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जिगर-कलेजा छील देने वाली 5 हॉरर फिल्में जिन पर दनादन बैन लगाया गया

एक फिल्म के डायरेक्टर को तो पुलिस उठाकर ले गई थी. बाद में कोर्ट में साबित करना पड़ा कि उसने फिल्म में असली इंसानों को नहीं मारा है.

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ये फिल्में कमज़ोर दिल वालों के लिए नहीं हैं.

Horror Films. एक ऐसी दुनिया जहां जाने में हिचकिचाहट भी होती है. डर भी लगता है. मगर उत्सुकता सभी में बनी रहती है, फिर चाहे वो अंधेरे में वॉशरूम कॉल को दबाने वाले लोग ही क्यों ना हो. दुनियाभर के सिनेमा से कुछ ऐसी ही हॉरर फिल्मों के बारे में बताएंगे जिन्हें देखने के लिए जिगरा मज़बूत होना चाहिए. ये वो फिल्में हैं जिन पर कई देशों ने बैन तक लगा दिया था. 

#1. कैनिबल होलोकॉस्ट  

इटैलियन फिल्ममेकर रोजेरो डियोदातो ने ये फिल्म बनाई थी. कहानी एक डाक्यूमेंट्री फिल्म बनाने वाले ग्रुप की थी. उन्हें पता चलता है कि एमेजॉन के जंगल में एक नरभक्षी समुदाय है. वो लोग उन पर डाक्यूमेंट्री फिल्म बनाने जाते हैं और वापस नहीं लौटते. उनकी फुटेज एक न्यूज़ स्टेशन को मिलती है. फिर न्यूज़ वाले लोग उन जंगलों में जाने का फैसला लेते हैं. इस दौरान कितने लोग मारे जाते हैं, कितना खून-खराबा होता है, यही इस भयावह फिल्म की कहानी है. इस फिल्म को इटली, फ़्रांस, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, नॉर्वे और यूनाइटेड किंगडम में बैन कर दिया गया था. 

Cannibal Holocaust
ये इस फिल्म की कुछ चुनिंदा तस्वीरों में से एक है जिसे बिना घिनाए देखा जा सकता है. 

पहली बड़ी वजह थी कि फिल्म के लिए असली जानवरों को मारा गया था. इटली ने जानवरों के प्रति हिंसा के कानून को ध्यान में रखते हुए फिल्म पर बैन लगाया. फिल्म में कई सारे किरदारों को वीभत्स ढंग से मरते हुए दिखाया गया. लोगों को लगा कि फिल्म के लिए वास्तविकता में लोगों को मारा गया है. इटली में डियोदातो के खिलाफ केस हुआ. उन्हें जेल भी हुई. मामला कोर्ट में पहुंचा. कहा जा रहा था कि जितने भी एक्टर्स को मारा गया, उन्हें किसी ने भी नहीं देखा था. यहां डियोदातो का खेला था. दरअसल फिल्म की रिलीज़ से पहले उन्होंने मरने वाले एक्टर्स से कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाया था, कि वो रिलीज़ के एक साल तक मीडिया में कहीं भी नज़र नहीं आएंगे. उनका आइडिया काम कर गया था. लोगों को सच में लगा कि डायरेक्टर ने हत्या करवाई हैं. कोर्ट में जाने के बाद डियोदातो ने एक्टर्स से संपर्क साधा. तब जाकर कोर्ट और लोगों ने माना कि वो सब काल्पनिक था. कहा जाता है कि ‘कैनिबल होलोकॉस्ट’ फाउंड फुटेज जॉनरा की जनक है. 

#2. द एक्सॉर्सिस्ट

इस फिल्म को 50 साल से ज़्यादा हो चुके हैं. फिर भी इसे सबसे महान हॉरर फिल्म माना जाता है. फिल्म में दिखाया गया कि एक लड़की में शैतान की आत्मा प्रवेश कर जाती है. उसे बचाने के लिए एक पादरी आता है. वो शैतान उस लड़की से क्या-कुछ करवाता है, वही फिल्म का सबसे डरावना हिस्सा था. ‘द एक्सॉर्सिस्ट’ बहुत मायनों में एक शॉकिंग फिल्म थी. पहली तो जिस तरह से भूत या प्रेत-आत्मा के कॉन्सेप्ट को दिखाया गया. दूसरा कि धार्मिक कट्टरपंथियों ने बहुत ऑफेंस लिया. कई धार्मिक ग्रुप नहीं चाहते थे कि शैतान को फिल्म में दिखाया जाए. यही वजह है कि इंग्लैंड के कुछ हिस्सों में फिल्म पर बैन भी लगाया गया था. 

#3. द टेक्सस चेनसॉ मैसेकर

बहुत सीमित बजट में बनी फिल्म. पहली नज़र में आप इसे बी या सी ग्रेड की फिल्म समझकर खारिज कर दें. लेकिन ये बिना भूत वाली फिल्म दुनिया की सबसे डरावनी फिल्मों में से एक है. मैंने बहुत समय पहले ये फिल्म देखी थी. लेकिन उसके बारे में लिखते हुए आज भी रोंगटे खड़े हो रहे हैं. खैर कहानी कुछ लोगों की थी जो सुनसान इलाके में रहते हैं. वहां से गुज़रने वाले लोगों की हत्या करते हैं. यहीं से हॉलीवुड के सअबसे आइकॉनिक विलन में से एक, लेदर फेस का जन्म हुआ था. इस फिल्म ने स्लैशर फिल्मों की नींव रखी थी. ‘द टेक्सस चेनसॉ मैसेकर’ को इंग्लैंड के साथ ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, फ़्रांस, स्वीडन और फिनलैंड जैसे देशों में बैन कर दिया गया था. 

#4. द इविल डेड 

The Evil Dead
फिल्म पर बहुत हो-हल्ला मचा था. 

आपकी पसंदीदा स्पाइडर-मैन फिल्मों के डायरेक्टर सैम रेमी ने ये फिल्म बनाई थी. ये सैम की पहली फिल्म थी. फिल्म देखकर हॉलीवुड दंग रह गया और दुनिया को सैम रेमी जैसा डायरेक्टर मिला. इस फिल्म ने अब कल्ट क्लासिक का दर्जा हासिल कर लिया है. हालांकि लंबे समय तक इस फिल्म को ढूंढना बहुत मुश्किल था. वजह थी कि इसे बहुत ज़्यादा सेंसर कर दिया गया था. कहानी कुछ कॉलेज स्टूडेंट्स की थी जो गलती से शैतानी आत्माओं को आज़ाद कर देते हैं. सैम रेमी की हॉरर जोनरा पर कितनी गहरी पकड़ है, उसका आइडिया आपको ये फिल्म देखकर लग जाएगा. ‘द इविल डेड’ को यूक्रेन, फिनलैंड और सिंगापुर में बैन कर दिया गया था. 

#5. आई स्पिट ऑन योर ग्रेव (1978)

बहुत सारे क्रिटिक्स का मानना है कि इस फिल्म में बुद्धिमानी का कोई निशान नहीं. इसे सिर्फ दर्शकों को चौंकाने और डराने के मकसद से बनाया गया. बाकी कुछ लोग ऐसे भी हैं जो आज तक इसमें अर्थ ढूंढ रहे हैं. आगे जाकर इस फिल्म को कई बार रीबूट किया गया, लेकिन मेकर्स ओरिजनल जैसा इफेक्ट पैदा नहीं कर पाए. जो लोग मानते हैं कि उन्होंने दुनियाभर की घिनौनी और डरावनी फिल्में देखी हैं, उनके लिए भी ये फिल्म देखना आसान बात नहीं है. कहानी एक राइटर की है. चार आदमी उस पर बुरी तरह हमला करते हैं. उसका यौन उत्पीड़न करते हैं और उसे मरने के लिए छोड़ देते हैं. आगे वो ढूंढ-ढूंढकर उनसे बदला लेती है. इंग्लैंड के साथ-साथ 14 देशों में फिल्म पर बैन लग गया था.                                                   
 

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