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इस्तीफा देने पहुंचीं आतिशी से बोले एलजी सक्सेना, 'यमुना मैया का श्राप लगा है'

Delhi assembly election result: तारीख, 9 फरवरी 2025. आतिशी दिल्ली की मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने पहुंचीं थीं. इस दौरान यमुना पॉल्यूशन को लेकर एलजी सक्सेना ने आतिशी और आम आदमी पार्टी पर तंज किया.

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आतिशी ने 9 फरवरी को अपना इस्तीफा सौंप दिया. (इंडिया टुडे)

दिल्ली में चुनाव नतीजे आ गए. अब नई सरकार बनेगी. पर एलजी वीके सक्सेना (VK Saxena) और पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी के बीच बहुत कुछ नहीं बदला. तारीख, 9 फरवरी 2025. आतिशी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने पहुंचीं थीं. इस दौरान यमुना पॉल्यूशन को लेकर एलजी सक्सेना ने आतिशी और आम आदमी पार्टी पर तंज किया. LG ने कहा कि AAP को यमुना मईया का श्राप लगा है. ये जानकारी सूत्रों के हवाले से आई है. 

इस दौरान, सक्सेना ने आतिशी को ये बताया कि उन्होंने उनके बॉस अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को भी यमुना के श्राप के बारे में चेतावनी दी थी. 

आतिशी के साथ मुलाकात के दौरान एलजी वीके सक्सेना ने AAP सरकार पर वायु प्रदूषण को लेकर आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि LG सचिवालय ने वायु प्रदूषण को कम करने के लिए रचनात्मक कदम उठाने के लिए कई पत्र लिखे थे. पर उसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई. 

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, आतिशी ने LG की इस टिप्पणी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. टाइम्स की ओऱ से संपर्क किए जाने पर LG सचिवालय ने आतिशी के साथ वीके सक्सेना की बातचीत पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

दरअसल LG वीके सक्सेना और अरविंद केजरीवाल के बीच इस विवाद की शुरुआत दो साल पहले हुई थी. यमुना में हाई लेवल पॉल्यूशन को देखते हुए जनवरी 2023 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने नदी की सफाई से जुड़ी गतिविधियों की मॉनिटरिंग के लिए LG के अधीन एक हाई लेवल कमिटी का गठन किया था. शुरुआत में अरविंद केजरीवाल ने इस पैनल का समर्थन किया. और सहायता की पेशकश की. लेकिन बाद में दिल्ली सरकार ने एनजीटी के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. दिल्ली सरकार की ओऱ से सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने तर्क दिया कि एक डोमेन स्पेशलिस्ट को पैनल का नेतृत्व करना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने दो सालों से अधिक समय से इस कमिटी के काम पर रोक लगा रखी है.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद वीके सक्सेना ने एक बैठक के दौरान अरविंद केजरीवाल से कहा था कि उन्हें यमुना के अभिशाप का सामना करना पड़ेगा. कोर्ट में AAP सरकार के स्टैंड में चेंज को LG को इस प्रोजेक्ट का श्रेय देने से बचने की कवायद के तौर पर देखा गया.

2015 में दोबारा सीएम बनने के बाद अरविंद केजरीवाल ने पांच साल के भीतर यमुना को साफ करने का वादा किया था. लेकिन इस पर कोई ठोस एक्शन लेने में असफल रहे. बीजेपी ने इस चुनाव में इस मुद्दे को खूब भुनाया. पार्टी ने वोटर्स को उनका वादा याद दिलाया कि 2025 तक यमुना का पानी इतना साफ हो जाएगा कि लोग खुशी-खुशी इसमें डुबकी लगाएंगे.

यह बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के प्रवासियों के लिए बड़ी बात थी. जो छठ पर्व के दौरान लाखों की संख्या में यमुना तट पर जाते हैं. चुनाव नतीजों के विश्लेषणों से पता चलता है कि पूर्वांचल वोटरों के बड़े हिस्से ने इस बार AAP के बजाय बीजेपी का समर्थन किया है. जिसने पिछले दो चुनावों में AAP का पुरजोर समर्थन किया था.

9 फरवरी को चुनावी नतीजों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों की आस्था का सम्मान न करने के लिए AAP की आलोचना की. उन्होंने यमुना को साफ और सुंदर बनाने का संकल्प लिया. और अपना भाषण 'यमुना मैया की जय' के नारे के साथ समाप्त किया.

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