अनुपम खेर और विद्युत जामवाल की फिल्म आ रही है, IB71. इसी के प्रमोशन में वो आजकल व्यस्त हैं और खूब इंटरव्यूज दे रहे हैं. इस क्रम में हमने भी उनका एक इंटरव्यू लिया. पूरी बातचीत आप यहां देख सकते हैं.
'जो लोग दी केरला स्टोरी देखने जा रहे हैं, उनकी इज़्ज़त करो': अनुपम खेर
उनका कहना है कि कोई भी एजेंडे का सोचकर फिल्म नहीं बनाता.
इस बातचीत के दौरान उनसे 'दी केरला स्टोरी' पर सवाल पूछा गया. सवाल था कि आजकल इस पर खूब विवाद हो रहा है. ऐसा क्यों हैं? इस फिल्म का एक वर्ग विरोध क्यों कर रहा है? उनका जवाब था कि ये कुछ वही लोग हैं, जो हर चीज़ का विरोध करते हैं.
ये वही वर्ग है, जिनका चेहरा आप आंखे बंद करेंगे, तो सामने आएगा. यही लोग हर जगह नज़र आएंगे. अब वो लोग अप्रासंगिक हो गए हैं.
उनका आगे कहना था कि कोई भी फिल्म एजेंडा लेकर नहीं बनती है.
कोई भी ये सोचकर फिल्म नहीं बनाता कि मैं एक एजेंडा लेकर फिल्म बनाता हूं. फिल्म पर बहुत पैसे खर्च होते हैं. अगर कम पैसे में भी मूवी बनती है, तो भी बहुत मेहनत लगती है. करीब 100 लोग इसमें काम करते हैं. कई टेक्नीशियन इसमें मेहनत करते हैं. हम आज इस दौर से गुज़र रहे हैं कि सच्ची कहानियों पर फिल्म बना सकते हैं. जो लोग सोने की ऐक्टिंग कर रहे हैं, उनको आप जगा नहीं सकते.
आगे सवाल था कि कुछ लोग कहते हैं कि अभी इंडियन ऑडियंस इतनी तर्कवादी और संवेदनशील नहीं है कि ऐसी फिल्मों के सही या गलत को जज कर सके. अनुपम खेर का जवाब था:
जो भी लोग ऐसा बोलते हैं, वो अपने आपको बहुत सुपीरियर समझते हैं. उन्हें लगता है कि हमें सब समझ में आ रहा है, और लोगों को नहीं. लाखों लोग 'दी केरला स्टोरी' देखने जा रहे हैं, उन्हें कोई शौक तो नहीं है पैसे खर्च करने का. जो जा रहे हैं फिल्म देखने, उनकी आप इज़्ज़त करो. आप कौन होते हैं ये फैसला करने वाले कि हम ऐसी फिल्म के लिए तैयार नहीं हैं? हम हर चीज़ के लिए तैयार हैं. हम मंगल ग्रह पर जाने के लिए तैयार हैं, पर फिल्म देखने के लिए तैयार नहीं हैं. हम सोशल मीडिया पर बिना सेंसर किया हुआ कंटेन्ट देखने के लिए तैयार हैं, पर इस तरह की फिल्मों के लिए नहीं.
उन्होंने इंटरव्यू में इसके अलावा 'पठान', अनुराग कश्यप से दोस्ती और सेंसरशिप पर भी बात की. ये सब आपको यहां
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