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बंगाल में चुनाव के दिन भयानक हिंसा, बमबारी-गोलीबारी, पिछले 24 घंटे में 9 लोगों की मौत

2018 पंचायत चुनाव जैसा हाल. कई जगह बम फेंके जाने और बूथ पर हमले की घटना. हर पार्टी का एक-दूसरे पर आरोप.

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सबसे ज्यादा 7 टीएमसी कार्यकर्ताओं की मौत हुई (फोटो- ANI)

पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए वोटिंग शुरू हो गई. लेकिन वोटिंग से पहले देर रात से ही कई जिलों में हिंसा भड़क गई. अलग-अलग जिलों में हिंसा के कारण कम से कम 9 राजनीतिक कार्यकर्ताओं की मौत हुई है. इसमें तृणमूल कांग्रेस के सात, बीजेपी और CPI(M) के एक-एक कार्यकर्ता हैं. इसके अलावा कई कार्यकर्ताओं को गोली लगी है, कई हमलों में घायल हुए हैं. सभी पार्टियां एक-दूसरे के ऊपर हमले का आरोप लगा रही है. इस तरह की हिंसा तब हो रही है, जब शांति से चुनाव कराने के लिए बड़ी संख्या में केंद्रीय बलों और राज्य पुलिस को तैनात किया गया है.

भारतीय जनता पार्टी ने कूचबिहार जिले में अपने एक पोलिंग एजेंट माधव बिस्वास का वीडियो शेयर किया है. TMC कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाते हुए बीजेपी ने कहा कि माधव को बुरी तरह मार दिया गया. माधव कूचबिहार के फालिमारी गांव में पोलिंग एजेंट था. हमले के बाद इस बूथ पर वोटिंग रोक दी गई. यहां से बीजेपी की उम्मीदवार माया बर्मन हैं. समाचार एजेंसी ANI ने एक तस्वीर पोस्ट की है जिसमें माया के सिर पर पट्टी बंधी है. माया ने आरोप लगाया कि 'टीएमसी के गुंडों' ने उनके एजेंट पर बम फेंका और मार दिया. उनके ऊपर भी हमला किया गया.

इसी तरह, कई जगहों पर टीएमसी कार्यकर्ताओं पर भी हमले हुए हैं. मुर्शिदाबाद जिला पहले से भारी हिंसा की चपेट है. यहां के कापसडांगा इलाके में एक TMC कार्यकर्ता को मार दिया गया. अस्पताल में लाते ही उसे मृत घोषित कर दिया गया. मुर्शिदाबाद के रेजीनगर में कथित बम ब्लास्ट में एक और टीएमसी कार्यकर्ता की मौत हुई. वहीं जिले के खारग्राम इलाके में एक पार्टी कार्यकर्ता को चाकू से गोदकर मार दिया गया.

तृणमूल कांग्रेस ने कार्यकर्ताओं पर हमले और कानून-व्यवस्था की विफलता के लिए राज्य में तैनात केंद्रीय बलों को जिम्मेदार ठहरा दिया. TMC ने आधिकारिक हैंडल से ट्विटर पर लिखा, 

"इस तरह की दुखद घटनाएं वोटरों को झटका देती हैं. रेजीनगर, तूफानगंज और खारग्राम में हमारे तीन पार्टी कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है. दोमकोल में दो कार्यकर्ता गोली लगने से घायल हैं. BJP, CPIM और कांग्रेस खूब जोर लगाकर केंद्रीय बलों को तैनात करने की मांग कर रही थी. तो जब उनकी जरूरत सबसे ज्यादा है तो केंद्रीय बल कहां हैं? ये चुनाव शुरू होने से पहले ही लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में उनकी विफलता का संकेत है."

मालदा में भी कांग्रेस के झड़प में एक टीएमसी कार्यकर्ता की मौत हुई है. जिले में कई जगहों पर बमबारी भी की गई है. पूर्वी मिदनापुर में TMC बूथ अध्यक्ष देवकुमार राय पर हमला हुआ. जलपाईगुड़ी में भी पार्टी के उम्मीदवार पर हमला हुआ. टीएमसी ने बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमले का आरोप लगाया है.

वहीं, पूर्वी बर्धमान में एक CPI(M) कार्यकर्ता की मौत हुई है. झड़प में घायल होने के बाद 32 साल के रजीबुल हक को कोलकाता के एक अस्पताल में लाया गया था. यहीं पर उनकी मौत हो गई. कूचबिहार में भी पार्टी के एक कार्यकर्ता हफीजुर रहमान को गोली मारी गई.

कई जगहों से बम ब्लास्ट की भी खबरें आई हैं. इसके अलावा विपक्षी दलों ने बूथ लूटने का भी आरोप लगाया है. बीजेपी और CPI(M) ने  एक पोलिंग बूथ का वीडियो शेयर किया. बीजेपी का आरोप है कि वीडियो नूरपुर पंचायत का है, जहां रात के अंधेरे में ही वोटिंग हो गई है. टीएमसी के गुंडों ने लोकतंत्र के त्योहार में हिस्सा लिया.

हिंसा की घटनाओं पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कोई बयान नहीं आया है. वहीं, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कई इलाकों का दौरा किया. उन्होंने कहा कि यह हम सबके लिए चिंता की बात होनी चाहिए. लोकतंत्र के लिए सबसे डरावना दिन है...चुनाव बैलेट के जरिये होना चाहिए ना कि बुलेट से.

राज्य में 63,229 ग्राम पंचायत की सीटों, 9,730 पंचायत समिति और 928 जिला परिषद की सीटों पर वोटिंग हो रही है. चुनाव नतीजे 11 जुलाई को घोषित होंगे. चुनाव की घोषणा के बाद राज्य में जारी हिंसा के कारण कम से कम 24 लोगों की मौत हो चुकी है. हिंसा की बढ़ती घटनाओं के कारण केंद्र सरकार ने सशस्त्र बलों की अतिरिक्त 485 कंपनियों को तैनात करने का फैसला किया था. अधिकारियों के मुताबिक, राज्य में चुनाव कराने के लिए केंद्रीय बलों के करीब 65 हजार और राज्य पुलिस के 70 हजार कर्मी तैनात हैं. 

राज्य में 2018 के पंचायत चुनाव में भी भारी हिंसा हुई थी. बम फेंके जाने से लेकर बूथ कैप्चरिंग सब हुई थी. ठीक चुनाव वाले दिन 13 लोगों की मौत हुई थी. चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी 34 परसेंट सीटों पर निर्विरोध जीत गई थी. हिंसा के बीच TMC के हिस्से करीब 90 फीसदी सीट आई थी.

वीडियो: ग्राउंड रिपोर्ट : पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में लाशें गिरने की असली वजह