लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में सीट बंटवारे को लेकर गरारी फंसी हुई. NDA और 'INDIA' गठबंधन ('INDIA' Alliance offers seat to Chirag Paswan) में सीटों के बंटवारे अभी फाइनल नहीं हुए हैं. इस बीच एक बड़ी जानकारी सामने आई है. जो चिराग पासवान खुद को पीएम ‘मोदी का हनुमान’ बताते हैं, जिन्हें NDA की मीटिंग में पीएम मोदी गले लगाते हैं, उन्हीं के बारे में चर्चा है कि 'INDIA' गठबंधन ने उन्हें ऑफर दिया है. अटकलें हैं कि ऑफर लोकसभा की 10 सीटों का है. कहां-कहां? 8 बिहार में. 2 यूपी में.
चिराग पासवान को 'INDIA' गठबंधन से बड़ा 'ऑफर', NDA के ऑफर में क्या दिक्कत है?
'INDIA' गठबंधन ने बिहार की जो 8 लोकसभा सीटें चिराग पासवान को ऑफर की हैं उनमें वो 6 सीटें शामिल हैं जिन पर 2019 में लोक जनशक्ति पार्टी (LDP) लड़ी और जीती है. इसके अलावा 2 और सीटें LDP को दी जाएंगी.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों का कहना है कि 'INDIA' गठबंधन ने बिहार की जो 8 लोकसभा सीटें चिराग पासवान को ऑफर की हैं उनमें वो 6 सीटें शामिल हैं जिन पर 2019 में लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) लड़ी और जीती है. इसके अलावा 2 और सीटें LJP को दी जाएंगी. यूपी में भी 2 सीटों का ऑफर है. इस ऑफर की तुलना NDA के उस ऑफर से की जा रही है जिसमें चिराग को 6 सीटें अपने चाचा पशुपति पारस से बांटनी होंगी. यहीं गरारी फंसी है, क्योंकि दोनों इसके लिए तैयार नहीं हैं.
चिराग जहां ‘हनुमान’ हैं तो पशुपति पारस भी ‘मोदी का परिवार’. नीतीश कुमार के पाला बदले जाने से चिराग का गणित और उलझ गया है. 2020 के चुनाव में चिराग NDA से अलग हुए और उनकी पार्टी की ही देन थी कि नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू तीसरे नंबर पर आ गई. चिराग की पार्टी ने उन्हें बहुत नुकसान पहुंचाया. उसके बाद बारी नीतीश की थी. 2021 में चिराग की पार्टी ही टूट गई. चाचा 6 में से 5 सांसदों को अपनी तरफ ले गए. रिश्तों में तल्खी बढ़ती गई. चिराग के पिता राम विलास पासवान जिस हाजीपुर सीट से लड़ते थे, वहां से अब चाचा सांसद हैं. भतीजा भी उसी सीट से लड़ना चाहता है.
(ये भी पढ़ें: किस बात को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जेल भेजने की बात कर रहे हैं चिराग पासवान?)
बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं. सीटों के लिहाज से वो चौथा बड़ा राज्य है. ऐसे में 'INDIA' गठबंधन भी चाहेगा कि NDA पिछली बार की तरह 40 से 39 सीटें ना जीत पाए. वहीं NDA के लिए भी उपेंद्र कुशवाहा, चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और नीतीश कुमार की पार्टी के बीच सीट बांटना आसान काम नहीं है. तेजस्वी यादव ने भी चिराग के लिए महागठबंधन के दरवाजे खुले होने के संकेत दिए हैं. अब ये देखना दिलचस्प होगा कि चिराग मौजूदा कुनबे में बने रहते हैं या महागठबंधन के खोले गए दरवाजे के अंदर दाखिल होते हैं.
बिहार की राजनीति का गणित पहले भी इस फॉर्मूले पर चल चुका है. राजद और LJP मिलकर चुनाव लड़ चुके हैं. साल 2004 के लोकसभा चुनाव में राजद, LJP और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था. तब इस गठबंधन को शानदार सफलता मिली थी. हालांकि, साल 2009 के लोकसभा चुनाव में राजद और LJP ही साथ आए. कांग्रेस इस गठबंधन से अलग हो गई थी.
नतीजा ये हुआ कि राजद-LJP गठबंधन को हार का सामना करना पड़ा. 2010 में हुए विधानसभा चुनाव में भी राजद LJP गठबंधन को हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में LJP, NDA मे शामिल हो गई. लालू परिवार और रामविलास पासवान के परिवार के रिश्ते हमेशा से अच्छे रहे हैं. 2009 के चुनाव में जब रामविलास पासवान चुनाव हार गए थे तो उन्हें राजद की तरफ से राज्यसभा भेजा गया था.
वीडियो: जब PM मोदी ने अपने 'हनुमान' चिराग पासवान को गले से लगा लिया