Babil Khan की नई फिल्म Logout हाल ही में Zee5 पर रिलीज़ हुई है. जिसके लिए उनकी तारीफें हो रही हैं. मगर वो इसका सारा श्रेय उस मज़बूत दरख़्त को देते हैं. जिसकी वो खुद एक शाख हैं. अपनी सारी वाहवाही का श्रेय बाबिल अपने पिता Irrfan Khan को देते हैं. इरफ़ान को गए पांच साल बीत गए. मगर बाबिल आज भी उस घटना से उबर नहीं पाए हैं. इतने सालों में भी वो भूले नहीं हैं कि पिता के देहांत ने उन्हें किस तरह बदल कर रख दिया.
बाबिल बोले, "लोगों ने कहा मैं अपने पिता इरफ़ान की मौत का इस्तेमाल अपने करियर के लिए कर रहा हूं"
Babil Khan ने बताया कि पिता Irrfan की मौत ने उन्हें रातोंरात बदल दिया. उनके जाने से पूरी लाइमलाइट उन पर आ गई और बाबिल इसके लिए तैयार नहीं थे.

हाल ही में Lallantop Cinema से बातचीत में उन्होंने बड़ी खुली-खिली बतकही की. इस गुफ्तगू में उनके दिल की सारी गिरहें खुलीं. पिता की यादें तो इनमें थीं ही, मगर उनकी यादों को अपने करियर के लिए इस्तेमाल करने जैसे इल्ज़ामों से जन्मी टीस भी थी. अपने ही पिता की यादें साझा करने पर लोगों से मिलती कड़वी प्रतिक्रिया के बारे में बाबिल ने कहा,
“जब बाबा का निधन हुआ, तो अचानक से सारी लाइमलाइट मेरे ऊपर आ गई. मैं उसके लिए तैयार नहीं था. मगर एक चीज़ मेरे अंदर फंसी हुई थी. जब हम बाबा को कोविड के बीच हॉस्पिटल से कब्रिस्तान लेकर जा रहे थे, तो कोविड होने के बावजूद सड़कें भरी हुई थीं. किसी को फर्क नहीं पड़ रहा था कि उन्हें कोविड हो जाएगा. उन्हें बाबा को देखना था. और वो सब रो रहे थे. मैंने जब वो देखा, तो लगा कि मुझे इन्हें वापस देना ही पड़ेगा. जो मेरी यादें हैं, वो सिर्फ मेरी मेमरीज़ नहीं हैं. ये सिर्फ मेरा लॉस नहीं है, ये सामूहिक नुकसान है. तो मैंने लोगों के साथ यादें शेयर करनी शुरू कीं, तो लोगों को लगा कि मैं अपने करियर में आगे बढ़ने के लिए बाबा का इस्तेमाल कर रहा हूं.”
बाबिल की मां सुतपा ने उनसे कहा था कि जिसे भी ये लगता है कि इरफ़ान खान का जाना उनकी निजी क्षति है, वो हमारे परिवार का हिस्सा है. इसीलिए बाबिल पिता की यादें इस नए परिवार के साथ शेयर करते थे. इस बारे में बाबिल ने कहा,
“जब पहली बार ट्रोलिंग हुई, मैं फिर भी शेयर करता रहा. फिर जब मेरी फैमिली को घसीटा गया, तो मुझे बहुत बुरा लगा. मुझे लगा मैंने अपने किए से बहुत सारे लोगों को खराब महसूस करवाया है. उसके बाद मैं लोगों से डिसकनेक्ट हो गया. एक दिन मुझे लगा कि लोगों को जो बोलना है, बोलने दो. मुझे जो करना है, वो मैं करूंगा. चाहे कुछ भी हो जाए. जिस हालात से मां और बाबा आए हैं, जहां वो पहुंचे हैं, वहां हार मानने से नहीं पहुंचते."
इंडियन एक्सप्रेस को दिए हालिया इंटरव्यू में बाबिल ने बताया कि जीने का उनका फ़लसफ़ा क्या है. बाबिल ने कहा,
"मैं अपनी ज़िंदगी अपने तरीके से जीता हूं. और ऐसा करने से मुझे कोई नहीं रोक सकता. मैं पूरे इमोशंस के साथ जीता हूं. प्रेम, दुख, नफ़रत... हर भाव आता है मन में. मैं शर्मीला हूं. मगर जिंदगी खुलकर जीने में नहीं शर्माता. मैंने चीजों को बड़ा सम्मान दिया है. मगर उनके नतीजे कई बार बुरे मिले मुझे. तकलीफ़ मिली. मुझे अब भी इस तकलीफ़ की आदत नहीं हुई है. न कभी होगी. इसी फिक्र, दर्द, अपमान, खुशी, सफलता और आनंद के साथ जीना पड़ता है. परिणाम क्या होगा, ये सोचने से ज्यादा जरूरी है कि जिंदगी को अपने तरीके से जिया जाए. "
अन्विता दत्ता की ‘क़ला’, बतौर एक्टर बाबिल की पहली फिल्म थी. उसके बाद वो यशराज फिल्म्स की वेब सीरीज़ ‘रेलवे-मेन’ में नज़र आए. अब Zee5 की ताज़ा फिल्म ‘लॉग आउट’ से वो फिर से सुर्खियों में है. बाबिल ने बताया कि उनकी सात-आठ फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है. मगर इन फिल्मों के बारे में बात करने की परमिशन उन्हें नहीं है.
वीडियो: सोशल लिस्ट: अपनी ट्रोलिंग पर बाबिल खान ने जवाब दिया, ‘नकली’ होने के आरोप पर भी बोले