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झगड़िया में बाप-बेटे झगड़ते रहे, BJP सीट निकाल ले गई!

सात बार के विधायक छोटूभाई वसावा हार गए.

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महेश वसावा और छोटूभाई वसावा (फोटो - सोशल मीडिया/लल्लनटॉप)

गुजरात की झगड़िया सीट (Jhagadia) से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के रितेश पटेल (Ritesh Patel) ने 89,552 वोटों के साथ जीत दर्ज कर ली है. इस सीट पर सात बार के विधायक छोटूभाई वसावा (Chotubhai Vasava) हार गए हैं. शुरूआती रुझानों से ही रितेश पटेल आगे रहे, फिर ये जीत. इस सीट पर आम आदमी पार्टी ने भगत उर्मिलाबेन को उतारा था, जो 19,197 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहीं. और, कांग्रेस के प्रत्याशी फतेहभाई चिमनभाई वसावा को मिले 15,128 वोट.

छोटू वसावा और झगड़िया

छोटूभाई वसावा को गुजरात में आदिवासियों का सबसे बड़े नेता माना जाता है. झगड़िया एक आदिवासी-बहुल सीट है. छोटूभाई यहां सात बार से विधायकी जीत रहे हैं. 1990 से लगातार. पहले जनता दल से, फिर जनता दल (यूनाइटेड) से. जब 2017 में JDU ने शरद यादव को पार्टी से निकाला, तो छोटू वसावा ने जदयू छोड़कर भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) बना ली. और, 2017 का चुनाव कांग्रेस के साथ गठबंधन में लड़ा.

ये सीट इस चुनाव में ख़ासी चर्चा में थी क्योंकि यहां से बाप-बेटे आमने-सामने होने वाले थे. BTP के राष्ट्रीय संयोजक छोटूभाई वसावा बनाम BTP के अध्यक्ष और छोटूभाई के बेटे महेश वसावा. BTP के दो शीर्ष पदों पर बैठे इस बाप-बेटे के बीच मतभेद शुरू तब हुआ, जब छोटूभाई वसावा ने जदयू के साथ गठबंधन का ऐलान कर दिया. इधर ऐलान हुआ, उधर महेशभाई वसावा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और इस गठबंधन को अपने पिता की निजी राय बता दिया. साफ़ कहा कि BTP का किसी भी राजनीतिक दल से गठबंधन नहीं है और वो अकेले चुनाव लड़ेंगे. महेश ने BTP के उम्मीदवारों की लिस्ट से अपने पिता का ही टिकट काट दिया और ख़ुद झगड़िया से लड़ने के लिए नामांकन भर दिया. 2017 के विधानसभा चुनाव में महेश वसावा डेडियापाड़ा से जीते थे. इसके बाद छोटू वसावा ने निर्दलीय पर्चा भर दिया. कहा था कि उन्हें पार्टी की जरूरत नहीं, वो ख़ुद ही पार्टी हैं. यानी जिसने पार्टी बनाई, वो ही निर्दलीय. 

लेकिन फिर महेश ने अपना नामांकन वापस ले लिया. ये कहते हुए कि उन्हें भाजपा के ख़िलाफ़ एकजुट रहना है. मगर ये मतभेद भारी पड़ता नज़र आ रहा है.

क़यास तो यही थे कि बाप-बेटे के मतभेद का फ़ायदा बाक़ी पार्टियों को मिलेगा, जो सच होता हुआ दिखा. भाजपा के रितेश भाई वसावा के अलावा, कांग्रेस ने फतेहसिंह वसावा और AAP ने उर्मिला भगत को टिकट दिया था.

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