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क्या 2019 में जीतने के लिए अपनी मां हीरा बेन से वोट मंगवा रहे हैं नरेंद्र मोदी?

प्रधानमंत्री की मां हीरा बेन सोशल मीडिया पर अपने बेटे के लिए वोट मांगते देखी जा रही हैं.

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एक फेसबुक पेज पर नरेंद्र मोदी की मां हीरा बेन की ये तस्वीर शेयर की जा रही है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशी-विदेशी मंचों पर बड़े उत्साह से बताते हैं कि वो बचपन में चाय बेचते थे. 2014 में प्रधानमंत्री बनने पर उनकी कहानी एक परीकथा की तरह पेश की गई कि देखो, कैसे चाय बेचने वाला एक लड़का आज लुटियंस दिल्ली में कदम रख रहा है. 8 नवंबर 2016 को जब मोदी ने नोटबंदी का ऐलान किया, तो कुछ दिनों बाद उनकी मां हीरा बेन नोट बदलवाने बैंक पहुंची थीं. हीरा बेन अपने बेटे के साथ प्रधानमंत्री आवास में नहीं रहतीं, बल्कि गुजरात में रहती हैं. जब वो अपने प्रधानमंत्री बेटे से मिलने दिल्ली आई थीं, तो दोनों की ढेर सारी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं. मोदी जब भी अपनी मां से मिलते हैं, तो मीडिया के लिए ये खबर होती है.


बैंक में नोट बदलवाते हुए नरेंद्र मोदी की मां हीरा बेन
बैंक में नोट बदलवाते हुए नरेंद्र मोदी की मां हीरा बेन

नरेंद्र मोदी के आलोचक इन घटनाओं को सियासी लोकप्रियता हासिल करने के सस्ते हथकंडों के रूप में देखते हैं. अपने पक्ष में वो लाल बहादुर शास्त्री, अटल बिहारी वाजपेयी और डॉ. मनमोहन सिंह जैसे देश के पूर्व-प्रधानमंत्रियों के तर्क पेश करते हैं, जिनकी निजी ज़िंदगी उनकी पेशेवर ज़िंदगी से एकदम अलग रही.


प्रधानमंत्री आवास में नरेंद्र मोदी के साथ हीराबेन
प्रधानमंत्री आवास में नरेंद्र मोदी के साथ हीराबेन

निजी ज़िंदगी को लेकर नरेंद्र मोदी के तौर-तरीकों की बात हम इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि सोशल मीडिया पर उनकी मां हीरा बेन से उनके लिए वोट मंगवाए जा रहे हैं.

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'नरेंद्र मोदी वॉट्सऐप ग्रुप' नाम के एक फेसबुक पेज पर 5 सितंबर को एक तस्वीर पोस्ट की गई. इसमें नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन सफेद रंग की एक तख्ती लिए बैठी हैं, जिस पर लिखा है, 'क्या आप मेरे बेटे नरेंद्र को 2019 में वोट देंगे'. लोग इस तस्वीर को असली मानते हुए कॉमेंट बॉक्स में रिऐक्शन दे रहे हैं कि वो 2019 में मोदी को वोट देंगे या नहीं. लोग ऐसे कॉमेंट्स भी कर रहे हैं कि मोदी अब वोटों के लिए अपनी मां को सामने कर रहे हैं.


हीरा बेन की तस्वीर वाले पोस्ट पर लोगों के कॉमेंट्स
हीरा बेन की तस्वीर वाले पोस्ट पर लोगों के कॉमेंट्स

इस पेज को 14 लाख से ज़्यादा लोगों ने लाइक कर रखा है. इससे समझा जा सकता है कि ये पोस्ट कितने लोगों तक पहुंची होगी. इसे ऐसे भी समझिए कि इस पेज पर नरेंद्र मोदी की एक फोटो शेयर की गई, जिस पर लिखा था, 'दोस्तों मैं नरेंद्र मोदी वॉट्सऐप ग्रुप बनाने जा रहा हूं. आप अपना वॉट्सऐप नंबर कॉमेंट करो.' इस पोस्ट पर 34 हज़ार से ज़्यादा लोगों ने अपने नंबर शेयर किए.

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पर असल सवाल तो ये है कि क्या नरेंद्र मोदी की मां हीरा बेन की ये तस्वीर असली है? क्या वाकई वो 2019 चुनाव के लिए अपने बेटे के लिए वोट मांग रही हैं?


इंडिया टुडे की फैक्ट चेक टीम के चयन कुंडू और बालकृष्ण ने इस तस्वीर की पड़ताल की. गूगल पर इस तस्वीर के बारे में खोजने पर पता चला कि वोट मांगने वाली ये फोटो फर्जी है. असल फोटो 5 जून 2014 की है. उस समय नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद की शपथ लिए कुछ ही दिन हुए थे और पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के उस समय के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने हीरा बेन के लिए साड़ी भिजवाई थी.

बाईं तरफ फर्जी तस्वीर, दाईं तरफ असली तस्वीर.
बाईं तरफ फर्जी तस्वीर, दाईं तरफ असली तस्वीर.

असल तस्वीर में हीरा बेन हरे रंग का एक डिब्बा लिए बैठी हैं, जिस पर पाकिस्तान सरकार का निशान बना है. ज़ूम करके देखने पर पता चलता है कि बॉक्स पर 'Mother of the Prime Minister of India' लिखा है. बॉक्स के अंदर 'With the compliments of Prime Minister of Pakistan' लिखा है.


पाकिस्तान से आए हरे रंग के बॉक्स पर ये चीज़ें लिखी थीं.
पाकिस्तान से आए हरे रंग के बॉक्स पर ये चीज़ें लिखी थीं.

शरीफ के साड़ी भिजवाने की बात कई मीडिया रिपोर्ट्स में आई थी और खुद मोदी ने ट्विटर पर नवाज़ का शुक्रिया अदा किया था.

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शरीफ के साड़ी भिजवाने के पीछे भी एक वजह है. मोदी ने 26 मई 2014 को हुए अपने शपथ-ग्रहण समारोह में नवाज़ शरीफ को न्यौता दिया था. शरीफ के आने पर मोदी ने उनकी मां के लिए लाल डिब्बे में शॉल गिफ्ट की थी. इसके अगले दिन नवाज़ की बेटी मरियम ने इस तस्वीर ट्वीट की थी.


मोदी के शॉल भेंट करने पर मरियम का ट्वीट.
मोदी के शॉल भेंट करने पर मरियम का ट्वीट.

तो दी लल्लनटॉप की इस पड़ताल में हीरा बेन की ये तस्वीर फर्जी निकली. ये फोटोशॉप्ड तस्वीर है. नरेंद्र मोदी की मां हीरा बेन ने वोटों के लिए किसी तरह की अपील नहीं की है. और जाते-जाते ये भी जान लीजिए कि ये मोदी के नाम पर चल रहा ये फेसबुक पेज खुद को 'एग्रीकल्चरल सर्विस' वाला पेज बताता है, लेकिन खेती से इसका कोई लेना-देना नहीं है.


पेज के बारे में ऐसी जानकारी दी गई है, जबकि पेज पर पॉलिटिकल और बेसिर-पैर की खबरें पोस्ट की जाती हैं.
पेज के बारे में ऐसी जानकारी दी गई है, जबकि पेज पर पॉलिटिकल और बेसिर-पैर की खबरें पोस्ट की जाती हैं.



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