उत्तर प्रदेश की जौनपुर लोकसभा सीट से BSP ने अपना प्रत्याशी बदल दिया है. पार्टी ने माफिया धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला धनंजय का टिकट काट दिया है. उनकी जगह जौनपुर से वर्तमान सांसद श्याम सिंह यादव को फिर से कैंडिडेट बनाया गया है. धनंजय सिंह की पत्नी का टिकट कटने से पूर्वांचल की सियासत गरमा गई है. BSP को लेकर तमाम तरह की बातें की जा रही हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या पार्टी BJP की मदद करने के लिए ये सब कर रही है?
जौनपुर से BSP ने काटा धनंजय सिंह की पत्नी का टिकट, BJP से डील होने की बात कितनी सच?
BSP ने UP की Jaunpur सीट से अपना प्रत्याशी बदल दिया है. पार्टी ने माफिया धनंजय सिंह की पत्नी का टिकट काट दिया है. उनकी जगह जौनपुर से वर्तमान सांसद श्याम सिंह यादव को फिर से कैंडिडेट बनाया गया है. बसपा के इस फैसले से पूर्वांचल में कयासों का बाजार गर्म हो गया है.
इंडिया टुडे से जुड़े कुमार अभिषेक की रिपोर्ट के मुताबिक, धनंजय सिंह के जेल से बाहर आने के बाद से ही श्रीकला धनंजय की गतिविधियां कम हो गई हैं. 5 मई को दिन में खबरें आईं कि उनका टिकट काट दिया गया है. इसके बाद BSP की सफाई भी आ गई.और इन खबरों को अफवाह बता दिया गया. लेकिन फिर देर रात श्याम सिंह यादव के पास मायावती का फोन आया और उन्हें बताया गया कि अब वो जौनपुर से पार्टी के प्रत्याशी होंगे.
इस पूरे राजनीतिक घटनाक्रम पर हमने लंबे समय से पूर्वांचल की राजनीति कवर कर रहे वरिष्ठ पत्रकार मनोज सिंह से बात की. उन्होंने बताया,
लगातार ऐसी चर्चा चल रही थी कि बीएसपी भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिहाज से उम्मीदवारों का चयन कर रही है. इस घटना ने खुले तौर पर BJP के साथ उनकी अंदरुनी सांठगांठ को स्पष्ट किया है. ये बीएसपी के लिए आत्मघाती साबित होगा. लगातार प्रत्याशियों को बदलने से उनके कैडर के बीच एक आशंका थी कि बीएसपी जीतने के लिए नहीं लड़ रही है, बल्कि किसी दल या गठबंधन को हराने के लिए लड़ रही है. इस मूव से यह नैरेटिव पुष्ट हो रहा है. मायावती के भतीजे आकाश ने हाल में केंद्र सरकार के खिलाफ कुछ कड़ी बातें बोल दीं, जिसके बाद उनकी रैलियां रद्द कर दी गईं. इससे उनके समर्थकों में मैसेज जा रहा है कि पार्टी पीछे हटती नजर आ रही है.
मनोज सिंह ने आगे बताया कि धनंजय की पत्नी के चुनाव लड़ने पर बीजेपी के उम्मीदवार कृपाशंकर सिंह को काफी नुकसान पहुंचने का अनुमान था, क्योंकि धनंजय का उस इलाके में एक स्ट्रॉन्ग होल्ड रहा है. धनंजय की पत्नी के मैदान में होने से राजपूत वोटों में बंटवारा होना तय था. SP ने यहां से PDA फार्मूले के तहत बाबू सिंह कुशवाहा को टिकट दिया है. इस सीट पर यादव, मुसलमान और कुशवाहा वोटर्स की ठीक- ठाक आबादी है. यादव और मुसलमान वोट SP के साथ इनटैक्ट है, तो कुशवाहा वोटर्स में बाबू सिंह कुशवाहा की अच्छी पकड़ है. पिछली बार गाजीपुर से उनकी पत्नी बहुत कम अंतर से चुनाव हारी थीं.
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इंडिया टुडे से जुड़े कुमार अभिषेक की रिपोर्ट के मुताबिक, इस पूरे घटनाक्रम को लेकर जौनपुर में कई तरह की खबरें चल रही हैं. पहली चर्चा है कि यह BJP के उम्मीदवार कृपाशंकर सिंह के मायाजाल का नतीजा है.
दूसरी चर्चा यह है कि धनंजय सिंह की गतिविधियों को तिहाड़ जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई से जोड़ने की कोशिश हुई और इसके बाद जांच एजेंसियां सक्रिय हुईं और धनंजय सिंह ने खुद को पीछे किया.
तीसरी चर्चा की मानें तो बीजेपी ने ठाकुर लॉबी का सहारा लेकर धनंजय सिंह पर दबाव बनाया है. हाल ही में रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने अमित शाह से मुलाकात की थी. इसके पहले बस्ती के राज किशोर सिंह बीजेपी में शामिल हुए थे. गोसाईंगंज विधानसभा के विधायक अभय सिंह को भाजपा ने Y कैटेगरी की सुरक्षा दी है. कयास लगाए जा रहे हैं कि इन ठाकुर नेताओं ने धनंजय सिंह को चुनावी मैदान से पीछे हटने के लिए आश्वस्त किया.
रिपोर्ट के मुताबिक,
अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि धनंजय सिंह ने खुद को पीछे किया या मायावती ने उनकी पत्नी का टिकट काटा. चर्चा यह है धनंजय सिंह ने किसी अदृश्य दबाव में खुद को पीछे कर लिया है और मायावती से एक सम्मानजनक एग्जिट का आग्रह किया जिसके बाद मायावती ने अपने वर्तमान सांसद श्याम सिंह यादव को टिकट दे दिया.
अभी इस तरह की तमाम थ्योरीज पूर्वांचल की सियासत में कयासों की शक्ल में चलाई जा रही हैं. अभी तक धनंजय सिंह या BSP की तरफ से इस मुद्दे पर कोई भी आधिकारिक बयान नहीं आया है. धनंजय सिंह की पत्नी इस सीट से अपना नामांकन कर चुकी हैं, ऐसे में यह देखना रोचक होगा कि उनका अगला मूव क्या होगा? क्या वो बतौर निर्दलीय प्रत्याशी पूरे दमखम से चुनाव लड़ेंगी, या नामांकन वापस लेंगी या फिर सिर्फ सांकेतिक तौर पर चुनाव में खड़ी रहेंगी?
जौनपुर में छठे फेज में 25 मई को वोटिंग होनी है. इस दिन पूर्वांचल की पांच सीटों लालगंज, आजमगढ़, जौनपुर, मछलीशहर और भदोही में वोटिंग है. यूपी में सपा और BSP कई सीटों पर अपने उम्मीदवार बदल चुकी हैं. कुछ दिन पहले बसपा ने वाराणसी में अपना उम्मीदवार बदल दिया था.
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