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'क्या गोवा में सब एक तरह के कपड़े पहनते हैं...', UCC पर PM मोदी ने क्या तर्क दिया?

PM मोदी ने संविधान में बदलाव करने के विपक्ष के आरोपों पर भी जवाब दिया है.

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पीएम मोदी ने UCC पर गोवा का उदाहरण दिया. (फाइल फोटो: आजतक)

लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया टुडे को एक्सक्लूसिव इंटरव्यू (PM Narendra Modi interview) दिया. इस दौरान PM मोदी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) पर विपक्ष के ‘नैरेटिव’ पर खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि UCC देश के लिए है, किसी पॉलिटिकल पार्टी का विजन नहीं है. PM मोदी ने विपक्ष की ओर से लगाए जा रहे संविधान बदलने के आरोपों पर कहा कि संविधान बदलने की शुरुआत कांग्रेस पार्टी ने की थी.

UCC पर गोवा का उदाहरण

PM मोदी से पूछा गया कि UCC पर एक दूसरा नैरेटिव है कि ये 'वन नेशन, वन ड्रेस', 'वन नेशन, वन फूड', 'वन नेशन, वन लैंग्वेज' और आगे 'वन नेशन, वन लीडर' हो जाएगा. इस पर PM ने गोवा का उदाहरण देते हुए जवाब दिया,

“गोवा में UCC है. मुझे बताइए कि क्या गोवा में लोग एक ही प्रकार के कपड़े पहनते हैं क्या? गोवा के लोग एक ही प्रकार का खाना खाते हैं क्या? क्या मजाक बनाकर रखा है? भारत की सुप्रीम कोर्ट ने कम से कम दो दर्जन बार कहा है कि इस देश में UCC लाओ.”

पीएम मोदी ने पहले का एक किस्सा भी सुनाया, जब महाराष्ट्र में उन्होंने स्कूली बच्चों से UCC से जुड़े सवाल पूछे थे. उन्होंने बताया कि तब वो काफी जूनियर थे और एकता यात्रा में कन्याकुमारी से कश्मीर तक जाने के लिए निकले थे. यात्रा के दौरान महाराष्ट्र के औरंगाबाद में उन्हें कुछ स्कूल बच्चे मिले थे. उन्होंने आगे बताया,

“मैंने बच्चों से कहा कि ये बताओ आपके परिवार में पांच लोग हैं. बड़े भाई के लिए आपके माता-पिता एक नियम-कानून रखते हैं. दूसरे भाई के लिए दूसरा नियम-कानून रखते हैं, तीसरे के लिए तीसरा... तो आपका परिवार चलेगा क्या? सब बच्चे बोले, 'नहीं-नहीं, ऐसा कैसे चल सकता है?' उन बच्चों ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड होना चाहिए और ये 8वीं-9वीं के बच्चे थे. जो मेरे देश के, महाराष्ट्र के टियर 2, टियर 3 के बच्चे समझते हैं, वो देश के नेता नहीं समझते हैं.”

PM ने कहा कि UCC देश के लिए है, किसी पॉलिटिकल पार्टी का विजन नहीं है. देश के संविधान में लिखा हुआ है कि भारत को उस दिशा में जाना चाहिए.

संविधान में बदलाव के आरोपों पर PM मोदी का जवाब

प्रधानमंत्री से पूछा गया कि इन दिनों एक नया 'नैरेटिव' चल पड़ा है कि आप संविधान बदलने वाले हैं. इस पर उन्होंने जवाब दिया,

“इस देश में ऐसा भी झूठ चल सकता है, जिसका सिर-पैर नहीं है. सवाल ये पूछना चाहिए, इस देश में सबसे पहले संविधान के साथ खिलवाड़ किसने किया? पंडित नेहरू ने किया. संविधान में वो जो पहला संशोधन लाए, वो फ्रीडम ऑफ स्पीच को रिस्ट्रिक्ट (दबाने वाला) करने वाला लाए. यानी वो लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ था. दूसरा (संशोधन) उनकी बेटी (इंदिरा गांधी) लाईं. प्रधानमंत्री थीं वो. बेटी ने क्या किया, कोर्ट ने जजमेंट दिया कि आप संसद में नहीं रह सकतीं, तो कोर्ट के जजमेंट को उलट कर दिया. देश में आंदोलन चला, तो उन्होंने इमरजेंसी लगाकर सारे अखबारों को बंद कर दिया.”

PM मोदी ने आगे कहा,

"उसके बाद उनके बेटे आए. शाहबानो का जजमेंट आया. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट उलट दिया. फिर वो मीडिया पर अंकुश लगाने के लिए एक कानून लाए. उस समय देश भर में विपक्ष थोड़ा मजबूत हुआ था, मीडिया भी वाइब्रेंट होने लगा था. सब टूट पड़े कि हम फिर से इमरजेंसी नहीं आने देंगे. डरकर उन्हें उसे वापस लेना पड़ा. फिर उनके बेटे आए, तो रिमोट कंट्रोल से सरकार चल रही थी. संविधान से सरकार बनी थी, एक कैबिनेट बनी थी. उस कैबिनेट ने एक निर्णय किया और एक शहजादा प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर कैबिनेट के निर्णय की धज्जियां उड़ा देता है. इतना ही नहीं, कैबिनेट फिर अपने मुद्दे को रिवर्स कर देती है. इसका मतलब ये हुआ कि एक ही परिवार के चार लोगों ने अलग-अलग समय पर संविधान की धज्जियां उड़ाईं."

PM ने कहा कि संविधान के लिए ऐसी हरकत करने का जमाना चला गया है. उन्होंने कहा कि जब तक मोदी जिंदा है, तब तक जो संविधान सभा की मूल भावना है कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं होगा मैं इसके लिए लड़ाई लड़ूंगा.

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