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Badass Ravikumar के बनने की पूरी कहानी, वो फिल्म जिसने इंटरनेट पर हाहाकार मचा रखा है!

Himesh Reshammiya की Badass Ravikumar को Salman Khan की वजह से सबसे पॉपुलर डायलॉग कैसे मिला था?

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ये फिल्म The Xpose यूनिवर्स की स्पिन-ऑफ है.

एक आदमी है जो अपने होंठों के बीच सिगरेट दबाता है. मगर उसे जलाता नहीं. कुछ ऐसा ही Ajay Devgan ने Runway 34 में भी किया था. लेकिन ये बंदा उस किरदार से बिल्कुल अलग है. इसने अपने पिता को सिगरेट के धुएं में पूरा बचपन जलाते देखा. फिर किसी दिन जवानी के जोश में, या ‘मार्लबोरो मैन’ बनने की चाहत में, खुद पहली बार अपने नर्म होंठों के बीच सिगरेट को सही प्रेशर से दबाया. धुआं फेफड़ों से उबलकर आसमान में छल्ले बना पाता, उससे पहले ही बड़े भाई ने पकड़ लिया. ‘बड़े भाईसाहब’ की तरह डांट पिलाई. पिता की दुर्गति याद दिलाई. ये घाव ज़रा गहरा था. उस बंदे ने सिगरेट न पीने की प्रतिज्ञा ले ली. मगर हां, वो अभी भी सिगरेट खरीदकर अपने होंठों में ज़रूर रखता. ज्ञानीजन कहते हैं कि शायद चरमरा रही अर्थव्यवस्था के लिए ऐसा कर रहा हो.

इस युगपुरुष को कई व्याख्याओं से जाना जा सकता है. एक तो ये कि इसे नकारात्मकता नहीं पसंद. दूसरा ये पानी बहुत पीता है, इसके ब्लैडर को इससे बहुत शिकायत होगी. तीसरा कि दुनिया की किसी वॉशिंग मशीन में इतनी हिम्मत नहीं कि उसकी टाइट काली लेदर पैंट को सुखा सके. इस काम के लिए ऐसे तूफान लगते हैं जिनमें झोंपड़े उड़ जाएं. Badass Ravikumar नाम का एक शख्स ‘स्लम फ्री’ दुनिया बनाने में लगा है. खैर, इस महा-मानव को सिर्फ रवि या रविकुमार कहकर नहीं पुकारा जा सकता. उसकी हरकतों की बदौलत Badass नाम का विशेषण उसके साथ नत्थी कर दिया गया है.

Himesh Reshammiya ने इस आदमी को जीवंत करने की ज़िम्मेदारी अपने कंधों पर ली है. 03 नवंबर 2022 की तारीख को इस फिल्म का पहला अनाउंसमेंट टीज़र आया था. उसके बाद अब जनवरी 2025 में फिल्म का ट्रेलर रिलीज़ हुआ. इसी 05 फरवरी से सिनेमाघरों के प्रोजेक्शन रूम से दिव्य रोशनी फुटेगी और परदे पर होगा Badass Ravikumar. एक्शन करता हुआ, नाचता-गाता हुआ, भारी-भरकम डायलॉग बोलता हुआ क्योंकि हर सुपरहिट एक्शन से पहले सुपरहिट डायलॉग होता है. Badass Ravikumar कहां से आया, उसके सुपरहिट डायलॉग का Salman Khan कनेक्शन क्या है, ऑस्कर वाली फिल्म बना चुके आदमी का इसमें क्या रोल है, कुलमिलाकर फिल्म की कहानी पहले कागज़ पर और फिर वहां से परदे तक कैसे पहुंची, उस पूरे सफर को जानेंगे. 

# ऑस्कर वाले डायरेक्टर ने बनाई है फिल्म 

Keith Gomes फिल्मों में अपनी आवाज़ ढूंढना चाहते थे. अपनी आवाज़ को तलाशकर, उसे तराशकर और भी पुख्ता करना चाहते थे. लेकिन इस प्रोसेस में निराशा हाथ लगी. कसम खाई कि इस दुनिया से कोसों दूर चले जाएंगे. ऐसा किया भी. एक समय पर अमिताभ बच्चन और संजय दत्त की फिल्म पर असिस्ट कर चुका ये आदमी अब उस जादुई दुनिया का हिस्सा नहीं था. फिर एक दिन उसे बुलावा आया. सलमान खान के दोस्त ने उसे फिर से मायानगरी में बुलाया. कई बड़ी फिल्में प्रोड्यूस करने के बाद साजिद नाडियाडवाला अब अपना डायरेक्टोरियल डेब्यू करना चाहते थे. वो भी सलमान खान को लेकर. इस फिल्म का नाम ‘किक’ था. 

साजिद ने कीथ को इस फिल्म पर काम करने के लिए कहा. कीथ मान गए. उन्होंने फिल्म की राइटिंग पर काम किया. ‘किक’ ने जमकर पैसा फोड़ा. कीथ अब तक जिस सिस्टम से भाग रहे थे, अब उसी को अपनाकर उसमें अपनी जगह खोजने का समय था. कुछ साल बाद उन्होंने एक शॉर्ट फिल्म बनाई. इसका टाइटल था Shameless. कास्ट में सयानी गुप्ता और हुसैन दलाल जैसे नाम थे. कहानी एक ऐसे वर्क फ्रॉम होम करने वाले इंसान की थी जो इस वहम में जी रहा है कि उसके किए का कोई इम्पैक्ट नहीं होगा. दमादम पिज़्ज़ा ऑर्डर करता है. एक दिन डिलीवर करने वाली लड़की उससे कुछ ऐसे सवाल पूछती है जो उसे और हम सभी को अपने प्रिविलेज पर सवाल उठाने के लिए मजबूर कर देते हैं. इस शॉर्ट फिल्म को इंडिया की तरफ से ऑस्कर की लाइव एक्शन शॉर्ट फिल्म की कैटेगरी में ऑफिशियल एंट्री बनाकर भेजा गया था. मगर ये आगे नॉमिनेशन हासिल नहीं कर सकी थी. 

फीचर फिल्मों पर असिस्ट करने और शॉर्ट फिल्में डायरेक्ट करने के बाद कीथ के पास अपनी फीचर फिल्म बनाने का मौका मिला, और उन्होंने Badass Ravikumar से ये हसरत पूरी की.

# अजय देवगन के लिए लिखा डायलॉग कहां तक पहुंचा?

अस्सी का दशक. ‘जीने नहीं दूंगा’ और ‘मैं इंतकाम लूंगा’ जैसे भारी-भरकम नाम वाली फिल्मों का बोलबाला था. इन फिल्मों के सिर्फ टाइटल ही भारी नहीं थे, डायलॉग भी उतने ही वजनदार थे. कहानी मेरठ शहर पहुंचती है. बंटी राठौड़ ये फिल्में देख रहे थे. उन्हें अंदाज़ा नहीं था कि एक दिन वो खुद ऐसे हेवी ड्राइवर वाले डायलॉग रचेंगे. बंटी ने हिमेश रेशमिया के प्रोडक्शन में बनी ‘खिलाड़ी 786’ के लिए  डायलॉग लिखे थे. अब हिमेश खुद को लेकर एक फिल्म बनाने वाले थे. वो चाहते थे कि बंटी इस फिल्म के डायलॉग भी लिखें.  

कास्ट में यो यो हनी सिंह, इरफान, आदिल हुसैन और ज़ोया अफ़रोज़ जैसे नामों को जोड़ा गया. कहानी 60 और 70 के दशक में सेट थी जब हिंदी सिनेमा समाजवाद से बाहर निकलकर ग्लैमरस होने लगा था. फिल्मों का स्केल बढ़ने लगा. इस थ्रिलर फिल्म का नाम The Xpose था जहां हिमेश ने एक पूर्व पुलिस ऑफिसर का रोल किया जो अब फिल्मों का सुपरस्टार बन गया है. इसी फिल्म ने हिंदी सिनेमा को रविकुमार जैसा हीरो दिया. वो आदमी जो अपने विरोधी से कहता, “तेरे शरीर में उतना खून नहीं होगा जितना रविकुमार एक बार में मूत देता है”. इस डायलॉग पर मीम बने. भयंकर वायरल हुआ. हालांकि ओरिजनली इस डायलॉग की शक्ल अलग थी. बंटी ने द हॉलीवुड रिपोर्टर को दिए इंटरव्यू में बताया कि ये डायलॉग पहला ऐसा था, “तेरे शरीर में जितना खून होता है, उतना मैं नाली में बहा देता हूं". मगर उन्हें कुछ खटक रहा था. यही बात हिमेश के नोटिस में भी लाई गई. वो भी सहमत थे. बंटी ने भले ही अपनी आपत्ति दर्ज करवाई मगर साथ ही एक दूसरा ऑप्शन भी दिया. उनका दूसरा ऑप्शन वही डायलॉग था जो आज फिल्म का हिस्सा है. हिमेश ने इस पर अपनी सहमति की मुहर लगा दी. 

बंटी बताते हैं कि जब हिमेश ने The Xpose में एक्टिंग करने का फैसला किया तब उनके मन में कुछ झिझक थी. लेकिन हिमेश ने उनकी शंका को घर नहीं करने दिया. बंटी याद करते हैं कि हिमेश उन्हें डायलॉग के वीडियो रिकॉर्ड कर के भेजते और सही मॉड्यूलेशन पकड़ने के लिए बार-बार वॉयस नोट भेजा करते. हिमेश का दांव काम कर गया. The Xpose हिट हुई. हिमेश उसका सीक्वल बनाना चाहते थे मगर किसी वजह से ऐसा नहीं हुआ. साल आगे बढ़ते जा रहे थे. कैलेंडर में 2022 लगा और बंटी को हिमेश ने बुला भेजा. उन्होंने बताया कि वो अब The Xpose यूनिवर्स पर एक स्पिन-ऑफ फिल्म बनाना चाहते हैं. ये फिल्म बनी Badass Ravikumar. 

फिल्म के चार से पांच ड्राफ्ट लिखे गए. ऐसा नहीं था कि सारे डायलॉग उसी वक्त तैयार किए गए. बंटी बताते हैं कि उन्होंने ‘टोटल धमाल’ के डायलॉग लिखे थे. तब उन्होंने अजय देवगन को ध्यान में रखकर एक लाइन लिखी थी, “जिन तूफानों में तुम्हारे झोपड़े...”. मगर ये लाइन फिल्म में इस्तेमाल नहीं हो सकी. एक बार हिमेश और बंटी सलमान खान से मिलने जा रहे थे. तब तक रविकुमार की कहानी पर काम शुरू हो चुका था. बंटी ने हिमेश के सामने उस पुरानी लाइन का ज़िक्र किया. कहा कि ये रविकुमार पर सूट करेगी. हिमेश को ये बात जच गई. उन्होंने कहा कि इसे लिखकर तुरंत मुझे वॉट्सऐप करो. ये डायलॉग फिल्म का सबसे पहला पहलू था जो फाइनल हुआ. उसके बाद Badass Ravikumar की स्क्रिप्ट को कागज़ पर उतारा गया. 

Badass Ravikumar का ट्रेलर देखकर लग रहा है कि मेकर्स किसी भ्रम में नहीं हैं. वो जानते हैं कि उन्होंने क्या रचा है. बेसिकली वो उस जॉनर को सीरियसली नहीं ले रहे हैं. यही वजह है कि एक जगह लिखा हुआ आता है, Logic Optional. यानी तर्क लगाना ज़रूरी नहीं. फिल्म को लेकर हाइप तो सही बन गई है, बस उसके आधार पर जनता को थिएटर्स तक खींच पाते हैं या नहीं इसका पता 05 फरवरी को लगेगा.                    

 

वीडियो: दी सिनेमा शो: हिमेश रेशमिया की 'बैडैस रविकुमार' के वायरल डायलॉग के बनने की कहानी