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गुजरात में BJP विधायक ने 'अंतरात्मा की आवाज' सुन इस्तीफा दिया, बड़ा आरोप भी लगाया

वडोदरा जिले की सावली सीट पर तीन बार के विधायक केतन इनामदार ने विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा, 'जैसा कि मैंने 2020 में कहा था, आत्मसम्मान से बड़ा कुछ नहीं है.'

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केतन इनामदार ने साल 2020 में भी इस्तीफे की घोषणा की थी, तब उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया था. (फाइल फोटो: X/@KetanInamdarMla)

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha elections 2024) से पहले गुजरात में BJP के विधायक केतन इनामदार ने इस्तीफा दे दिया है. वडोदरा जिले की सावली सीट से तीन बार के विधायक केतन इनामदार ने कहा कि उन्होंने ये इस्तीफा ‘अंतरात्मा की आवाज’ पर दिया है. हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने सफाई भी दी है कि उनका ये कदम ‘दबाव की रणनीति’ नहीं है. वो संसदीय चुनावों में वडोदरा सीट से BJP उम्मीदवार रंजन भट्ट की जीत के लिए काम करेंगे.

केतन इनामदार ने 19 मार्च को गुजरात विधानसभा अध्यक्ष शंकर चौधरी को अपना त्याग पत्र सौंपा. न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक पत्र में, इनामदार ने कहा कि वो अपनी 'अंतरात्मा की आवाज' पर इस्तीफा दे रहे हैं. इससे पहले भी उन्होंने जनवरी 2020 में विधायक पद से इस्तीफे की घोषणा की थी, लेकिन तब विधानसभा अध्यक्ष ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया था.

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'BJP में पुराने कार्यकर्ताओं का ध्यान नहीं रखा गया'

मंगलवार, 19 मार्च को अपना इस्तीफा देने के बाद पत्रकारों से इनामदार ने कहा,

"काफी समय से मुझे महसूस हो रहा था कि पार्टी में छोटे और पुराने कार्यकर्ताओं का ध्यान नहीं रखा गया है. मैंने (BJP) नेतृत्व को इससे अवगत करा दिया है."

PM मोदी के साथ केतन इनामदार (साल 2022 की तस्वीर: X/@KetanInamdarMla)

इनामदार ने कहा कि उन्होंने 11 साल से अधिक समय तक सावली सीट का प्रतिनिधित्व किया और जब से वो BJP के सक्रिय सदस्य बने, तब से वो पार्टी से जुड़े हुए हैं. उन्होंने कहा,

“जैसा कि मैंने 2020 में कहा था, आत्मसम्मान से बड़ा कुछ नहीं है. ये आवाज़ अकेले केतन इनामदार की नहीं बल्कि पार्टी के हर एक कार्यकर्ता की है. मैंने पहले भी कहा है कि पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए.”

‘चुनाव में BJP कैंडिडेट की जीत के लिए काम करूंगा’

केतन इनामदार ने कहा,

"मैं ये सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात काम करूंगा कि लोकसभा चुनाव में (वडोदरा सीट से) हमारे उम्मीदवार रंजन भट्ट बड़े अंतर से जीतें. लेकिन मेरा इस्तीफा अंतरात्मा की आवाज का नतीजा है."

साल 2020 में इस्तीफा देने के बाद इनामदार ने दावा किया था कि सरकारी अधिकारी और मंत्री उनकी और उनके निर्वाचन क्षेत्र की अनदेखी कर रहे हैं. उन्होंने कहा था कि BJP के कई विधायक उनकी तरह 'हताश' महसूस कर रहे हैं.

इनामदार ने पहली बार 2012 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीत दर्ज की थी. बाद में वो BJP में शामिल हो गए और 2017 और 2022 में फिर विधानसभा पहुंचे. गुजरात विधानसभा की कुल 182 सीटों में से BJP के पास फिलहाल 156 सीटें हैं.

बता दें कि गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीटों पर 7 मई को एक ही चरण में मतदान होगा और वोटों की गिनती 4 जून को होगी.

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