झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) अपनी उपलब्धियां गिना रहा है. चुनावी दौर में ऐसा करना आम है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पार्टी राज्य की पेंशन स्कीम को भुनाने की कोशिश कर रही है. इसमें उन्हें साथ मिला है, उनके साथ गठबंधन में शामिल कांग्रेस का. कांग्रेस ने इस योजना को ‘ग्राउंड ब्रेकिंग मोमेंट’ (अभूतपूर्व) बताया है. पार्टी के सीनियर नेता जयराम रमेश ने कहा है कि झारखंड में JMM और कांग्रेस सरकार की पेंशन योजना भारत की सामाजिक सुरक्षा संरचना को बनाए रखने की दिशा में एक जरूरी कदम है.
झारखंड चुनाव: BJP के लिए चुनौती बन सकती है सोरेन सरकार की पेंशन योजना, ऐसा क्या है इसमें?
केंद्र की NSP पेंशन को बढ़ाने का खर्च Jharkhand सरकार वहन करती है. इस पर पड़ने वाले अतिरिक्त भार का भुगतान राज्य सरकार की ओर से किया जाता है.
झारखंड सरकार, पेंशन के रूप में सभी पात्र लोगों को प्रतिमाह 1 हजार रुपये देती है. इसके लिए पांच कैटेगरी बनाई गई हैं- वृद्धावस्था पेंशन योजना, विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह पेंशन योजना, निराश्रित (भरण-पोषण करने में असमर्थ) महिला पेंशन योजना, HIV-AIDS रोगी पेंशन योजना और विकलांगता पेंशन योजना.
अलग-अलग राज्य बड़ी संख्या में लोगों को पेंशन देते हैं. झारखंड की अनुमानित आबादी करीब 4 करोड़ है. और ये पेंशन देने के मामले में अग्रणी राज्यों में से एक बताया जाता है. राज्य सरकार अपनी आबादी के करीब 10 प्रतिशत यानी कि लगभग 40 लाख लोगों को 1 हजार रुपये प्रतिमाह देती है.
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सोरेन सरकार ने राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (NSAP) के तहत केंद्र की ओर से दी जाने वाली पेंशन राशि को बढ़ाकर 1 हजार रुपये कर दिया है. केंद्र झारखंड में 12.43 लाख लाभार्थियों को तीन श्रेणियों के तहत 200 रुपये से लेकर 500 रुपये तक की पेंशन देता है. केंद्र सरकार वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन और विकलांगता पेंशन देती है.
NSP पेंशन को बढ़ाने का खर्च झारखंड सरकार वहन करती है. यानी इस पर पड़ने वाले अतिरिक्त भार का भुगतान राज्य सरकार की ओर से किया जाता है. केंद्र 60-79 वर्ष की आयु वर्ग के 8.86 लाख लोगों को 200 रुपये प्रति वृद्धावस्था पेंशन और 80 वर्ष या उससे अधिक आयु के 73,803 लोगों को 500 रुपये प्रति वृद्धावस्था पेंशन देता है. झारखंड सरकार NSP के तहत इन दोनों समूहों के लिए सालाना 850.91 करोड़ रुपये और 44.28 करोड़ रुपये खर्च करती है. ताकि उनकी पेंशन राशि को प्रति लाभार्थी 1,000 रुपये तक बढ़ाया जा सके.
केंद्र सरकार विधवा पेंशन और विकलांगता पेंशन के तहत 300 रुपये मासिक पेंशन देती है, जिससे राज्य में 2.88 लाख लोग लाभान्वित होते हैं. झारखंड सरकार उनकी पेंशन राशि को बढ़ाकर 1,000 रुपये करने के लिए 240.40 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च वहन करती है. इसीलिए आगामी चुनाव के लिए JMM अपनी पेंशन योजनाओं को वोटरों को अपनी ओर खींचने के लिए इस्तेमाल कर रही है.
झारखंड में 81 विधानसभा सीटों के लिए दो फेज में वोटिंग होगी. और 23 नवंबर को नतीजे आएंगे. पहले फेज में 13 नवंबर को 43 सीटों पर वोटिंग होगी. वहीं दूसरे फेज में 20 नवंबर को 38 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे.
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