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Manipur Loksabha Results 2024: मणिपुर में BJP जीती या कांग्रेस?

मणिपुर की दोनों सीटों पर कांग्रेस बढ़त में है. एक जगह भाजपा पीछे है, दूसरी जगह नागा पीपल्स फ़्रंट.

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मणिपुर से कांग्रेस के दोनों प्रत्याशी आगे चल रहे हैं.

मणिपुर में दो लोकसभा सीटें हैं: इनर मणिपुर और आउटर मणिपुर. दोनों ही सीटों से कांग्रेस आगे है. इनर मणिपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस के अंगोमचा बिमोल अकोइजम (Angomcha Bimol Akoijam) आगे चल रहे हैं. चुनाव आयोग के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक़, उन्हें अब तक 3,67,509 वोट मिल चुके हैं. वहीं, उनके बरक्स बीजेपी के थुनाओजम बसंत कुमार सिंह (Thounaojam Basanta Kumar Singh) दूसरे नंबर पर हैं. वो एक लाख से ज़्यादा वोटों से पीछे चल रहे हैं.

इनर मणिपुर का हाल. (फ़ोटो - ECI)

आउटर मणिपुर में भी कांग्रेस की बढ़त है. पार्टी के उम्मीदवार अल्फ्रेड कन्नगाम एस आर्थर (Alfred Kanngam S Arthur) आगे चल रहे हैं. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक़, उन्हें शाम छह बजे तक 3,79,126 वोट मिल चुके हैं. वहीं, NPF यानी नागा पीपल्स फ्रंट के कचुई टिमोथी ज़िमिक (Kachui Timothy Zimik) 80 हज़ार से ज़्यादा वोटों से पीछे चल रहे हैं.

अपर मणिपुर का हाल. (फ़ोटो - ECI)
2019 के नतीजे 

लोकसभा चुनाव 2019 में इनर मणिपुर की सीट बीजेपी ने जीती थी. डॉ राजकुमार रंजन सिंह यहां से जीतकर सांसद बने थे. उन्हें कुल 2,63,632 वोट मिले थे. उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी ओइनम नवकिशोर सिंह (Oinam Nabakishore Singh) को हराया था.

आउटर मणिुपर में नागा पीपल्स फ्रंट के Lorho S. Pfoze विजयी रहे थे. उन्हें 3,63,527 वोट मिले थे. बीजेपी के हौलिम शोखोपाओ माटे (Houlim Shokhopao Mate) 2,89,745 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे थे.

2014 के नतीजे

लोकसभा चुनाव 2014 में इनर मणिपुर से कांग्रेस के प्रत्याशी डॉ. थोकचोम मेइन्या (Dr. Thokchom Meinya) को जीत हासिल हुई थी. उन्हें 2,92,102 वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया के मोइरांगथेम नारा (Moirangthem Nara) रहे थे.

2014 में आउटर मणिपुर से कांग्रेस के थांगसो बाएते (Thangso Baite) ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने 2,96,770 वोट पाए थे. नागा पीपुल्स फ्रंट के सोसो लोह्रो (Soso Lorho) दूसरे नंबर पर रहे थे. वो 15,637 वोटों से ये चुनाव हार गए थे.

हिंसा कितना बड़ा मुद्दा?

मई, 2023 में मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क उठी थी. आरक्षण से संबंधित एक हाई कोर्ट के फ़ैसले को लेकर बहुसंख्यक मैतेई समुदाय और कुकी-ज़ो आमने-सामने आ गए. ज़मीन का झगड़ा, संसाधनों की लड़ाई और ऐतिहासिक रंज की वजह से माहौल उबल पड़ा. 

भयानक हिंसा हुई. कई लोगों की जान चली गई. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक़, मई, 2024 तक 220 से ज़्यादा लोगों की जान चली गई. हज़ारों लोग घायल हुए हैं और 60,000 से ज़्यादा लोग विस्थापित हुए. राज्य में हिंसा अभी भी एक बड़ा मुद्दा थी. मुमकिन है, इसी वजह से मणिपुर ने भारतीय जनता पार्टी को रिजेक्ट कर दिया है.

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