Haryana Assembly Election के नतीजे लगभग सामने आ चुके हैं. हरियाणा की हिसार जिले की चर्चित आदमपुर सीट की काउंटिंग भी पूरी हो चुकी है. इस सीट पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई चुनावी मैदान में उतरे थे. भव्य बिश्नोई के प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के चंद्र प्रकाश थे. दोपहर तक खबर आ रही थी कि भव्य 1600 वोटों से आगे चल रहे हैं. लेकिन शाम आते-आते नतीजे बदल गए. चुनाव आयोग के मुताबिक भव्य बिश्नोई चुनाव हार गए हैं. उन्हें चंद्र प्रकाश ने 1268 वोटों से हराया है.
Haryana Election Results: आदमपुर से BJP 'इत्तू' सा जीतने वाली थी, लेकिन इत्तू सा हार गई
भारतीय निर्वाचन आयोग के मुताबिक कांग्रेस के चंद्र प्रकाश को 65,371 वोट मिले, वहीं भव्य बिश्नोई को 64,103 लोगों ने वोट किया.
भारतीय निर्वाचन आयोग के मुताबिक कांग्रेस के चंद्र प्रकाश को 65,371 वोट मिले. वहीं भव्य बिश्नोई को 64,103 लोगों ने वोट किया. अपनी हार के बाद भव्य ने अपने पिता कुलदीप बिश्नोई के साथ X पर एक वीडियो भी जारी किया. इसमें उन्होंने कहा कि आदमपुर उनका परिवार है. चुनाव में हार-जीत होती रहती है. आदमपुर की सेवा करने के लिए उन्हें किसी भी पद की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने कहा,
"हार-जीत जीवन के दो पहलू हैं. जिन लोगों ने मुझे वोट दिया, मैं उनका आभारी हूं. मैंने अपनी तरफ से पूरी लगन के साथ आप लोगों की सेवा करने का प्रयास किया. मुझे जनता का फैसला स्वीकार है. आदमपुर मेरा परिवार था, है और हमेशा रहेगा. मैं चंद्र प्रकाश जी को बधाई देता हूं."
वहीं उनके पिता और पार्टी के वरिष्ठ नेता कुलदीप बिश्नोई ने कहा,
आदमपुर सीट का इतिहास"लगभग 56 साल से आप सभी लोग हमें आशीर्वाद देते आए हैं. चाहे मेरे पिता जी, मेरी माता जी, मैं, मेरी पत्नी या मेरा बेटा लड़ा हो, आपने परिवार की तरह हमें आशीर्वाद दिया है. मेरे बेटे ने भी बहुत मेहनत की है. हम पहले भी आदमपुर के थे और आज भी रहेंगे. हम फिर उठेंगे, लड़ेंगे और भजनलाल जी का दौर वापस लेकर आएंगे."
आदमपुर सीट का इतिहास काफी दिलचस्प रहा है. भव्य बिश्नोई की राजनेता के बाद दूसरी पहचान है कि वो तीन बार के मुख्यमंत्री रहे भजनलाल बिश्नोई के पोते हैं. आदमपुर सीट पिछले 56 साल से भजनलाल परिवार का गढ़ रही है. अगर बिश्नोई इस बार जीत जाते तो भारत के चुनावी इतिहास में सबसे ज्यादा वर्षों तक चुनाव जीतने का रिकॉर्ड उनके परिवार के नाम हो जाता.
हरियाणा में पहली बार 1967 में विधानसभा चुनाव हुए थे. अब तक यहां 13 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. लेकिव आदमपुर में 17 बार चुनाव हुए हैं. इनमें 4 उपचुनाव शामिल हैं. 1968 में भजनलाल आदमपुर सीट से पहली बार विधायक बने थे. इसके बाद वो इस सीट से 9 बार विधायक चुने गए. इसमें भी उन्होंने 7 बार कांग्रेस, एक बार जनता पार्टी के टिकट पर जीत दर्ज की. इसके बाद उन्होंने खुद की पार्टी बनाई और उसके टिकट से भी जीते. 1987 में भजनलाल की पत्नी ने आदमपुर से चुनाव लड़ा. और उनकी भी जीत हुई. उनके बाद उनके बेटे कुलदीप बिश्नोई 4 बार जीत कर विधायक बने थे.
2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के कुलदीप बिश्नोई ने BJP प्रत्याशी सोनाली फोगाट को हराया था. आदमपुर और हांसी सीट से कुलदीप बिश्नोई की पत्नी रेणुका बिश्नोई भी विधायक रह चुकी हैं.
कहा जा रहा है कि कांग्रेस के चंद्र प्रकाश के पिता अर्जुन लाल भी भजनलाल के करीबी थे. और आदमपुर में हमेशा से ही भजनलाल और अर्जुन लाल की फेस वेल्यू पर वोटिंग हुई है, इसलिए भव्य सिर्फ 1268 वोटों से हारे हैं.
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