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चंद्रबाबू नायडू के शपथ ग्रहण में नहीं पहुंचे नीतीश कुमार, NDA में सब ठीक तो है ना?

RJD ने कहा है कि Nitish Kumar जब नाराज होते हैं तो मौन धारण कर लेते हैं. JDU और BJP की सफाई भी आ गई है.

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नीतीश कुमार की पार्टी को केंद्र में दो मंत्री पद मिला है. (तस्वीर साभार: इंडिया टुडे)

चंद्रबाबू नायडू (Chandrababu Naidu Oath Ceremony) एक बार फिर से आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए हैं. बुधवार यानी 12 जून को उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. उनके शपथ ग्रहण समारोह में NDA घटक दल के नेता मौजूद थे. लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम के बाद नायडू के साथ ‘किंगमेकर’ की भूमिका को साझा करने वाले नीतीश कुमार (Nitish Kumar) इस सभा से नदारद रहे. बिहार के CM की इस गैर मौजूदगी ने सबका ध्यान खींचा. बिहार की विपक्षी पार्टी राजद ने इस बात को और बढ़ाया. राजद की तरफ से कहा गया है कि NDA के घटक दलों के बीच सब ठीक नहीं चल रहा है.

राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने इसको लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है,

"जब नीतीश कुमार के मन मुताबिक काम नहीं होता तो वो मौन धारण कर लेते हैं. किसी न किसी तरीके से वो इस बात का संकेत देते हैं. याद करिए जब पटना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रोड शो हुआ था तो नीतीश कुमार के हाथ में ‘कमल छाप’ थमा दिया गया था. इसके बाद नीतीश प्रधानमंत्री के नामांकन समारोह में नहीं पहुंचे थे."

Nitish in Modi Road Show
पटना में PM नरेंद्र मोदी के रोड शो में नीतीश कुमार. (फोटो: वायरल वीडियो से स्क्रीनशॉट)

14 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी लोकसभा सीट से अपना नामांकन भरा था. उनके नामांकन में नीतीश कुमार को भी शामिल होना था. लेकिन बाद में खबर आई कि वो बीमार हैं और इस कारण से PM के नामांकन में नहीं जाएंगे. एजाज अहमद ने आगे कहा,

"भाजपा को तो बहुमत मिला नहीं. NDA के नाम पर उन्होंने बहुमत पाया. इसके बाद मंत्रालयों का जिस तरह बंटवारा हुआ और अभी लोकसभा अध्यक्ष की भी बात होनी है. नीतीश कुमार जनता के हितों के लिए नहीं बल्कि अपने खुद के हितों के लिए नाराज और खुश होते हैं."

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राजद के इस आरोप पर JDU की भी प्रतिक्रिया आ गई है. JDU प्रवक्ता नीरज कुमार और अभिषेक झा ने कहा है कि अब तक नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण में नहीं जाने का कारण उन्हें नहीं बताया गया है. लेकिन राजद के आरोप सिर्फ कयास हैं. नीरज कुमार ने कहा,

"नीतीश कुमार किसी काम में व्यस्त होंगे. NDA में सब ठीक चल रहा है. मुख्यमंत्री जब प्रधानमंत्री के नॉमिनेशन में नहीं गए थे तब भी राजद की ओर से यही सब कहा गया था. लेकिन नीतीश कुमार अब भी NDA में ही हैं न."

JDU नेता और बिहार के मंत्री जमा खान ने कहा है कि समारोह में नहीं जाने के कई कारण हो सकते हैं, तबीयत भी खराब हो सकती है. इस मामले में भाजपा की तरफ से भी प्रतिक्रिया आ गई है. BJP नेता गुरु प्रकाश ने कहा है कि इसका गलत अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए या गलत व्याख्या नहीं की जानी चाहिए.

JDU को कितने मंत्रालय मिले?

PM नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में बनी NDA की सरकार में नंबर्स के मामले में नीतीश और नायडू की अहम भूमिका है. नीतीश के 12 सांसदों को जीत मिली है. नीतीश 4 सांसद पर 1 मंत्री पद के फॉर्मूले से अपनी पार्टी के लिए 3 मंत्रालय चाहते थे. लेकिन उनकी पार्टी को 2 मंत्रालय मिले हैं. एक कैबिनेट और एक राज्य मंत्री का पद. ललन सिंह को पंचायती राज मंत्री, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी का विभाग दिया गया है और राम नाथ ठाकुर को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री का पद दिया गया है

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