जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव (Jammu Kashmir Vidhan Sabha Elections) के रुझान आ चुके हैं. केंद्रशासित प्रदेश की 90 सीटों पर नेशनल कांफ्रेंस (NC) गठबंधन को बहुमत मिलता नज़र आ रहा है. इधर, कश्मीर की श्रीगुफवारा-बिजबेहरा सीट से पहली बार चुनाव लड़ रहीं इल्तिजा मुफ्ती (Iltija Mufti) चुनाव हार गई हैं. इल्तिजा मुफ्ती को 23,529 वोट मिले. वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस के बशीर अहमद ने 32,299 वोटों के साथ इस सीट से जीत हासिल कर ली है.
Bijbehara Election Result: महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती की चर्चा तो खूब थी, चुनाव रिजल्ट क्या रहा?
Ilitja Mufti Result: Jammu Kashmir में Iltija Mufti श्रीगुफवारा-बिजबेहरा सीट से हार गई हैं. यह सीट उनकी पार्टी का गढ़ थी.
इससे पहले, इल्तिजा ने मतगणना के बीच एक पोस्ट किया था. इस पोस्ट में उन्होंने जनादेश को स्वीकार करते हुए जनता के प्रति आभार जताया है.
क्या इल्तिजा ने अपनी हार स्वीकारी?इल्तिजा मुफ्ती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर अपने आधिकारिक हैंडल से एक पोस्ट किया. उन्होंने अपने पोस्ट में जनादेश का सम्मान जताया है. इल्तिजा ने लिखा,
क्या इल्तिजा PDP के गढ़ को बचा पाएंगी?"मैं लोगों के जनादेश को स्वीकार करती हूं. बिजबेहरा की जनता से जो मुझे प्यार और स्नेह मिला, वो मेरे साथ हमेशा रहेगा. चुनावी अभियान में कड़ी मेहनत कड़ने वाले पीडीपी के कार्यकर्ताओं के प्रति आभार प्रकट करती हूं."
बिजबेहरा सीट पिछले 25 साल से मुफ्ती परिवार और उनकी पार्टी PDP का गढ़ रही है. यहां से जीतकर पहले मुफ्ती मोहम्मद सईद और उनकी बेटी महबूबा मुफ्ती जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री बन चुके हैं. इस बार बिजबेहरा सीट को जीतने की जिम्मेदारी इल्तिजा मुफ्ती को दी गई थी. यहां से तीन प्रत्याशी मैदान में हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इल्तिजा के सामने बशीर अहमद को बिजबेहरा से टिकट दिया था, जबकि BJP ने सोफी यूसुफ पर भरोसा जताया था.
अनंतनाग जिले में आने वाली बिजबेहरा सीट पर इस बार कांटे का मुकाबला माना जा रहा था. मई 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में अनंतनाग सीट से महबूबा मुफ्ती को हार का सामना करना पड़ा था.
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पिछले विधानसभा चुनावों के परिणामजम्मू कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हुए हैं. 2014 और 2008 में हुए विधानसभा चुनावों में बिजबेहरा सीट से PDP के अब्दुल रहमान भट्ट ने जीत हासिल की थी. उन्होंने दोनों चुनावों में नेशनल कॉन्फ्रेंस के कैंडिडेट बशीर अहमद शाह को हराया था. हालांकि, 2014 में दोनों के बीच हार-जीत का अंतर काफी कम हो गया था. साल 2008 में अब्दुल रहमान भट्ट ने बशीर अहमद शाह को 10,274 वोटों से हराया था लेकिन 2014 में यह मार्जिन कम होकर 2,868 हो गया था.
अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर में पहली बार विधानसभा के चुनाव हुए. चुनाव आयोग के अनुसार, तीन चरणों में कुल 63.88 प्रतिशत मतदान हुए. जम्मू कश्मीर की विधानसभा में महिलाओं ने बढ़-चढ़कर मतदान में हिस्सा लिया. जहां पुरुषों का मतदान प्रतिशत 69.88 प्रतिशत रहा, वहीं महिलाओं का मतदान प्रतिशत 70 से अधिक था.
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