मैनपुरी लोकसभा सीट (Mainpuri Lok Sabha) से समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी डिंपल यादव (Dimple Yadav) जीत गई हैं. डिंपल यादव ने भारतीय जनता पार्टी के जयवीर सिंह (Jayveer Singh) को 2 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया है. डिंपल यादव को 5 लाख 98,526 वोट मिले. दूसरे नंबर पर रहे जयवीर सिंह को 3 लाख 76,887 लोगों ने वोट किया. वहीं BSP के शिव प्रसाद यादव को मात्र 66,814 वोट मिले हैं.
Mainpuri Election Result: डिंपल यादव सिर्फ चुनाव नहीं जीतीं, आलोचकों की थ्योरी को भी गलत साबित किया
मैनपुरी लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी Dimple Yadav जीत गई हैं. डिंपल यादव ने भारतीय जनता पार्टी के जयवीर सिंह को 2 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से हरा दिया है.


मैनपुरी लोकसभा सीट समाजवादी पार्टी के 'अभेद्य क़िले' के रूप में जानी जाती है. पीछे जाएं, तो 1952 से लेकर 1971 तक ये सीट कांग्रेस के पास रही. फिर 1971 से लेकर 1984 तक, देश में जैसी राजनीतिक उठा-पटक चली, वैसे ही सीट कभी कांग्रेस, कभी जनता दल/जनता पार्टी के खाते में आती-जाती रही. उसके बाद इस सीट पर समाजवादियों का क़ब्ज़ा हो गया. '89 और '91 में जनता पार्टी ने इस सीट से जीत दर्ज की, फिर 1992 में बनी सपा और पार्टी गठन करने के बाद मुलायम सिंह यादव ने यहां से 1996 का चुनाव लड़ा. बंपर जीते.
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तब से इस सीट को सपा का गढ़ और किले जैसी उपमाएं दी जाती हैं. मुलायम सिंह यादव (1996, 2009, 2014, 2019), बलराम सिंह यादव (1998, 1999) धर्मेंद्र यादव (2004), तेज प्रताप यादव (2014) यहां से सांसद रह चुके हैं.
2014 और 2019 के चुनाव नतीजे2014 के लोकसभा चुनाव में सपा के मुलायम सिंह यादव ने 5 लाख 95,918 वोटों के साथ BJP के शत्रुघ्न सिंह चौहान को हराया था. शत्रुघ्न सिंह चौहान को 2 लाख 31,252 वोट मिले थे. हालांकि, 2014 में मुलायम सिंह को मैनपुरी के साथ आजमगढ़ की सीट पर भी जीत मिली थी. इसलिए उन्होंने मैनपुरी सीट छोड़ दी थी और फिर 2014 में ही मैनपुरी में उपचुनाव हुआ था. उसमें सपा के तेज प्रताप सिंह यादव ने जीत दर्ज की थी. उन्हें 6 लाख 53,786 वोट मिले थे. उन्होंने BJP के प्रेम सिंह शाक्य को हराया था, जिन्हें 3 लाख 32,537 वोट मिले थे.
वहीं 2019 के चुनाव में एक बार फिर सपा के मुलायम सिंह यादव ने जीत दर्ज की थी. उन्हें 5 लाख 24,926 वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर BJP के प्रेम सिंह शाक्य थे, जिन्हें 4,30,537 वोट मिले थे.
मुलायम सिंह के निधन के बाद साल 2022 के उपचुनाव में डिंपल यादव अच्छी लीड से जीती थीं. भाजपा के रघुराज सिंह शाक्य को क़रीब 2 लाख 90,000 वोटों के अंतर से हराया था. हालांकि, कुछ आलोचकों और कुछ जानकारों ने - तब भी और अब भी - कहा था कि इतनी बड़ी जीत के पीछे ‘सिम्पथी वेव’ थी. मुलायम सिंह के गुज़रने से उनके वोटर्स भावुक थे.
कौन हैं जयवीर सिंह?BJP ने योगी कैबिनेट में मंत्री जयवीर सिंह को मैनपुरी लोकसभा सीट से टिकट देकर दांव खेला था. प्रदेश के राजनीतिक पत्रकारों के मुताबिक उनका असर केवल मैनपुरी तक सीमित नहीं, फ़िरोज़ाबाद में भी अच्छी-ख़ासी पकड़ है. 'पुराने चावल' बताए जाते हैं. सपा, बसपा और भाजपा, तीनों सरकारों में मंत्री रहे हैं. हालांकि, इस चुनाव में उनकी पकड़ का असर नहीं पड़ा.
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