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अल्लू अर्जुन को हाई कोर्ट ने दी अंतरिम जमानत

निचली अदालत ने Allu Arjun को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था.

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अल्लू अर्जुन के खिलाफ संध्या थिएटर में मची भगदड़ मामले में केस दर्ज हुआ था. (फोटो - पीटीआई)

तेलंगाना हाई कोर्ट ने एक्टर अल्लू अर्जुन (Allu Arjun bail) को गिरफ्तारी के कुछ घंटे बाद ही अंतरिम जमानत दे दी है. 'पुष्पा 2' फिल्म (Pushpa 2) के प्रीमियर शो के दौरान मची भगदड़ में एक महिला की मौत मामले में अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी हुई थी. हाई कोर्ट ने कहा कि भगदड़ की घटना के लिए एक्टर को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है क्योंकि वे जरूरी अनुमति के बाद मूवी के प्रीमियर में गए थे. अल्लू अर्जुन को ये अंतरिम जमानत चार हफ्तों के लिए मिली है. हाई कोर्ट ने उन्हें 50 हजार रुपये का निजी बॉन्ड जमा करने का आदेश दिया है.

दरअसल, 4 दिसंबर को हैदराबाद के संध्या थिएटर में पुष्पा-2 के प्रीमियर शो के दौरान भीड़ जमा हो गई थी. इसी भीड़ में फंसने के बाद दम घुटने से रेवती नाम एक महिला की मौत हो गई थी. इस मामले में अल्लू अर्जुन, उनकी सिक्योरिटी टीम और सिनेमाघर मैनेजमेंट के खिलाफ केस दर्ज किया गया था.

इसी मामले में 13 दिसंबर को हैदराबाद की एक निचली अदालत ने अल्लू अर्जुन को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था. इसके बाद अल्लू अर्जुन को गिरफ्तार कर लिया गया था. लेकिन इसके खिलाफ अल्लू ने हाई कोर्ट में अपील की थी.

हाई कोर्ट ने क्या कहा?

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, हाई कोर्ट में जस्टिस जुवाडी श्रीदेवी की बेंच ने मामले की सुनवाई की. कोर्ट ने पुलिस की दलीलों को खारिज किया कि अर्जुन को पता था कि अगर वो स्क्रीनिंग में जाते हैं तो ऐसी घटना हो सकती है. कोर्ट ने कहा, 

“क्या वे हादसे के लिए जिम्मेदार हैं? उन्हें इसके बारे में क्या पता था? उन्होंने मंजूरी ली थी. एक्टर होने के कारण उन्हें उनके अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है. इस धरती के नागरिक होने के नाते उन्हें भी जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार है.”

कोर्ट ने अंतरिम जमानत देते हुए अल्लू अर्जुन को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया है. उनके अलावा, दो और आरोपियों को जमानत मिली है.

एक्टर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 105 (गैर-इरादतन हत्या), 118 (1) (जानबूझकर चोट पहुंचाना) के तहत केस दर्ज किया गया था. मृतक महिला के परिवार की शिकायत पर हैदराबाद के चिक्कड़पल्ली थाने में ये केस दर्ज हुआ था. एक्टर ने कोर्ट से अपने खिलाफ दर्ज हए केस को रद्द करने की भी मांग की थी.

सरकारी वकील ने क्या दलील दी?

पुलिस की तरफ से पेश हुए वकील ने दलील दी कि अल्लू अर्जुन को कहा गया था कि वे फिल्म के प्रीमयर में ना जाएं. इस पर कोर्ट ने पूछा कि इसका लिखित में क्या सबूत है कि एक्टर और एक्ट्रेस को ये बताया गया था कि वे थिएटर में ना जाएं.

जवाब में वकील ने कहा, 

"घटना से पहले उन्हें (एक्टर्स) बताया गया था, SHO ने उन्हें सूचित किया था. मैं कोर्ट में डॉक्यूमेंट पेश करूंगा."

वकील ने कोर्ट को बताया कि अभी FIR रद्द करने का आदेश नहीं दिया जा सकता, क्योंकि आरोपी पहले से गिरफ्तार हैं. ये कहते हुए उन्होंने डॉक्यूमेंट्स फाइल करने का समय मांगा.

अल्लू अर्जुन की तरफ से पेश हुए वकील निरंजन रेड्डी ने जवाब दिया कि FIR या रिमांड रिपोर्ट ये नहीं कहता है कि वहां किसी की जान जाने वाली है (अगर अर्जुन स्क्रीनिंग के लिए जाते हैं). इस कथित अपराध के लिए अधिकतम पांच साल की सजा होती है.

उन्होंने शाहरुख खान के केस का उदाहरण दिया, जिसमें उनके खिलाफ रईस फिल्म के प्रोमोशन के दौरान मची भगदड़ के लिए गैर-इरादतन हत्या का केस दर्ज हुआ था. कोर्ट को बताया गया कि गुजरात हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने शाहरुख खान को जमानत दी थी. उस मामले में भी शाहरुख ने अनुमति ली हुई थी. रेड्डी ने ये भी कहा कि उस मामले में शाहरुख टीशर्ट्स फेंक रहे थे, जबकि यहां तो ऐसा कुछ भी नहीं था.

वकील ने कहा कि वे सिर्फ अंतरिम जमानत की मांग कर रहे हैं. उन्होंने दलील दी कि पुलिस जानती है कि अल्लू अर्जुन जांच में सहयोग करेंगे, भाग नहीं जाएंगे.

दोनों तरफ की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने अल्लू अर्जुन और दो अन्य आरोपियों को जमानत दे दी.

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