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तीसरे टर्म में 'वन नेशन वन इलेक्शन' लागू होना तय? PM मोदी ने इरादे साफ कर दिए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया गया कि अगर वो तीसरे कार्यकाल में आते हैं तो क्या 'वन नेशन, वन इलेक्शन' के वादे को पूरा किया जाएगा? टेस्ट मैच का उदाहरण देते हुए पीएम ने इसका जवाब दिया है.

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वन नेशन, वन इलेक्शन कमीशन की रिपोर्ट पर स्टडी जारी है- PM मोदी ( फोटो- इंडिया टुडे)

प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा चुनाव 2024 के बीच आजतक को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में 'वन नेशन, वन इलेक्शन' पर अपने विचार जाहिर किए हैं. पीएम मोदी से सवाल पूछा गया कि लोकसभा का चुनाव हो या फिर विधानसभा, बीजेडी, YSR कांग्रेस जैसे दल भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ पूरी शिद्दत से लड़ते हैं. लेकिन जब संसद में कोई ऐसा काम होता है, जहां पर संख्या की जरूरत होती है या फिर कोई विधेयक पास करना होता है, तो ये पार्टियां सरकार के साथ खड़ी नजर आती हैं. ऐसे में क्या वोटर कंफ्यूज नहीं होगा? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका जवाब दिया कि वो तीन या चार महीने के लिए चुनाव कराए जाने के पक्ष में हैं. उन्होंने कहा,

“5 साल राजनीति नहीं होनी चाहिए. हमें चार-साढ़े चार साल मिल बैठ कर देश चलाना चाहिए. चुनाव के समय हमें पूरी ताकत से एक दूसरे के खिलाफ लड़ना चाहिए.”

टेस्ट मैच के उदाहरण से PM ने समझाया

पीएम मोदी ने टेस्ट मैच का उदाहरण देते हुए कहा कि आपने देखा होगा खेलकूद में फ्रेंडली मैच होते हैं. लेकिन,जब असली मैच होता है तब आमने-सामने हार-जीत की लड़ाई होती है. पहले टेस्ट मैच होता था, उसके पहले तीन दिन का एक फ्रेंडली मैच होता था. इस दौरान खिलाड़ी एक-दूसरे को जानते-पहचानते हैं. राजनीति में भी मेरा मत है कि चार-साढ़े चार साल मुद्दों के आधार पर देशहित में हम लोगों को चलना चाहिए.

'एक देश एक चुनाव की रिपोर्ट पर स्टडी'

इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया गया कि अगर वो थर्ड टर्म में आते  हैं तो क्या वन नेशन, वन इलेक्शन के वादे को पूरा किया जाएगा? जिसका जवाब देते हुए पीएम ने कहा कि वन नेशन, वन इलेक्शन हमेशा से उनकी पार्टी का मत रहा है. यह कोई नई बात नहीं है. पीएम ने कहा,

"मुझे नहीं पता ये कहना चाहिए या नहीं, लेकिन मुझे बड़ा दर्द होता है जब एक राज्य में चुनाव हो रहा हो, और देश का प्रधानमंत्री उस राज्य में जाकर किसी भी दल के मुख्यमंत्री के खिलाफ भाषण कर रहा है. ऐसे देश कैसे चलेगा? मेरी मजबूरी है कि मुझे उस राज्य में जाकर बोलना पड़ रहा है. पॉलिटिकल प्रेशर है. अच्छा होगा एक साथ चुनाव हो. जो भी बोलना हो, सब लोग बोल लेंगे."

पीएम मोदी ने वन नेशन, वन इलेक्शन के लिए गठित कमीशन का जिक्र करते हुए कहा कि उसकी रिपोर्ट आ गई है. रिपोर्ट की स्टडी जारी है. उन्होंने कहा कि वन नेशन, वन इलेक्शन को लेकर हमारा कमिटमेंट बस पॉलिटिकल कमिटमेंट नहीं है, बल्कि यह देश के लिए बहुत जरूरी कदम है.  

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चुनाव के दौरान लॉजिस्टिक खर्च का जिक्र

पीएम मोदी  ने चुनाव के दौरान होने वाले खर्च का भी जिक्र किया. बोले चुनाव में लॉजिस्टिक खर्चा होता है. उन्होंने दावा किया कि जब वो गुजरात में थे तो मनमोहन सिंह की सरकार के समय इलेक्शन कमीशन सबसे ज्यादा अफसर ऑब्जर्वर के रूप में गुजरात से ले जाते थे. करीब 70 से 80 अफसर साल में करीब-करीब 100 दिन तक किसी न किसी चुनाव में लगे रहते थे. पीएम मोदी ने कहा कि गुजरात एक एक्टिव राज्य है. 80 लोग (मतलब अधिकारी) चले जाते हैं तो काम कैसे होगा? उन्होंने इसे बंद करने को कहा, लेकिन कानून ऐसे हैं कि अधिकारी देने पड़ते थे. 

पीएम मोदी ने कहा कि ये हर राज्य की मुसीबत है. इसके अलावा आचार संहिता के कारण 45 दिन तक का सबको वेकेशन मिल जाता है. इतना बड़ा देश अगर रुक जाए तो यह बहुत बड़ा संकट है. पहले एक साथ ही इलेक्शन होता था. लेकिन कई चुनावों का दौर 1967 के बाद आया.

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