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सपा ने जिया उल हक की हत्या के आरोपी को टिकट थमा दिया, पत्नी ने उठाए सवाल

जिया उल हक की हत्या के आरोपी गुलशन यादव को कुंडा से टिकट मिला है.

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बाएं से दाएं. दिवंगत पुलिस अधिकारी Ziaul Haq और उनकी पत्नी. (फोटो: इंडिया टुडे)
गुलशन यादव को कुंडा सीट से उम्मीदवार बनाए जाने पर दिवंगत सीओ जिया उल हक की पत्नी ने समाजवादी पार्टी के ऊपर सवाल उठाए हैं. साल 2013 में प्रतापगढ़ में तैनात सीओ जिया उल हक की हत्या कर दी गई थी. आरोप गुलशन यादव पर लगा था. साथ ही साथ कुंडा के विधायक और पूर्व राज्य मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया को भी नामजद किया गया था. गुलशन यादव उस वक्त रघुराज प्रताप सिंह के करीबी थे. इंडिया टुडे से जुड़े आशीष श्रीवास्तव की रिपोर्ट के मुताबिक, गुलशन यादव और रघुराज प्रताप सिंह की उम्मीदवारी पर सवाल उठाते हुए जिया उल हक की पत्नी परवीन आजाद ने कहा है,
"अभी केस बंद नहीं हुआ है और चुनाव में गुलशन यादव जैसे लोग सामने हैं. ऐसे में जनता के बीच साफ छवि के लोगों को होना चाहिए. प्रतापगढ़ की जनता को इस बात का फैसला करना चाहिए कि किसे विधायक बनाया जाए."
2 मार्च 2013 के दिन जिया उल हक की हत्या कर दी गई थी. उस दिन वे यूपी के प्रतापगढ़ के बलीपुर गांव में एक विवाद को रोकने पहुंचे थे. मामला गांव के प्रधान नन्हे यादव की हत्या की वजह से शुरू हुआ था. नन्हे यादव की हत्या के बाद उनके समर्थक हथियार लेकर अराजकता फैलाने लगे. इसकी जानकारी मिलने पर जिया उल हक गांव की तरफ निकले. बाद में उनका शव प्रधान के घर के पीछे बने एक खड़ंजे पर मिला. CBI ने दी क्लीनचिट लेकिन... जिया उल की हत्या के मामले में उनकी पत्नी ने गुलशन यादव और रघुराज प्रताप सिंह के खिलाफ नामजद FIR दर्ज कराई थी. इस पूरे मामले के चलते उस समय यूपी कैबिनेट में रहे रघुराज प्रताप सिंह को इस्तीफा देना पड़ा था. बाद में इस मामले में CBI ने उन्हें क्लीन चिट दे दी. हालांकि, परवीन आजाद ने इस क्लीन चिट के खिलाफ कोर्ट में अर्जी डाली. कोर्ट ने रघुराज प्रताप सिंह के खिलाफ फिर से जांच शुरू करने का आदेश दिया. इसके बाद गुलशन यादव और रघुराज प्रताप सिंह अलग हो गए. इस पूरे मामले ने उत्तर प्रदेश की नई-नवेली अखिलेश यादव सरकार को हिलाकर रख दिया था. अब समाजवादी पार्टी ने इसी मामले के आरोपी गुलशन यादव को टिकट दिया है. साल 1993 से रघुराज प्रताप सिंह इस सीट से विधायक हैं. इस बार के चुनाव में गुलशन यादव और रघुराज सिंह एक-दूसरे के खिलाफ लड़ेंगे. दूसरी तरफ, परवीन आजाद अभी पुलिस मुख्यालय में ओएसडी पद पर तैनात हैं.