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अनुराग कश्यप ने बताया 'गैंग्स ऑफ वासेपुर 3' कब बनेगी

अनुराग ने वो किस्सा भी बताया, जब एक बार 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' की स्क्रिप्ट खो गई थी.

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अनुराग कश्यप ने एक पुराने इंटरव्यू में कहा था कि वो ' गैंग्स ऑफ वासेपुर' को अपना दुश्मन मानते हैं.

हर सफल फिल्म डायरेक्टर के करियर में उसकी एक फिल्म होती है. उसकी दुश्मन. उसकी सौत. उसके अलावा पूरी दुनिया को उस फिल्म से प्यार होता है. सब पूछ-पूछ कर थका देते हैं, ‘यार तुम्हारी ये वाली फिल्म तो ठीक थी, लेकिन वैसा कुछ कब बना रहे हो’. ये फिल्ममेकर बेचारे इसी ‘वैसा कुछ’ की छाया से बचने के लिए अनेकों जतन करते हैं. अनुराग कश्यप की ये दुश्मन है ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’. वो फिल्म जो उनके गुरु मार्टिन स्कॉरसेज़ी को भी पसंद है. डायरेक्टर्स के हाल से बात सीधा बात अनुराग की ओर क्यों घूमी. वो हुआ कुछ ऐसे कि कुछ दिन पहले वो हमारे न्यूज़रूम में आए थे. उनसे एक सवाल किया गया. वो सवाल जिससे 2012 के बाद से पिंड छुड़वाना मुश्किल हो रहा है. “गैंग्स ऑफ वासेपुर 3 कब बनाएंगे?” 

अनुराग कश्यप ने अब इस सवाल का साफ-साफ जवाब दे दिया है. इस जवाब से साफ सिर्फ बारिश के बाद वाला आसमान ही होता है. अनुराग ने कहा,

नहीं आएगी, नहीं आएगी. 

द लल्लनटॉप के संपादक सौरभ ने फिर कहा कि फिल्म जहां खत्म होती है, उसके बाद कहानी में गुंजाइश तो रहती है. इस पर अनुराग का कहना था,

मुझे वासेपुर यूनिवर्स नहीं बनाना. बिज़नेसमैन अलग सोचते हैं. हर चीज़ का यूनिवर्स बन रहा है आजकल. मुझे कुछ नहीं बनाना. मुझे अपनी फिल्म बनानी है बहुत सारी, अलग-अलग फिल्में बनानी हैं. ‘वासेपुर 3’ मैं उस दिन बनाऊंगा जिस दिन लंगड़ा लूला हो जाऊंगा. मेरे पास कोई चारा नहीं बचेगा कोई काम करने का. मैं तब ‘वासेपुर 3’ अनाउंस कर के बहुत पैसे कमाऊंगा ताकि मेरा ईलाज हो सके. 

‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ ने अनुराग कश्यप के करियर को पाट के रख दिया था. पहले और बाद के अध्यायों में. लेकिन एक मौका ऐसा भी आया था जब फिल्म की कहानी ही खो गई थी. लिखी-लिखाई पूरी कहानी खो गई. अनुराग कश्यप ने खूब हंगामा मचाया. हुआ ये कि वो मैड्रिड (स्पेन) से फ्लाइट लेकर लंदन आ रहे थे. लैंडिंग के बाद उनका एक बैग गायब था. उस बैग में थी ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ की स्क्रिप्ट. एयरप्लेन वालों का कहना कि हमें कोई अंदाज़ा नहीं. अनुराग बिगड़ पड़े. स्क्रिप्ट की ज़िम्मेदारी तो तुम्हारी ही है. जब तक नहीं मिलेगी, हिलूंगा नहीं. 
ऐसा किया भी. अगले दो-तीन दिन तक एयरपोर्ट में ही अपना अड्डा जमा लिया. काफी हंगामे के बाद किंगफिशर वालों ने अनुराग का बैग भेजा. अनुराग ने बताया कि उस बैग पर किंगफिशर का स्टिकर चिपका था. इसलिए गलती से एयरलाइन वालों ने वो बैग किंगफिशर के रास्ते भेज दिया. लेकिन अंतत: स्क्रिप्ट अनुराग के हाथ में आई. फिल्म बनी और आगे तो इतिहास है ही सबके सामने.                     

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