इसी महीने यानी जनवरी की शुरुआत में स्वामी प्रसाद मौर्या सहित BJP के दर्जन भर नेताओं ने अचानक समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया था. लेकिन अब इसका उल्टा होना शुरू हो गया है. अब सपा के कई बड़े नेता पार्टी से इस्तीफा देकर दूसरी पार्टियों में जा रहे हैं. हालांकि, इनमें ज्यादातर नेता ऐसे हैं, जिन्होंने सपा से टिकट न मिलने पर पार्टी से इस्तीफा दिया है.
पूर्व मंत्री मदन चौहान ने थामा बसपा का हाथ
मंगलवार 18 जनवरी को यूपी के हापुड़ जिले की गढ़ विधानसभा सीट से सपा के उम्मीदवार की घोषणा हुई. सपा ने मेरठ के पूर्व सांसद और सपा के राष्ट्रीय महासचिव रहे हरीशपाल की बहू नैना सिंह को उम्मीदवार बनाया. इसके बाद टिकट की आस लगाए बैठे पूर्व मंत्री और तीन बार के विधायक मदन चौहान को बड़ा झटका लगा. मदन चौहान ने कुछ ही घंटे बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का दामन थाम लिया. बसपा ने तुरंत गढ़ विधानसभा से अपने घोषित उम्मीदवार का टिकट काटकर मदन चौहान को दे दिया.
मदन चौहान वेस्ट यूपी के बड़े ठाकुर नेता माने जाते हैं. गढ़ सीट पर सपा प्रत्याशी के तौर पर उन्होंने 2002, 2007 और 2012 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी. 2012 में सपा सरकार में उन्हें स्वतंत्र प्रभार का मंत्री बनाया गया था. हालांकि, मदन चौहान 2017 में चुनाव हार गए थे.
फोटो: मदन चौहान/फेसबुक
शाहजहांपुर जिले से वर्तमान सपा विधायक ने छोड़ी पार्टी
शरदवीर सिंह यूपी के शाहजहांपुर जिले की जलालाबाद सीट से सपा के विधायक हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की लहर होने के बाद भी उन्होंने चुनाव जीत लिया था. शरदवीर सिंह ने जलालाबाद सीट पर तीन बार चुनाव जीता है, उससे पहले उनके पिता इस सीट से कई बार विधायक रहे. इस बार भी शरदवीर को टिकट मिलने की पूरी उम्मीद थी. लेकिन, इन उम्मीदों पर तब पानी फिर गया, जब जनवरी की शुरुआत में स्वामी प्रसाद मौर्या ने सपा जॉइन की, उनके साथ बीजेपी नेता नीरज मौर्या ने भी सपा का दामन थामा. नीरज मौर्या जलालाबाद सीट से विधायक रह चुके हैं, इस बार वे बीजेपी से टिकट मांग रहे थे. लेकिन सपा जॉइन करने के बाद उन्हें अखिलेश यादव ने टिकट दे दिया. इससे नाराज होकर वर्तमान सपा विधायक शरदवीर सिंह ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. शरदवीर का यह भी कहना है कि वे अब सपा प्रत्याशी नीरज मौर्या को हारने के लिए पूरा जोर लगाएंगे. बीजेपी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक शरदवीर सिंह आज 20 जनवरी को लखनऊ में बीजेपी जॉइन कर सकते हैं.
सलोना कुशवाहा ने सपा छोड़ भाजपा जॉइन की
सलोना कुशवाहा शाहजहांपुर की तिलहर सीट से सपा के टिकट की दावेदार थीं. वे काफी समय से इस क्षेत्र में सक्रिय भी थीं. लेकिन स्वामी प्रसाद मौर्या के साथ सपा में आए बीजेपी विधायक रोशन लाल वर्मा ने उनका खेल बिगाड़ दिया. सपा ने तिलहर से रोशन लाल को अपना उम्मीदवार बना दिया. इससे नाराज होकर सलोना कुशवाहा ने सपा से इस्तीफा दे दिया और बीजेपी ज्वाइन कर ली. योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने उन्हें भाजपा की सदस्यता ग्रहण करवाई. सलोना कुशवाहा को बीजेपी तिलहर से अपना उम्मीदवार बना सकती है.
मंत्री सुरेश खन्ना सोनल कुशवाहा को बीजेपी जॉइन कराते हुए (फोटो: मुन्ना कुशवाहा/फेसबुक)
अपर्णा यादव और नितिन अग्रवाल ने छोड़ी पार्टी
बुधवार 19 जनवरी को दिल्ली में मुलायम सिंह की बहू अपर्णा यादव ने सपा छोड़ बीजेपी जॉइन कर ली. बताया जाता है कि वे सपा में लखनऊ की कैंट सीट से टिकट मांग रही थीं, लेकिन पार्टी के मना करने के बाद उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया. बुधवार को ही सपा नेता नितिन अग्रवाल (Nitin Aggarwal) ने भी पार्टी छोड़ दी. वे जल्द ही बीजेपी में शामिल हो सकते हैं.
आपको बतादें कि नितिन अग्रवाल वरिष्ठ भाजपा नेता नरेश अग्रवाल के बेटे हैं. वे समाजवादी पार्टी से हरदोई विधान सभा से विधायक हैं. साल 2021 में वे भाजपा की मदद से यूपी विधानसभा के उपाध्यक्ष बने थे.
सीतापुर के पूर्व विधायक निर्मल वर्मा ने सपा छोड़ी
निर्मल वर्मा सीतापुर की बिसवां विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं. बुधवार 19 जनवरी को उन्होंने अचानक सपा छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया. निर्मल वर्मा 2007 में पहली बार बसपा के टिकट से बिसवां विधानसभा से विधायक बने थे. इसके बाद उन्होंने 2012 और 2017 के विधानसभा चुनावों में बसपा के टिकट पर ही ताल ठोंकी लेकिन दोनों बार हार गए. साल 2018 में निर्मल वर्मा बसपा छोड़ साइकिल पर सवार हो गए. उन्हें 2022 के विधानसभा चुनाव में बिसवां से सपा का संभावित प्रत्याशी माना जा रहा था, लेकिन बुधवार को वे अचानक भाजपा में चले गए.