अपने घर की पार्टी हो तो कम उम्र में भी सांसदी या विधायकी का टिकट मिल जाता है. दूसरे शब्दों में इसे पॉलिटिकल प्लेसमेंट भी कह सकते हैं. बीते लोकसभा चुनाव में कई नेता पुत्रों की प्लेसमेंट आपने देखी होगी, जैसे इंडियन नैशनल लोकदल से चुने गए दुष्यंत चौटाला हों या मुलायम सिंह यादव के परिवार के लोग. घर की पार्टी है तो नेता बनना आसान है. लेकिन 25-30 साल की उम्र में किसी शख़्स को अगर नैशनल पार्टी टिकट दे तो ये खास बात बन जाती है. ऐसा ही हुआ है तेजस्वी सूर्या के साथ. तेजस्वी को भारतीय जनता पार्टी ने बेंगलुरु साउथ से टिकट दिया है. और तेजस्वी की उम्र भी महज 28 साल है. लोकसभा चुनाव लड़ने की लिमिट 25 साल से महज 3 साल ज्यादा.
बेंगलुरु साउथ पहले भाजपा के दिग्गज नेता रहे अनंत कुमार की सीट थी. पिछले साल अनंत कुमार का इंतकाल हो गया था. वो 6 बार सांसद रहे थे. यानी तेजस्वी के लिए इतने बड़े नेता की सीट भर पाना बड़ी चुनौती होगी. जब तेजस्वी को टिकट मिली तो उन्होंने ट्वीट के ज़रिए अपना एक्साइटमेंट दिखाया. ये खुशी दिखाने का तरीका भी मिलेनियल्स ( 2000 के आसपास पैदा हुए बच्चे) वाला था. उन्होंने लिखा -
'OMG-OMG बीजेपी ने मुझे टिकट दे दिया' कहने वाला 28 साल का लड़का कौन है??
अनंत कुमार जैसे बड़े नेता की सीट पर तेजस्वी को बीजेपी ने टिकट क्यों दिया, ये भी जानिए.
OMG OMG!!! मुझे यकीन नहीं हो रहा. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री और दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी के अध्यक्ष ने 28 साल के युवा पर बैंगलोर साउथ जैसी प्रतिष्ठित सीट में उनका प्रतिनिधित्व करने के लिए भरोसा जताया है. ये सिर्फ मेरी भाजपा में हो सकता है. सिर्फ नरेंद्र मोदी के न्यू इंडिया में हो सकता है.
OMG OMG!!! I can't believe this. PM of world's largest democracy & President of largest political party have reposed faith in a 28 yr old guy to represent them in a constituency as prestigious as B'lore South. This can happen only in my BJP. Only in #NewIndia
of @narendramodi
— Chowkidar Tejasvi Surya (@Tejasvi_Surya) March 25, 2019
कौन हैं ये तेजस्वी अब ऐसा भी नहीं है कि तेजस्वी के पूरे परिवार का कोई राजनीतिक कनेक्शन नहीं है. तेजस्वी के अंकल रवि सुब्रमणय भाजपा के नेता हैं. मौजूदा समय में वो विधायक हैं. इसके अलावा मैसूर सीट से सिटिंग MP प्रताप सिम्हा से उनका क़रीबी रिश्ता है. ट्विटर पर टैग करते हुए तेजस्वी ने उन्हें अपना भाई बताया. माने वो सगे भाई नहीं हैं, लेकिन उनका आपसी प्रेम भाव है.
प्रताप सिम्हा मैसूर से लोकसभा सांसद हैं. इस बार के चुनावों में वो भी फिर किस्मत आज़माएंगे.
इसके अलावा तेजस्वी शुरू से ही RSS में एक्टिव थे. बाद में ABVP में आए और अब भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा में महासचिव हैं. भाजपा के आई.टी सेल में काम करते हुए उन्होंने बेहतर लीडरशिप दिखाई. जिसका इनाम ये सीट मिलना बताया जा रहा है. भाजपा आई.टी सेल के मुखिया अमित मालवीय ने खासतौर पर ट्वीट करके तेजस्वी को बधाई दी.
अनंत कुमार की पत्नी को मिलनी थी टिकट कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने कुछ दिन पहले कहा था कि अनंत कुमार के बाद बेंगलुरु साउथ से उनकी पत्नी तेजस्विनी चुनाव लड़ेंगी. लेकिन पार्टी ने अनंत के परिवार से किसी को ना चुनकर, 28 साल के युवा को मौका दिया है. तेजस्वी ने ट्विटर पर कुछ साल पुरानी फोटो डाली है. इसमें वो अनंत कुमार के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं. टिकट मिलने के बाद उन्होंने अनंत कुमार को अपना गुरु बताया.
अनंत कुमार केंद्र की राजनीति करते थे. केंद्र में दक्षिण से आने वाले नेताओं में काफी ऊंचा कद रखते थे. वो लंबे समय तक संगठन के अहम पदों पर रहे थे.
तेजस्वी ने अनंत की पत्नी तेजस्विनी के बारे में भी ट्वीट किया. लिखा कि तेजस्विनी मैम ने मुझे शुभकामनाएं दी हैं और मैं उनका शुक्रगुज़ार हूं. इनके अलावा तेजस्वी ने RSS के पदाधिकारियों का भी शुक्रिया अदा किया.
एक वीडियो क्लिप पर विवाद भी हो रहा है नेतागिरी शुरू हुए अभी चार दिन ही हुए हैं, विरोधी तेजस्वी को घेरने भी लगे हैं. दरअसल, तेजस्वी सूर्या ने अपने ट्विटर पर एक वीडियो पिन किया है. माने, टॉप पर लगाया है. इस वीडियो की आखिरी लाइनों में तेजस्वी ने कहा है -
जो मोदी के साथ नहीं है वो भारत विरोधी है.
इस पर हाय-तौबा मचना लाज़मी था. सोशल मीडिया पर लोगों के तरह-तरह के रिएक्शन आ रहे हैं. कुछ लोग कह रहे हैं कि नए नेता और पढ़े-लिखे नेता से ये उम्मीद नहीं थी. कुछ मौज लेते हुए ऐसे बयानों को टिकट मिलने की मेरिट बता रहे हैं. इसके अलावा एक और तस्वीर सोशल मीडिया पर घूम रही है. जिसमें दिख रहे शख्स को कुछ लोग तेजस्वी बता रहे हैं. इस तस्वीर को तेजस्वी ने अपने फेसबुक अकाउंट से पोस्ट किया था.
ये तस्वीर कब की है, किस जगह या इवेंट की है, ये अभी कंफर्म नहीं है.
बहरहाल, बेंगलुरु सीट पर तेजस्वी का मुकाबला कांग्रेस के बी.के हरिप्रसाद से होगा. हरिप्रसाद कांग्रेस के महासचिव हैं. वो कुछ दिन पहले बालाकोट स्ट्राइक पर अपनी बयानबाज़ी के लिए भाजपा के निशाने पर थे. खैर, तेजस्वी अगर चुनाव जीतते हैं तो वो 17वीं लोकसभा के सबसे युवा सदस्य हो सकते हैं.
वीडियो- रविशंकर प्रसाद प्रचार करने पटना पहुंचे थे, बीजेपी समर्थक सामने ही लड़ पड़े