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मध्यप्रदेश में BJP-कांग्रेस की 'पोस्टर वॉर' की चपेट में आई PhonePe, कंपनी ने सुना डाला

कांग्रेस का आरोप है कि इसकी शुरुआत हुई BJP की तरफ से.

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मध्यप्रदेश में पोस्टर वॉर ने नया मोड़ लिया. (फोटो- ट्विटर/फेसबुक)

मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में साल के आखिर में चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले राज्य में सियासी सिरगर्मी हर दिन के साथ बढ़ रही है. BJP और कांग्रेस के बीच ‘पोस्टर वॉर’ (BJP-Congress Poster War) तूल पकड़ रही है. कांग्रेस का आरोप है कि इसकी शुरुआत हुई BJP की तरफ से. उसने प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ को ‘करप्शन नाथ’ बताते हुए उनके पोस्टर छपवाए. इसके जवाब में कांग्रेस ने सीएम शिवराज सिंह चौहान के पोस्टर PhonePe कंपनी के लोगो के साथ राज्यभर में चिपका दिए. 

पोस्टर में आरोप लगाया गया कि शिवराज सिंह चौहान की सरकार में पैसे लेकर ही काम कराया जाता है. करप्शन होता है. लेकिन कांग्रेस के पोस्टर पर फोनपे की आपत्ति आ गई. इस पर युवा कांग्रेस ने कंपनी को ही धमकी दे डाली. BJP नेता भी मामले पर कांग्रेस को घेरने लगे. फिर प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का बयान आया और दोनों दलों के बीच टकरार बढ़ गई. अब पूरा मामला पॉइंट्स में जान लेते हैं.

BJP-कांग्रेस की पोस्टर वॉर

1. सबसे पहले भोपाल में कांग्रेस नेता कमलनाथ के पोस्टर लगे. उन पर लिखा था 'वांटेड करप्शन नाथ'. पोस्टर में एक QR कोड भी था. साथ में लिखा था 'घोटाले से बचने के लिए स्कैन करें'. मामले पर BJP नेताओं ने कहा कि उनका इन पोस्टरों से कोई लेना देना नहीं है.

2. इसके बाद भोपाल में CM शिवराज सिंह चौहान के पोस्टर लगे. उस पर लिखा है, '50% लाओ और काम कराओ'. पोस्टर के जरिए BJP पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए. साथ में फोनपे का लोगो और स्कैनर था. कांग्रेस पार्टी के स्टूडेंट विंग NSUI (National Student Union of India) के छात्रों ने ये पोस्टर लगाते हुए फेसबुक पर फोटो भी शेयर किए.

3. 26 जून को फोनपे कंपनी ने कांग्रेस के पोस्टरों पर आपत्ति जारी करते हुए ये ट्वीट किया,

“PhonePe किसी भी राजनीतिक या गैर-राजनीतिक थर्ड पार्टी द्वारा उसके ब्रांड लोगो के अनधिकृत इस्तेमाल पर आपत्ति जताता है. हम किसी राजनीतिक अभियान या पार्टी से नहीं जुड़े हैं.”

दूसरे ट्वीट में फोनपे ने लिखा,

“PhonePe का लोगो हमारी कंपनी का एक रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क है. इसका अनधिकृत इस्तेमाल किया गया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी. हम मध्यप्रदेश कांग्रेस से विनम्र निवेदन करते हैं कि हमारे ब्रांड के लोगो और कलर वाले पोस्टर-बैनर हटा दिए जाएं.”

4. इसके बाद फोनपे को कथित रूप से कांग्रेस के लोगों की तरफ से धमकिया मिलने लगीं. कहा गया कि फोनपे के इस ट्वीट के बाद युवा कांग्रेस ने कंपनी के ऐप को बड़े पैमाने पर अनइंस्टॉल करने-कराने की चेतावनी दी है.

5. इस बीच मामले पर FIR दर्ज हो गई है. मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आजतक से जुड़े रवीश पाल सिंह से बातचीत में कहा,

“ये डर्टी पॉलिटिक्स है. हम कहते तो शायद नहीं मानते लेकिन अब तो फोनपे कंपनी ने कह दिया है. छिंदवाड़ा में NSUI के नगर अध्यक्ष ने पोस्टर लगवाए हैं. हमने उनके खिलाफ केस दर्ज किया है. हमारे पास ग्वालियर और बुरहानपुर के CCTV फुटेज हैं. वहां भी केस दर्ज कराया गया है.”

गृह मंत्री ने कहा कि फोनपे कंपनी अगर कहेगी तो उसकी शिकायत पर भी वो कार्रवाई करेंगे. 

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