मिजोरम में विधानसभा चुनाव (Mizoram assembly election result) के वोटों की गिनती लगभग पूरी हो चुकी है. चुनाव आयोग की अब तक की काउंटिंग से साफ हो गया है कि सत्ताधारी पार्टी मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) इस चुनाव में हार गई है. 40 सीटों वाले मिजोरम में MNF को केवल 9 सीटों पर जीत मिली है और 1 सीट पर आगे चल रही है. वहीं जोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) 27 सीटों पर जीत गई है. इसके अलावा 2 सीटों पर बीजेपी और 1 सीट पर कांग्रेस की जीत हुई है.
Mizoram Election Results: 5 साल पहले आई ZPM ने सबके झंडे उखाड़े, CM जोरमथांगा भी हारे
नतीजों से साफ है कि मिजोरम में सत्ता परिवर्तन होने जा रहा है. मिजोरम के मौजूदा मुख्यमंत्री जोरमथांगा भी अपनी सीट हार गए हैं. आईजोल पूर्वी-1 सीट से जोरमथांगा को 2101 वोटों से हार का सामना करना पड़ा है. इस सीट पर ZPM के ललथनसांगा ने जीत हासिल की है.
इन नतीजों से साफ है कि मिजोरम में सत्ता परिवर्तन होने जा रहा है. मिजोरम के मौजूदा मुख्यमंत्री जोरमथांगा भी अपनी सीट हार गए हैं. आईजोल पूर्वी-1 सीट से जोरमथांगा को 2101 वोटों से हार का सामना करना पड़ा है. इस सीट पर ZPM के ललथनसांगा ने जीत हासिल की है.
मिजोरम में वोटों की गिनती 3 दिसंबर को ही होनी थी, लेकिन चुनाव आयोग ने इसे आगे बढ़ा दिया था. आयोग के अनुसार कई राजनीतिक दलों के अनुरोध पर मतगणना की तारीख आगे बढ़ाई गई थी. इसके बाद यहां 4 दिसंबर को वोटों की गिनती हो रही है.
इससे पहले 2018 के विधानसभा चुनाव में यहां बड़ा उलटफेर देखने को मिला था. तब 10 साल से सत्ता में रही कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था और मिजो नेशनल फ्रंट ने सरकार बनाई थी. MNF को 26 सीटों पर जीत मिली थी. इस बार ZPM की सरकार बनने जा रही है. इससे पहले एग्जिट पोल्स में भी कहा गया था कि यहां सत्ता बदल सकती है.
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ZPM किसकी पार्टी है?जोरम पीपुल्स मूवमेंट मिजोरम की पांच साल पुरानी पार्टी है. 2019 में ही इस पार्टी को चुनाव आयोग से मान्यता मिली थी. इससे पहले तमाम एग्जिट पोल्स में भी इस पार्टी की खूब चर्चा रही. अब इस पार्टी को अच्छी बढ़त मिल रही है. पार्टी के प्रमुख हैं लालदुहोमा. 2018 के चुनाव में उन्होंने निर्दलीय ही चुनाव लड़ा था. उन्होंने उस चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालथनहलवा को हराया था.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मिजोरम की राजनीति में लालदुहोमा एक चर्चित नाम है. वो 1977 बैच के IPS अधिकारी रह चुके हैं. लालदुहोमा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सिक्योरिटी इंचार्ज भी रहे हैं. बाद नें उन्होंने भारतीय पुलिस सेवा से इस्तीफा दे दिया था और राजनीति में आ गए थे. 1984 में पहली बार उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था और जीतकर सांसद बने थे. 1988 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी. उस वक्त दल-बदल अधिनियम के तहत उन्हें संसद की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया गया था.
इससे पहले, 3 दिसंबर को 4 राज्यों मे हुई वोटों की गिनती में तीन राज्यों में भाजपा को जीत मिली है. तेलंगाना में कांग्रेस को जीत मिली है. वहीं मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार बनाने जा रही है.
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