महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बारामती से अपना चाचा अजित पवार के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले युगेंद्र पवार ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की जांच का आवेदन दिया है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) यानी NCP (SP) के युगेंद्र पवार ने 19 EVM के माइक्रोकंट्रोलर के वेरिफिकेशन के लिए जिला प्रशासन को एप्लिकेशन दी है. इस प्रक्रिया के लिए उन्होंने 8.96 लाख रुपये का भुगतान किया है.
EVM की जांच कराएंगे चाचा अजित पवार के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले युगेंद्र, दिए 9 लाख रुपये
Maharashtra Election के नतीजे आने के बाद राज्य भर में कई उम्मीदवारों ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के माइक्रोकंट्रोलर के वेरिफिकेशन के लिए आवेदन दिए हैं. इनमें एक नाम Ajit Pawar के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले उनके भतीजे Yugendra Pawar का भी है. जानिए अब आगे की प्रक्रिया क्या होगी.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद राज्य भर में कई उम्मीदवारों ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के माइक्रोकंट्रोलर के वेरिफिकेशन के लिए आवेदन दिए हैं. पुणे के 21 निर्वाचन क्षेत्रों में से 11 क्षेत्रों के उम्मीदवारों ने आधिकारिक तौर पर माइक्रोकंट्रोलर की दोबारा जांच के लिए चुनाव आयोग से अपील की है.
माइक्रोकंट्रोलर का वेरिफिकेशन चाहने वाले अन्य प्रमुख उम्मीदवारों में NCP (SP) के हडपसर से उम्मीदवार प्रशांत जगताप और पुणे कैंट से कांग्रेस के उम्मीदवार रमेश बागवे शामिल हैं. प्रशांत जगताप ने अपने निर्वाचन क्षेत्र हडपसर में इस्तेमाल की गईं कुल ईवीएम में से 27 के वेरिफिकेशन की मांग की है. इसके लिए उन्हें लगभग 12 लाख रुपये का भुगतान करना होगा.
EVM वेरिफिकेशन के लिए आवेदन 23 नवंबर को घोषित चुनाव नतीजों के 7 दिनों के अंदर देना था. पुणे में उम्मीदवारों ने 137 ईवीएम सेटों में माइक्रोकंट्रोलर के वेरिफिकेशन की मांग की है. इस पर आने वाले खर्च के लिए चुनाव आयोग को सामूहिक रूप से 66.64 लाख रुपये का भुगतान किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन्स के मुताबिक जो उम्मीदवार अपने निर्वाचन क्षेत्रों में दूसरे या तीसरे स्थान पर रहते हैं, वे अपने विधानसभा क्षेत्र में इस्तेमाल की गईं इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में से 5% के माइक्रोकंट्रोलर की जांच की अपील कर सकते हैं. उम्मीदवार को इस प्रक्रिया के लिए एक लिखित आवेदन और वेरिफिकेशन पर आने वाले खर्च का भुगतान करना होता है.
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जिला चुनाव अधिकारियों ने पुष्टि की है कि उन्होंने वेरिफिकेशन एप्लिकेशन के बारे में राज्य के मुख्य चुनाव कार्यालय को सूचित कर दिया है. माइक्रोकंट्रोलर की जांच कड़ी निगरानी में की जाएगी. इस प्रक्रिया के दौरान उम्मीदवार मौजूद रहेगा. और इसमें वीवीपीएटी निर्माण कंपनियों के इंजीनियर शामिल होंगे.
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