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UP Loksabha Election Results: लखीमपुर खीरी में BJP को बड़ा झटका, अजय मिश्र टेनी हारे

Lakhimpur Kheri Lok Sabha Election Results: खीरी सीट ब्राह्मण और कुर्मी बाहुल्य है. कुर्मी और ओबीसी जाती की संख्या लगभग 7 लाख है.

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30,000 के अंतर से हार गए हैं टेनी. (फ़ोटो - आजतक)

उत्तर प्रदेश की खीरी लोकसभा सीट (Kheri result) से भाजपा के अजय मिश्र टेनी (Ajay Mishra Teni) 30 हज़ार वोट से हार गए हैं. टेनी का मुक़ाबला सपा के उत्कर्ष वर्मा से था. चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, उत्कर्ष वर्मा को कुल 5 लाख 46,029 वोट मिले हैं. वहीं, अजय मिश्र को 5 लाख 15,692 वोट मिले हैं.

सीट और समीकरण

पहले आम चुनाव से अब तक सबसे ज्यादा नौ बार कांग्रेस, चार बार भाजपा, तीन बार सपा, एक-एक बार जनता पार्टी और प्रजा सोशलिस्ट पार्टी (प्रसोपा) ने खीरी में जीत दर्ज कराई है. 

2014 का जनादेश

लोकसभा चुनाव 2014 में खीरी सीट से बीजेपी प्रत्याशी अजय मिश्र टेनी 3 लाख 98,576 वोट पाकर पहले स्थान पर रहे थे. बसपा के प्रत्याशी अरविंद गिरी 2 लाख 88,304 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे. वहीं कांग्रेस के जफर अली नकवी 1 लाख 83,940 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे. 

2019 का जनादेश

2019 में खीरी सीट से बीजेपी प्रत्याशी अजय मिश्र टेनी 5 लाख 84,285 वोट पाकर से जीते थे. 2 लाख 16,769 मतों के अंतर से. सपा बसपा गठबंधन प्रत्याशी डॉ पूर्वी वर्मा 3 लाख 67,516 मत पाकर दूसरे नंबर पर और कांग्रेस प्रत्याशी जफर अली नकवी 88,588 मतों के साथ तीसरे नंबर पर थे.

खीरी लोकसभा सीट से भाजपा के अजय मिश्र टेनी, सपा के उत्कर्ष वर्मा, बसपा के अंशय कालरा को मिलाकर 11 प्रत्याशियों ने पर्चा भरा था. खीरी लोकसभा सीट पर चौथे चरण में 13 मई को मतदान हुआ था. खीरी लोकसभा सीट पर कुल 18.62 लाख मतदाताओं में से 64.73 प्रतिशत ने वोट डाले थे.

यह सीट ब्राह्मण और कुर्मी बाहुल्य है. कुर्मी और ओबीसी जातियों की संख्या लगभग 7 लाख है. ब्राह्मण 3 लाख, दलित लगभग ढाई लाख हैं. वहीं मुस्लिम तकरीबन ढाई लाख और 95 हजार की संख्या में सिख हैं.

अजय मिश्र टेनी का विवाद

प्रभात गुप्ता हत्याकांड में प्रमुख नाम रहे. साल 2000 में प्रभात गुप्ता की हत्या हुई थी. हत्याकांड में साल 2004 में ट्रायल कोर्ट ने सबूतों के अभाव में टेनी को बरी किया था. मामले में राज्य सरकार की ओर से तर्क दिया गया था कि पंचायत चुनाव को लेकर टेनी का छात्र नेता प्रभात से विवाद चल रहा था. वहीं सरकार की ओर से आरोप लगाया गया था कि प्रभात को भी टेनी व अन्य आरोपी सुभाष मामा ने ही गोली मारी थी. इस घटना के कथित चश्मदीद गवाह भी थे, जिनकी गवाही को ट्रायल कोर्ट ने नजरअंदाज कर दिया था.

बेटे से जुड़ा विवाद - टेनी के बेटे आशीष मिश्र पर किसान आन्दोलन के दरमियान, धरना कर रहे किसानों पर गाड़ी चढ़ाने का आरोप लगा था. इस घटना के बाद अजय मिश्र टेनी विवादों के घेरे में रहे.

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