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पैसों की कमी की वजह से दिल्ली में कैंसिल हुई आमिर की 'सितारें ज़मीन पर' की शूटिंग

अजय देवगन की 'रेड 2' और जान्हवी कपूर की फिल्म 'उलझ' की शूटिंग भी पहले दिल्ली में होने वाली थी मगर इसी एक वजह से मेकर्स को अपना प्लान बदलना पड़ा और छोटे शहरों में दोनों फिल्मों को शूट करना पड़ा.

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आमिर खान ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि वो पूरी कोशिश करेंगे कि इस साल के अंत तक 'सितारे ज़मीन पर' तैयार होकर बड़े पर्दे पर रिलीज़ हो जाए.

Aamir Khan अपनी अगली फिल्म  Sitaare Zameen Par पर काम कर रहे हैं. जिसकी शूटिंग जल्द ही राजधानी दिल्ली में शुरू की जानी थी. मगर अब खबर आ रही है कि मेकर्स ने इसके दिल्ली शेड्यूल को कम कर दिया है. वो फिल्म सिटी में या किसी और छोटे शहर में दिल्ली का सेटअप लगाकर इसकी शूटिंग करेंगे. ऐसा करने की वजह है महंगाई. क्या है पूरा मसला आइए समझते हैं.

फिल्मों को रियल लोकेशन पर शूट करना काफी पॉपुलर है. मेकर्स पूरी टीम के साथ रियल लोकेशन्स पर शूटिंग करना पसंद करते हैं. मगर आमिर की 'सितारे ज़मीन पर' की शूटिंग का प्लान बदला जा रहा है. बॉक्स ऑफिस वर्ल्ड वाइड की रिपोर्ट के मुताबिक बढ़ती महंगाई की वजह से इसकी शूटिंग अब दिल्ली के रियल लोकेशन्स पर ना करके किसी छोटे शहर में की जाएगी. एचटी की रिपोर्ट्स के मुताबिक पहले इस फिल्म को महीने भर के लिए दिल्ली में शूट किया जाना था. लेकिन अब इसे दिल्ली में सिर्फ 8-10 दिनों के लिए ही शूट किया जाएगा.

मेट्रो सिटी की महंगाई को देखकर मेकर्स ने ये फैसला लिया है. मेट्रो स्टेशन से लेकर पार्किंग और कनाट प्लेस जैसी रियल लोकेशन्स पर 'सितारे ज़मीन...' की शूटिंग करना फिल्म के बजट पर भारी पड़ रहा है. मेकर्स भोपाल या लखनऊ जैसे शहर में दिल्ली का सेटअप लगाकर इसकी शूटिंग कर सकते हैं.

हर घंटे लाखों रुपए चुकाने पड़ते हैं

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली के राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर शूटिंग के लिए हर घंटे 2 लाख रुपए देने पड़ते हैं. वहीं इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर शूटिंग की लागत करीब 12 लाख रुपए प्रति घंटा होती है. सिर्फ यही नहीं मेट्रो रेल कॉरपोरेशन और नगर निगम वालों को भी मेकर्स को पैसे देने पड़ते हैं. हर घंटे लाखों के हिसाब से मेकर्स को पैसे देने पड़ते हैं. इसके अलावा टैक्स और पार्किंग के लिए भी प्रोडक्शन हाउस को पैसे देने पड़ते हैं.

दिल्ली जैसे बड़े शहरों में शूटिंग की बजाय लखनऊ या भोपाल जैसे छोटे शहरों में शूटिंग करना थोड़ा सस्ता पड़ता है. वहां सभी चीज़ों के चार्जेस कम हैं. प्रोडक्शन हाउस को टैक्स भी कम देना पड़ता है. इसके अलावा शूटिंग परमिशन्स भी बड़े शहरों के मुकाबले छोटे शहरों में जल्द ही मिल जाया करती है. इसलिए मेकर्स अब इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि छोटे शहरों में ही सेटअप लगाकर शूट किया जाए. जिससे मूवी के बजट पर कम असर पड़े.

वैसे ये पहली बार नहीं है जब किसी फिल्म की शूटिंग के लिए छोटे शहर को चुना गया हो. इसके पहले अजय देवगन की 'रेड 2' और जान्हवी कपूर की 'उलझ' की शूटिंग भी दिल्ली के बजाय छोटे शहरों में की गई. 'उलझ' की शूटिंग लंदन में हुई थी. जिसमें प्रोडक्शन का बजट काफी बढ़ गया था. इसी को बैलेंस करने के लिए इसे भोपाल में शूट किया गया. ऐसे ही रेड 2 के कुछ सीन्स को सिर्फ चार दिनों तक दिल्ली में शूट किया गया. फिर इसकी शूटिंग 47 दिनों तक लखनऊ में की गई. जहां दिल्ली का सेटअप लगाया गया था.

ख़ैर, 'सितारे ज़मीन पर' की बात करें तो ये 'लाल सिंह चड्ढा' के बाद आमिर खान की अगली फिल्म होगी. जिसमें उनके साथ जेनिलिया डिसूज़ा नज़र आएंगी. इसे इस साल क्रिसमस पर रिलीज़ करने की तैयारी है. वहीं 'रेड 2' को राजकुमार गुप्ता डायरेक्ट कर रहे हैं. इसमें अजय के साथ वाणी कपूर, रितेश देशमुख जैसे कलाकार होंगे.  

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