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क्या 'आदिपुरुष' के खराब VFX के पीछे अजय देवगन की कंपनी का हाथ है?

या फिर अजय देवगन की कंपनी अपनी इज्ज़त बचाने के लिए झूठ बोल रही है?

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'आदिपुरुष' के दो अलग-अलग सीन्स में प्रभास और सैफ अली खान. बीच में अजय देवगन.

Adipurush के टीज़र रिलीज़ के बाद से फिल्म के VFX की भद्द पिट रही है. जनता फिल्म के सीन्स को यकीनी नहीं मान पा रही, क्योंकि वो बहुत कार्टूनिश लगते हैं. इसी फेर में ये पिक्चर ट्रोल हो रही है. लोग VFX कंपनी को गारिया रहे हैं. मगर ‘गलत' कंपनी को. अब उस कंपनी ने बयान जारी करके बताया है कि 'आदिपुरुष' में VFX वर्क उन्होंने नहीं किया है. ये कंपनी है अजय देवगन की.

2015 में अजय देवगन ने नवीन पॉल और प्रसाद सुतार के साथ मिलकर NY VFXwaala नाम की CGI कंपनी शुरू की थी. ये उनकी प्रोडक्शन कंपनी का हिस्सा है. इस कंपनी ने 3 अक्टूबर को एक बयान जारी किया. इसमें उन्होंने लिखा-

''लीडिंग VFX स्टूडियो  NY VFXwalla ये साफ करना चाहते हैं कि उन्होंने 'आदिपुरुष' के CG या स्पेशल इफेक्ट्स पर काम नहीं किया. और न कर रहे हैं. उनकी ओर से आए एक ऑफिशियल नोट में इस चीज़ को क्लीयर करते हुए कहा गया- 'हम इस चीज़ को रिकॉर्ड पर डाल रहे हैं क्योंकि हमसे कुछ मीडिया के लोग इस बारे में पूछ चुके हैं.' ''

# किसने किया है Adipurush का VFX?

ये देखिए आप 'आदिपुरुष' टीज़र का एंड क्रेडिट प्लेट. इसमें जिस लाइन को लाल रंग से अंडरलाइन किया गया है, उस पर ध्यान दें-

थोड़े करीब से देखिए:

फिल्म के क्रेडिट प्लेट पर साफ लिखा हुआ है कि 'आदिपुरुष' के VFX सुपरवाइज़र प्रसाद सुतार हैं. प्रसाद सुतार NY VFXwaala कंपनी के सह-संस्थापक हैं. ये जानकारी आपको NY VFXwaala के लिंक्ड-इन पेज पर भी मिल जाएगी. यहां देखिए उसका स्क्रीनशॉट-

प्रसाद सुतार के ट्विटर हैंडल पर भी लिखा हुआ है कि वो NY VFXwaala के को-फाउंडर यानी सह-संस्थापक हैं. सूबत ये रहा-

# तो क्या NY VFXwaala झूठ बोल रही है?

फिर ये कंपनी क्यों कह रही है कि उन्होंने 'आदिपुरुष' का VFX नहीं किया? इसके पीछे दो वजहें हो सकती हैं-

अव्वल तो कंपनी फर्जी के फजीहत से बचना चाहती है. क्योंकि जिस तरह की ट्रोलिंग 'आदिपुरुष' के CGI की हो रही है, उससे कंपनी के भविष्य पर बुरा प्रभाव पड़ेगा. क्योंकि इसके बाद कोई उस कंपनी के साथ काम नहीं करना चाहेगा. अगर वो ये चीज़ स्वीकार नहीं कर सकते, तो बयान जारी करके पल्ला तो नहीं झाड़ना चाहिए. ये नैतिकता कहती है. बिज़नेस सेंस नहीं.  

दूसरी वजह है कंफ्यूज़न. मसला ये है कि यहां दो कंपनियों के नाम का ज़िक्र हो रहा है. पहली कंपनी है NY VFXwaala. और दूसरी कंपनी है NY VFXwalla. हो सकता है दोनों कंपनियों के नाम एक से होने की वजह से कुछ कंफ्यूज़न हो गया हो. मगर मसला ये है कि 'आदिपुरुष' के VFX को लेकर जो बयान जारी किया गया है, उसमें दोनों ही तरह से इस कंपनी का नाम लिखा हुआ है.

बाएं हाथ पर बने कंपनी के लोगो पर NY VFXwaala लिखा है. जबकि स्टेटमेंट के भीतर उस कंपनी के नाम की स्पेलिंग NY VFXwalla है. आप खुद चेक कर लीजिए-

इससे ये बात साफ हो रही है कि गंगाधर ही शक्तिमान है. यानी दोनों कंपनियां किसी न किसी तरीके से एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं. या वो एक ही कंपनी है.

किसी भी फिल्म के खराब VFX या CGI वर्क के लिए सिर्फ VFX कंपनी को जिम्मेदार नहीं माना जाना चाहिए. क्योंकि किसी भी फिल्म या प्रोजेक्ट को लेकर अंतिम फैसला डायरेक्टर और प्रोड्यूसर का ही होता है. उनकी परमिशन के बिना कुछ नहीं हो सकता. क्योंकि वो डायरेक्टर का विज़न है और प्रोड्यूसर का पैसा, जिससे फिल्म बन रही है. अगर ओम राउत को 'आदिपुरुष' का VFX ठीक नहीं लगा, तो फिर उन्होंने टीज़र क्यों रिलीज़ किया? वो फिल्म के VFX को और समय देते, ताकि उसके बेहतर किया जा सकता.

हालांकि, VFX कंपनी की ये ज़िम्मेदारी तो बनती ही थी कि उन्हें जो काम सौंपा गया है, वो उसे बेस्ट तरीके से करें. अगर वो ऐसा नहीं करते, तो ये उनकी गलती भी है. भारतीय थिएटर सीन में क्रांति का संचार करने वाले मशहूर थिएटर डायरेक्टर और ड्रामा टीचर इब्राहिम अल्काज़ी कहते थे-

“There’s no justification for producing bad quality work.”