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अनुराग कश्यप और विक्रमादित्य मोटवानी जैसा काम पूरे देश में कोई नहीं करवाता : अमित त्रिवेदी

'जुबली' के गानों की मेकिंग जानकर लगेगा, म्यूजिक पर असली मेहनत तो अमित त्रिवेदी ही करते हैं! 'वो तेरे मेरे इश्क का...' गाना सुनिधि चौहान से ही क्यों गवाया, ये भी उन्होंने बताया है.

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विक्रमादित्य और अनुराग दोनों के साथ अमित त्रिवेदी ने काम किया है

प्राइम पर विक्रमादित्य मोटवानी की सीरीज 'जुबिली' आई. लोगों ने खूब पसंद किया. ऐसा कहा गया कि साठ-सत्तर के दशक को पर्दे पर अब तक के सबसे सही ढंग से फिल्माया गया है. उस दौर के फ्लेवर में सने गानों को भी जनता ने हाथो-हाथ लिया. 'वो तेरे मेरे इश्क का...' गाना भयंकर वायरल हुआ. इसे गाया सुनिधि चौहान ने, कम्पोज किया अमित त्रिवेदी ने. अमित त्रिवेदी हमारी पकड़ में आ गए. हमने उनसे हमारे प्रोग्राम बैठकी में इस गाने के पीछे की कहानी पूछ ली. उन्होंने हमें जो बताया, हम आपको बताए देते हैं.

अमित त्रिवेदी से सवाल हुआ कि 'वो तेरे मेरे इश्क का...' गाने की मेकिंग क्या थी? विक्रमादित्य मोटवानी के साथ उनकी ट्यूनिंग कैसी है? दोनों पहले भी 'लुटेरा' में साथ काम कर चुके हैं. अमित त्रिवेदी ने बताया:

एक ही टाइम पर हम गोवा में थे. विक्रमादित्य, मैं और अन्विता दत्त, जिसने कला बनाई थी. 'क़ला' और 'जुबिली' का काम एक ही टाइम पर एक ही साथ चल रहा था. लक ये था कि दोनों ही फिफ्टीज और सिक्सटीज की फिल्मे थीं. दोनों म्यूजिकल थीं. मेरे लिए वो बहुत अच्छा हो गया, एक ही साथ दोनों काम चल रहे थे. सब लोग एक साथ ही जैम कर रहे थे.

अमित त्रिवेदी बताते हैं कि वो कुछ समय तक फोर्टीज और फिफ्टीज में ही जिए. 

उस वक़्त मैं सिर्फ ओपी नय्यर, सी रामचंद्र और एसडी बर्मन को ही सुन रहा था. बेसिकली फोर्टीज और फिफ्टीज में ही जी रहा था. मैं और स्वानंद सर एक ही रूम में थे. सुबह उठकर हम सभी उसी दौर के गाने सुनते थे. मुझे उस दौर को रीइमैजिन करना था, रीक्रिएट नहीं करना था. मैं उस समय के गानों के साथ पैरलल ड्रा कर रहा था. उन गानों का न छोटा भाई, न बड़ा भाई. एकदम ओरिजनल और यूनिक गाने बनाने थे.

अमित त्रिवेदी आगे कहते हैं:

ये प्रोजेक्ट करने में बहुत मज़ा आया. ऐसी जब चुनैतियां आती हैं, मैं उनका स्वागत करता हूं. मैंने इतने लोगों के साथ काम किया है, विक्रमादित्य मोटवानी, अन्विता और अनुराग कश्यप सर यही तीन लोग पूरे देश में हैं, जो इस तरह से (यूनिक तरह से) काम करते हैं और करवाते हैं. बहुत ज़्यादा मज़ा आता है.

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सुनिधि चौहान को ही 'जुबिली' में नीलोफर की आवाज़ क्यों बनाया गया, इस पर भी अमित त्रिवेदी ने बात की.

हमने 'वो तेरे मेरे इश्क का...'  जब बनाया, तो इसका पैरलल था 'इन आंखों की मस्ती में..'. यही रेफरेंस था और वैसी ही सिचुएशन थी. मुझे उस दुनिया को क्रिएट करना था. सुनिधि के अलावा मेरे दिमाग में कोई आया ही नहीं. अगर आप सीरीज देखेंगे, तो नीलोफर का कैरेक्टर सिंगर-ऐक्टर है. उस किरदार के चार गाने होने थे. चारों के लिए एक ही आवाज़ चाहिए थी. इसके लिए मैंने सुनिधि चौहान को चुना. इसका बेस्ट पार्ट था कि हमने पूरा गाना लाइव किया है. ज्यादातर गाना लाइव रिकॉर्ड अब होता नहीं.

ऐसे ही तमाम किस्से जानने के लिए अमित त्रिवेदी के साथ सौरभ द्विवेदी की बैठकी देख डालिए.

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