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शरद पवार के पोते जीते कि हारे?

देवेंद्र फडणवीस ने इन्हें 'बारामती का पार्सल' बुलाया था. लड़ाई थी बाहरी बनाम लोकल की.

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शरद पवार के बड़े भाई अप्पासाहेब पवार के पोते हैं रोहित पवार. उनका पहला चुनावी मुकाबला है ये. बारामती का अपना सुरक्षित इलाका छोड़कर वो BJP के गढ़ कर्जत जामखेड़ सीट पर चुनाव लड़ने आए. ये बड़ा दांव था. BJP ने बाहरी बनाम स्थानीय को अपना मुद्दा बनाया (तस्वीर: दाहिनी तरफ रोहित, बाईं तरफ शरद पवार. फोटो- ट्विटर+PTI)
सीट का नाम- कर्जत जामखेड, अहमदनगर कौन जीता- रोहित पवार, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) कौन हारा- राम शंकर शिंदे, BJP वोट मार्जिन: रोहित पवार 43,347 वोटों से जीत गए हैं. 2009 का नतीजा- राम शंकर शिंदे (BJP) ने केशवराव देशमुख (कांग्रेस) को हराया था. 2014 का नतीजा- राम शंकर शिंदे (BJP) ने रमेश खाडे (शिवसेना) को हराया था. ये सीट अहमदनगर लोकसभा कॉन्स्टिट्यूएंसी का हिस्सा है. BJP उम्मीदवार राम शंकर शिंदे फडणवीस सरकार में जल संरक्षण मंत्री थे. 1995 से ही इस सीट पर जीतती आ रही है BJP. 2009 से ये सीट राम शंकर शिंदे के पास है. BJP के गढ़ में पवार खानदान की तीसरी पीढ़ी इस चुनाव में राम शंकर शिंदे का मुकाबला है रोहित पवार से. शरद पवार के बड़े भाई अप्पासाहेब पवार के पोते हैं रोहित. पवार खानदान की तीसरी पीढ़ी. रोहित का पवार परिवार के गढ़ बारामती से दूर कर्जत जामखेड़ आकर अपना पहला चुनाव लड़ना बड़ा दांव था. रोहित पिछले करीब छह महीने से ही इलाके में घूम रहे थे. BJP ने इस चुनाव में रोहित के बाहरी होने को मुद्दा बनाया. मुकाबला तगड़ा था. यही देखते हुए शायद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने यहां दो रैलियां की. अमित शाह भी रैली करने आए. फडणवीस ने अपनी एक रैली में रोहित को 'बारामती का पार्सल' बताया था. लोगों से अपील करते हुए कहा था कि वे इस पार्सल को वापस भेज दें. रोहित पवार का 'बाहरी' होने पर क्या बचाव था? रोहित अपने पक्ष में ये तर्क दे रहे थे कि वो लोगों के लिए काम करना चाहते हैं. यही सोचकर उन्होंने आसान मुकाबला नहीं चुना. बाहरी होने पर घेरे जाने के जवाब में रोहित उल्टा BJP की ही तरफ उंगली तान देते थे. नाम लेते थे BJP के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल. जो कि रहने वाले हैं कोल्हापुर के. मगर चुनाव लड़ रहे हैं पुणे के कोथरुड सीट से.
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