उत्तर प्रदेश की लखनऊ सीट (Lucknow Lok Sabha Results) से रक्षा मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह जीत चुके हैं. इस सीट पर उनका मुकाबला लखनऊ सेंट्रल सीट के सिटिंग विधायक रविदास मेहरोत्रा से था, जो समाजवादी पार्टी के टिकट से मैदान में थे. राजनाथ सिंह के पाले में 6 लाख 12 हज़ार 709 वोट आए. वहीं रविदास मेहरोत्रा को 4 लाख 77 हज़ार 550 वोट मिले. बहुजन समाज पार्टी के मोहम्मद सरवर मलिक को कुल 30,192 वोट मिले. राजनाथ सिंह 2014 से लगातार लखनऊ से सांसद बने हुए हैं.
Lucknow Election Results: लखनऊ से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की भारी जीत, कितना रहा जीत का अंतर?
Rajnath Singh Election Results 2024: लखनऊ सीट से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी राजनाथ सिंह जीते हैं. उन्होंने सपा के रविदास मेहरोत्रा को करीब एक लाख पैंतीस हजार वोटों से मात दी.


2019 में लखनऊ सीट से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी राजनाथ सिंह जीते थे. उन्होंने सपा प्रत्याशी पूनम सिन्हा को 3 लाख 47 हज़ार 302 मतों के अंतर से हराया था. राजनाथ सिंह को कुल 6 लाख 33 हजार 26 वोट मिले थे. वहीं पूनम सिन्हा को 2 लाख 85 हजार 724 वोट मिले थे. कांग्रेस ने बतौर प्रत्याशी प्रमोद कृष्णन को मैदान में उतारा था. उनके खाते में 1 लाख 80 हजार 11 वोट आए थे.
2014 के नतीजेसाल 2014 में भी लखनऊ सीट से भारतीय जनता पार्टी के राजनाथ सिंह जीते थे. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी रीता बहुगुणा जोशी को 2 लाख 72 हज़ार 749 वोटों से हराया था. राजनाथ सिंह को 5 लाख 61 हज़ार 106 वोट मिले थे. वहीं रीता बहुगुणा जोशी को 2 लाख 88 हज़ार 357 वोट मिले थे.
लखनऊ राजनीतिक दृष्टि से काफ़ी महत्वपूर्ण सीट रही है. लखनऊ सीट पर अब तक हुए 16 लोकसभा चुनावों में 7 बार भारतीय जनता पार्टी के खाते में आई है. वहीं कांग्रेस ने भी 6 बार यहां से जीत हासिल की है. पूर्व-प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी यहां से सांसद थे. 1991 में उनको पहली बार यहां से सांसद चुना गया था. 2004 तक वो लखनऊ सीट से 5 बार चुनाव जीते. अटल बिहारी वाजपेयी के एक्टिव पॉलिटिक्स से रिटायर होने के बाद 2009 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने लालजी टंडन को मैदान में उतारा. लालजी टंडन ने कांग्रेस की प्रत्याशी रीता बहुगुणा जोशी को 40,901 मतों के अंतर से हराया था. साल 1991 से लखनऊ सीट पर भारतीय जनता पार्टी ही भारी रही है.
लखनऊ लोकसभा में करीब 18 प्रतिशत मतदाता राजपूत और ब्राह्मण हैं. वहीं, तकरीबन 18 फीसदी मुस्लिम वोटरों की भागीदारी है. इसके अलावा 28 फीसदी ओबीसी, 0.2 फीसदी अनुसूचित जनजाति और करीब 18 फीसदी अनुसूचित जाति के मतदाता हैं.
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