लोकसभा चुनाव में सीटों के लिहाज से सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में सात चरणों में चुनाव होंगे. इलेक्शन कमीशन ने आज देश में आम चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया. पूरे देश में कुल 7 चरणों में चुनाव होंगे. और अगले पांच साल तक देश की सत्ता किसके हाथों में होगी, इस बात का फैसला 4 जून को होगा. 4 जून को चुनाव नतीजों का एलान होगा.
UP में सात चरण में होगा मतदान, आपकी सीट पर कब डाले जाएंगे वोट?
Loksabha Election 2024: देश में सात चरणों में पूरा होगा मतदान.
19 अप्रैल (पहला चरण): सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, नगीना, मुरादाबाद, रामपुर, पीलीभीत
26 अप्रैल (दूसरा चरण): अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा
7 मई (तीसरा चरण): संभल, हाथरस, आगरा, फतेहपुर सीकरी, फिरोज़ाबाद, मैनपुरी, एटा, बदायूं, ओंला, बरेली
13 मई (चौथा चरण): शाहजहांपुर, खीरी, धौरहरा, सीतापुर, हरदोई, मिसरिख, उन्नाव, फर्रूखाबाद, इटावा, कन्नौज, कानपुर, अकबरपुर, बहराइच
20 मई (पांचवा चरण): मोहनलालगंज, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, जालौन, झांसी, हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर, कौशांबी, बाराबंकी, फैजाबाद, कैसरगंज, गोंडा
25 मई (छठा चरण): सुलतानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, इलाहाबाद, अंबेडकर नगर, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, संत कबीर नगर, लालगंज, आज़मगढ़, जौनपुर, मछलीशहर, भदोही
1 जून (सातवां चरण): महराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव, घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर, रॉबर्ट्सगंज
उत्तर प्रदेश का चुनावकहा जाता है कि दिल्ली का रास्ता यूपी से होकर ही गुज़रता है. यानी जिसने उत्तर प्रदेश जीत लिया दिल्ली में सरकार उसी दल की बनती है. ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि यूपी में 80 लोकसभा सीटें हैं. देश में सबसे ज्यादा लोकसभा सीटें इसी राज्य में हैं. जनसंख्या के लिहाज़ से भी यूपी सबसे बड़ा राज्य है. यानी यहां के वोटर राजनीतिक पार्टियों के वोट प्रतिशत को घटाने और बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
इस बार यूपी में सपा और कांग्रेस INDIA गठबंधन के तले साथ चुनाव लड़ रहे हैं. इससे पहले दोनों पार्टियों ने 2017 विधानसभा चुनाव में गठबंधन किया था. सीटों की बात करें तो सपा 63 सीटों पर लड़ रही है जबकि कांग्रेस के हिस्से में 17 सीटें आई हैं. हालांकि सपा ने भदोही सीट तृणमूल कांग्रेस के लिए छोड़ दी है.
पिछली बार की तरह इस बार भी बीजेपी अपना दल के साथ चुनाव लड़ रही है. संजय निषाद की निषाद पार्टी NDA का हिस्सा पहले से ही है. ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव समाज पार्टी (सुभासपा) एक बार फिर बीजेपी के साथ आ गई है. हालांकि निषाद पार्टी और सुभासपा को चुनाव में टिकट मिलना मुश्किल बताया जा रहा है.
पिछले चुनाव का हालबात अगर पिछले चुनावों की करें तो 2019 में बीजेपी गठबंधन को सबसे ज्यादा सीटें मिली थीं. यूपी में बीजेपी ने 78 सीटों पर चुनाव लड़ा था. जिनमें 62 सीटों पर भगवा पार्टी ने जीत दर्ज की. साथ ही राज्य में NDA का हिस्सा अनुप्रिया पटेल के अपना दल को दो सीटें मिली. यानी यूपी में बीजेपी नेतृत्व में NDA ने कुल 64 सीटें अपने नाम कीं.
ये वो चुनाव था जब सपा और बसपा अपनी राजनीतिक लड़ाई भुलाकर 23 साल बाद साथ आ रहे थे. यही वजह थी कि 2014 में एक भी सीट न जीत पाने वाली मायावती की बसपा को 10 सीटों पर जीत मिली. हालांकि सपा को सिर्फ पांच सीटों पर ही संतोष करना पड़ा. 2019 चुनाव में यूपी में कांग्रेस का इतिहास में सबसे खराब प्रदर्शन देखने को मिला. इस चुनाव में तब के पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी अमेठी सीट भी नहीं बचा पाए थे. कांग्रेस को सिर्फ एक सीट मिली. रायबरेली में सोनिया गांधी ने अपनी पारंपरिक सीट से जीत दर्ज की थी.
उत्तराखंड में कब होंगे चुनावउत्तराखंड में चुनाव के पहले चरण में ही वोटिंग होगी. यानी 19 अप्रैल, 2024 को उत्तराखंड की सभी सीटों पर वोटिंग हो जाएगी. साल 2000 में उत्तर प्रदेश से अलग होकर बने इस राज्य में लोकसभा की कुल पांच सीटें हैं.
पिछले दो लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने सभी सीटों पर जीत दर्ज की थी. पिछली बार बीजेपी से दो प्रमुख चेहरे मैदान में थे. तीरथ सिंह रावत और रमेश पोखरियाल. दोनों ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. पोखरियाल को चुनाव के बाद कैबिनेट में भी जगह मिली. हालांकि इस बार उनका टिकट कट गया है. हरिद्वार से उनकी जगह राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को टिकट दिया गया है.
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