झारखंड में 81 विधानसभा सीटों (Jharkhand Assembly Election) के लिए गिनती जारी है. ‘टाइगर’ जयराम कुमार महतो डुमरी और बेरमो दो विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ रहे थे. डुमरी सीट से वो जीत गए हैं. यहां उन्हें 94,496 वोट मिले हैं. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी JMM की बेबी देवी को करीब 11 हजार वोटों से हराया है. लेकिन बेरमो से जयराम महतो को हार का सामना करना पड़ सकता है. चुनाव आयोग ने सभी 18 राउंड की गिनती कर ली है. इनमें जयराम को 60,871 वोट मिले हैं, जबकि कांग्रेस के कुमार जयमंगल को 90 हजार से ज्यादा लोगों ने वोट किया है. वे महतो से करीब 30 हजार वोटों के अंतर से आगे हैं. जीत का अंतर भी करीब-करीब यही रहने वाला है, जिसकी घोषणा भर होनी है.
झारखंड के दूसरे 'टाइगर' जयराम कुमार महतो बेरमो में तो नहीं दहाड़ पाए, डुमरी का भी रिजल्ट आ गया
Jharkhand Assembly Election 2024: जयराम कुमार महतो बोकारो जिले की डुमरी और गिरीडीह जिले की बेरमो विधानसभा सीटों से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
JMM के दिग्गज नेता जगरनाथ महतो के निधन के कारण 2023 में इस सीट पर उपचुनाव हुआ था. जिसमें उनकी पत्नी बेबी देवी ने जेेएमएम की टिकट पर जीत दर्ज की थी. उन्होंने आजसू की यशोदा देवी को 17,153 वोटों से हराया था.
झारखंड में 2005 में पहली बार चुनाव हुए थे. इस चुनाव में जगरनाथ महतो ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद हुए 2009, 2014 और 2019 के चुनावों में भी जगरनाथ महतो ने इस सीट से जीत हासिल की थी. इस सीट से वो लगातार चार बार विधायक चुने गए थे. जयराम महतो को उनके प्रशंसक ‘टाइगर’ नाम से बुलाते हैं. उनके पहले ‘जगरनाथ महतो’ को भी टाइगर उपनाम से जाना जाता था.
साल 2020 के उपचुनाव में इस सीट से राजेंद्र प्रसाद सिंह के बेटे कुमार जयमंगल(अनूप सिंह) ने बीजेपी विधायक योगेश्वर महतो को 14,225 वोटों से हराया था. अनूप सिंह को 94,022 वोट मिले थे. जबकि योगेश्वर महतो बाटुल को 79,797 वोट मिले.
वहीं साल 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में इस सीट से कांग्रेस के राजेंद्र सिंह ने जीत दर्ज किया था. उन्हें 88,945 वोट मिले थे. जबकि दूसरे नंबर पर रहे बीेजेपी के योगेश्वर महतो बाटुल को 63,773 और तीसरे नंबर पर रहे आजसू के काशी नाथ सिंह को 16,546 वोट मिले थे.
साल 2014 के विधानसभा चुनाव इस सीट से बीेजेपी के योगेश्वर महतो ने जीत दर्ज की थी. उनको 80,489 वोट मिले थे. जबकि दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के राजेंद्र प्रसाद सिंह को 67,876 वोट मिले थे.
जयराम का जन्म 27 दिसंबर 1994 को धनबाद जिले के मानटांड गांव में हुआ था. परिवार में कुल चार लोग है. जयराम, उनकी मां, दादी, और एक छोटा भाई. पिता एक आंदोलनकारी थे. उनकी अलग झारखंड राज्य आंदोलन के दौरान मौत हुई थी. जयराम की शुरुआती पढ़ाई-लिखाई गांव में ही हुई. फिर पीके रॉय मेमोरियल कॉलेज, धनबाद से उन्होंने इंग्लिश ऑनर्स में मास्टर्स किया. फिलहाल अंग्रेजी साहित्य में PhD कर रहे हैं.
राजनीति में एंट्री कैसे हुई?झारखंड सरकार ने दिसंबर 2021 को एक अधिसूचना जारी की थी. इसके मुताबिक, राज्य के 11 जिलों में राज्य स्तरीय परीक्षाओं के लिए झारखंड की बाहरी भाषाओं जैसे भोजपुरी, मगही और अंगिका को क्षेत्रीय भाषा की सूची में रखा गया था. इस अधिसूचना के बाद से झारखंड में भाषा आंदोलन शुरू हो गया. इस अधिसूचना से नाराज स्थानीय युवाओं ने बोकारो, गिरीडीह और धनबाद जिलों में कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया. और इन्हीं प्रदर्शन के दौरान जयराम महतो का नाम निकलकर आया, क्योंकि वे कई जगहों पर युवाओं का नेतृत्व कर रहे थे.
इसके बाद से जयराम लगातार भाषा, स्थानीयता और रोजगार के मुद्दे पर मुखर रहे हैं. साल 2023 में उन्होंने ‘झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति’ के नाम से एक संगठन की स्थापना की. इस साल अगस्त में उनका राजनीतिक दल ‘झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा’ (JLKM) रजिस्टर हो गया.
वीडियो: Jharkhand Elections: 'Tiger' जयराम महतो पर क्या बोल गए क्षेत्र के लोग?