"ऐसा करने की अनेक वजहें हो सकती हैं. एक वजह तो ये थी कि मायावती जी की सरकार अल्पमत में थी. हम लोगों की ये मांग थी कि आप बहुमत सिद्ध करें. छह महीने से अधिक हो गया था और कभी भी बहुमत सिद्ध करने के लिए कहा जा सकता था. ये बात सब जानते थे कि मायावती जी के पास बहुमत नहीं था. भारतीय जनता पार्टी के कुछ विधायकों से लेकर छोटे दलों के और निर्दलीय विधायक अंसतुष्ट थे. इस आवाज को दबाने के लिए फर्जी मुकदमे किए गए. ये बताने की कोशिश की गई कि इस तरह के मुकदमे तैयार हैं, सुधर जाओ. लेकिन हम लोग आगे बढ़ते गए."'मुलायम का नैतिक समर्थन' रघुराज प्रताप सिंह ने बताया कि उनके ऊपर एक विधायक के नाम पर फर्जी मुकदमा दर्ज कराया गया. शिकायत की गई कि उन्होंने उस विधायक के माथे पर लखनऊ के किसी चौराहे पर पिस्टल लगा दी. उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें लगातार खबरें मिल रही थीं कि जल्द ही उन्हें जेल में डाल दिया जाएगा. इसके चलते उन्होंने अपना सामान भी पैक कर लिया था. कुंडा के विधायक ने आगे बताया कि एक रात वो सो रहे थे कि रात ढाई बजे उन्हें बताया गया कि पुलिसवाले आए हैं. इसके बाद उन्होंने पुलिसवालों के लिए चाय बनाने के लिए कहा. फिर पूछा कि आखिर वो उनके घर क्यों आए. पुलिसवालों ने कहा कि उनके पास रघुराज प्रताप सिंह की गिरफ्तारी का वारंट है. जिसके बाद रघुराज प्रताप सिंह ने कहा कि अगर पुलिसवालों के पास समय हो तो वो आराम से चाय पी लें और फिर वो उनके साथ चलेंगे. उन्होंने बताया कि इस सब घटनाक्रम के दौरान उन्हें मुलायम सिंह यादव का नैतिक समर्थन मिल रहा था.
राजा भैया के 'पीछे' मायावती क्यों पड़ी थीं, पर्दे के पीछे की पूरी कहानी
राजा भैया ने लखनऊ में किस विधायक के माथे पर 'पिस्टल लगा' दी थी?
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले दी लल्लनटॉप अपने राजनीतिक मंच जमघट के तहत अलग-अलग नेताओं का इंटरव्यू कर रहा है. इसी क्रम में हमारे संपादक सौरभ द्विवेदी ने उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले की कुंडा सीट से विधायक और जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया से सवाल पूछे. रघुराज प्रताप सिंह ने कहा कि बसपा सुप्रीमो मायावती की सरकार में उनके ऊपर फर्जी मुकदमे लगाए गए. हमारे संपादक ने पूछा कि आखिर कथित तौर पर मायावती ने ऐसा क्यों किया? जवाब में रघुराज प्रताप सिंह ने बताया,