केरल की मलप्पुरम लोकसभा (Malappuram Lok Sabha Result) सीट से BJP के एकमात्र मुस्लिम उम्मीदवार अब्दुल सलाम (BJP Only Muslim Candidate) की बुरी हार हुई है. इस सीट UDF गठबंधन के ईटी मोहम्मद बशीर ने जीत हासिल की है. मोहम्मद बशीर इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के उम्मीदवार थे. केरल में UDF कांग्रेस के नेतृत्व वाला गठबंधन है. इधर, मलप्पुरम सीट से CPM के नेतृत्व वाले लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट ने CPM के वी वसीफ को मैदान में उतारा था. राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस और लेफ्ट संगठनों का गठबंधन है, लेकिन केरल में ये अलग-अलग लड़ रहे हैं.
Malappuram Lok Sabha Result: BJP के एकमात्र मुस्लिम कैंडिडेट का रिजल्ट ऐसा आएगा, सोचा भी नहीं होगा!
Malappuram Lok Sabha Result: केरल की मलप्पुरम लोकसभा सीट मुस्लिम बाहुल्य सीट है. ये IUML का गढ़ है. BJP ने इस सीट से अपने एकमात्र मुस्लिम उम्मीदवार डॉक्टर अब्दुल सलाम को चुनावी मैदान में उतारा था.
IUML के ईटी मोहम्मद बशीर को 6 लाख 44 हजार से अधिक वोट मिले. वहीं CPM के वी वसीफ 3 लाख 43 हजार से अधिक वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे. वहीं BJP के अब्दुल सलाम को 85 हजार से कुछ अधिक वोट मिले.
2014 और 2019 के नतीजे2019 के लोकसभा चुनाव में मलप्पुरम सीट पर IUML के पीके कुन्हालीकुट्टी ने जीत हासिल की थी. उन्हें लगभग 5 लाख 89 हजार वोट मिले थे. उनका वोट प्रतिशत लगभग 57 रहा था. वहीं CPM के वीपी सानू लगभग 31 प्रतिश वोट के साथ दूसरे नंबर पर रहे थे. सानू को लगभग 3 लाख 30 हजार वोट मिले थे. BJP के उन्नीकृष्णन लगभग 8 फीसदी वोट के साथ तीसरे नंबर पर रहे थे. उन्हें 82 हजार से अधिक वोट मिले थे.
2014 के चुनाव में भी ये सीट IUML ने जीती थी. IUML के ई अहमद 51 प्रतिशत से अधिक मतों के साथ पहले नंबर पर रहे थे. उन्हें लगभग 4 लाख 38 हजार वोट मिले थे. वहीं CPM के पीके साईंबाबा लगभग 2 लाख 43 हजार वोट के साथ दूसरे नंबर पर थे. उनका मत प्रतिशत 29 था. वहीं BJP के एन श्रीप्रकाश लगभग 8 प्रतिशत वोट के साथ तीसरे नंबर पर थे. उन्हें लगभग 65 हजार वोट मिले थे.
मलप्पुरम सीट के समीकरणकेरल की मलप्पुरम लोकसभा सीट मुस्लिम बाहुल्य सीट है. BJP ने इस सीट से अपने एकमात्र मुस्लिम उम्मीदवार डॉक्टर अब्दुल सलाम को चुनावी मैदान में उतारा है. डॉक्टर अब्दुल सलाम कालीकट यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर रह चुके हैं. IUML ने उन्हें नॉमिनेट किया था. साल 2019 में वो BJP में शामिल हुए थे. साल 2021 में उन्होंने केरल विधानसभा चुनाव लड़ा था. तिरूर सीट से उन्हें मात्र 5 फीसदी वोट हासिल हुए थे. मलप्पुरम लोकसभा सीट में उनके लिए चुनौतियां बहुत ज्यादा हैं.
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मलप्पुरम सीट IUML का गढ़ रही है. आजादी के बाद से ही लगातार यहां पर IUML के प्रत्याशी सांसद चुने गए हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस बार भी इस तथ्य के बदलने के आसार बहुत कम हैं.
राजनीतिक विश्लेषक बताते हैं कि CAA का लागू होना मलप्पुरम सीट पर एक प्रमुख मुद्दा है. LDF और UDF दोनों इसे जोर-शोर से उठाते रहे हैं. वहीं BJP की तरफ से चुनावी कैंपेन में इस बात पर जोर दिया गया है कि खुद को मुस्लिम समुदाय का हितैषी बताने वाली विपक्षी पार्टियों ने समुदाय के लिए असल में कुछ नहीं किया है.
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