़ाई करने का सबक दिया जा रहा था. यही तो फिल्म थी, जहां सनी देओल को 23rd March 1931: Shaheed से पहले चंद्रशेखर आज़ाद बनने का मौका मिला था.
#3. मां तुझे सलाम (2002)
डायरेक्टर: टीनू वर्मा
ये माना जा सकता है कि भले ही किसी ने ‘मां तुझे सलाम’ ना देखी हो लेकिन उसके क्लाइमैक्स से अपरिचित रहना लगभग नामुमकिन है. वो क्लाइमैक्स, जहां सनी चाकू को तपाकर अरबाज़ खान की छाती में उतार देते हैं. गोली निकालने के लिए. पूरे गांव को आतंकी घेर लेते हैं. सनी उनकी भीड़ को चीरते हुए आगे बढ़ते हैं. बांह में भारत का झंडा दबाए. दूसरे हाथ में लॉन्चर से मिसाइल दाग रहे हैं. गोलियां उनके शरीर में कंकड़ की तरह धंसती जा रही हैं. यही वो फिल्म थी, जिसने करोड़ों लोगों के दिमाग में गलतफहमी भर दी कि ‘दूध मांगोगे तो खीर देंगे’ सनी के किरदार का डायलॉग था.
#4. द हीरो: लव स्टोरी ऑफ अ स्पाई (2003)
डायरेक्टर: अनिल शर्मा
मेजर अरुण एक जासूस है. उसे एक मिशन पर भेजा जाता है. उसका काम है ISI चीफ को अपने प्लान में कामयाब होने से रोकने का. अरुण अपने मिशन में आगे बढ़ रहा है. मगर अकेला नहीं. रेशमा नाम की एक लड़की उसकी मदद कर रही है. तभी अचानक रेशमा गायब हो जाती है. अरुण अपने मिशन को प्राथमिकता देगा या रेशमा को बचाएगा, आगे यही द्वन्द्व उसके मन में चलता है. ‘गदर’ के बाद सनी देओल और अनिल शर्मा फिर इस फिल्म के लिए साथ आए थे. बताया जाता है कि सनी ने फिल्म के तमाम खतरनाक स्टंट खुद ही किए थे.
#5. सिंह साब द ग्रेट (2013)
डायरेक्टर: अनिल शर्मा
दुनिया बुरी इसलिए नहीं कि बुरे लोगों के हाथ में ताकत है. दुनिया बुरी इसलिए है क्योंकि अच्छे लोग एक साथ मिलकर अपनी ताकत का इस्तेमाल नहीं करते.
पूरी फिल्म में ऐसे ही तड़तड़ाते हुए डायलॉग हैं. फिल्म में सनी देओल बने हैं एक टैक्स कलेक्टर. ईमानदारी से अपना काम करता है. सारे ऐसे गुण उसमें मौजूद हैं, जिनके बारे में स्कूल में पढ़ाया जाता है. अहिंसा का पुजारी लेकिन ज़रूरत पड़ने पर तलवार भी उठाने वाला. उसके काम करने का तरीका भूदेव नाम के आदमी को खटकता है. उसका रोल प्रकाश राज ने निभाया है. सनी का किरदार सिंह साब उससे निपटने के लिए अनोखा तरीका अपनाता है. उसको समझ में आने वाली भाषा में जवाब देता है.
सनी देओल अब अपना बड़ा कमबैक भी देशभक्ति वाली फिल्म से करने वाले हैं. 11 अगस्त 2023 को ‘गदर 2’ आ रही है जहां सनी का किरदार तारा खुद को लाहौर में पाता है. फिल्म की कहानी 1971 इंडो-पाक जंग को बैकड्रॉप बनाकर रची गई है.
वीडियो: सनी देओल की गदर सिनेमाघरों में दोबारा रिलीज़ होकर भी कलेक्शन में तोड़फोड़ मचा रही