5 फरवरी को वोटिंग होगी और 8 फरवरी को पता चल जाएगा कि दिल्ली (Delhi Assembly Elections 2025) में किसकी सरकार बनेगी. चुनाव में अब एक महीने से भी कम का वक्त बचा है. आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने सभी 70 उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं. बीजेपी (BJP) ने भी चुनावी बिगुल फूंक दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) भी चुनाव प्रचार में उतर गए हैं. और कांग्रेस अपने पुराने सूरमाओं को खोज-खोजकर टिकट दे रही है. जाहिर है इस बार का दिल्ली चुनाव दिलचस्प होने जा रहा है. लेकिन दिल्ली की कुछ सीटें ऐसी हैं जिन पर सबकी नज़र है और मुकाबला तगड़ा होने वाला है. ऐसी ही कुछ सीटों पर नज़र डालते हैं जहां का चुनाव दिल्ली की दिशा-दशा तय करेगा.
इन 5 सीटों की लड़ाई जाने बिना दिल्ली चुनाव का मजा नहीं
दिल्ली की कुछ सीटों पर चुनाव दिलचस्प होने वाला है. Arvind Kejriwal और CM Atishi Singh समेत AAP के कई बड़े नेताओं के खिलाफ BJP और कांग्रेस ने तगड़े कैंडिडेट उतार दिए हैं.

दिल्ली की सबसे खास सीट. सबसे चर्चित सीट. वो सीट जो सूबे का मुख्यमंत्री चुनती है. पिछले 27 साल से नई दिल्ली विधानसभा के लोग अपना सीएम चुनते आ रहे हैं. 1998 में दिवंगत शीला दीक्षित ने इसी सीट से चुनाव जीता और मुख्यमंत्री बनीं. वो इस सीट से तीन बार चुनाव जीतीं और सत्ता संभाली. 2013 तक दीक्षित इस सीट से विधायक रहीं. उसके बाद अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने उन्हें चैलेंज किया. 2013 में सीटिंग चीफ मिनिस्टर को हराकर केजरीवाल पहली बार विधायक बने और पहली बार मुख्यमंत्री बने. तब से केजरीवाल ही इस सीट से जीतते आ रहे हैं. और मुख्यमंत्री बनते आ रहे हैं.
मगर इस बार नई दिल्ली सीट का मुकाबला ज्यादा चर्चित हो गया है. अब तक केजरीवाल के सामने सामान्य उम्मीदवार उतारने वाली बीजेपी और कांग्रेस इस बार फाइट देने के मूड में दिख रही हैं. दोनों ही पार्टियों ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटों को केजरीवाल के सामने उतार दिया है. बीजेपी ने पश्चिमी दिल्ली से दो बार के सांसद प्रवेश वर्मा को टिकट दिया है. प्रवेश पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं. वहीं कांग्रेस ने शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित को नई दिल्ली से टिकट दिया है. दीक्षित प्रवेश वर्मा से पहले दो बार पूर्वी दिल्ली से सांसद चुने जा चुके हैं. ऐसे में इस बार केजरीवाल के लिए ये चुनाव उतना आसान भी नहीं माना जा रहा है, जितना पिछली दो बार देखा गया.
पिछले चुनाव की बात करें तो AAP के अरविंद केजरीवाल को 61.4 प्रतिशत वोट मिले. केजरीवाल ने साढ़े 21 हजार से ज्यादा वोटों से बीजेपी के सुनील कुमार यादव को हराया था. कांग्रेस को सिर्फ 4 प्रतिशत वोट मिले थे.
Kalkaji Assembly constituencyदिल्ली के प्रसिद्ध कालका जी मंदिर का निर्माण मराठाओं ने 1764 में किया था. इसी मंदिर के नाम पर कालकाजी सीट का नाम पड़ा. दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी इसी सीट से विधायक हैं. वो 2020 में पहली बार कालकाजी सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंची थीं. पर इस बार उनकी लड़ाई भी आसान नहीं जान पड़ती. बीजेपी ने अपने 'बड़बोले' नेता रमेश बिधूड़ी को आतिशी के खिलाफ उतार दिया है. रमेश बिधूड़ी दक्षिण दिल्ली से दो बार सांसद रह चुके हैं. तो दूसरी तरफ कांग्रेस अल्का लांबा को टिकट दिया है. अल्का इससे पहले AAP से ही विधायक रह चुकी हैं.
पिछले चुनाव में आतिशी ने 11 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी. आतिशी को 55,897 वोट मिले. जबकि बीजेपी के धर्मबीर सिंह को साढ़े 44 हजार वोट मिले. कांग्रेस ने पिछली बार इस सीट से तीन बार विधायक रहे सुभाष चोपड़ा की बेटी शिवानी चोपड़ा को टिकट दिया था. लेकिन वह कांग्रेस के लिए पांच हजार वोट भी नहीं जुटा पाईं.
नई दिल्ली में पड़ने वाली जंगपुरा सीट इस बार अचानक से चर्चा में आ गई है. इस बार पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पटपड़गंज की सीट छोड़ चुनाव लड़ने जंगपुरा पहुंच गए हैं. जंगपुरा AAP के लिए सेफ सीट ही मानी जाती है. पिछले तीन बार से यहां प्रवीण कुमार AAP को जीत दिलाते रहे हैं. 2013 तक यहां से कांग्रेस तरविंदर सिंह मारवाह तीन बार चुनाव जीते. लेकिन 2013 से अब तक तरविंदर प्रवीण कुमार से पार नहीं पा सके.
प्रवीण ने 2013, 2015 और 2020 में भी तरविंदर को हराया. हालांकि, पिछले चुनाव में बीजेपी के इम्प्रीत सिंह बक्शी को तरविंदर से दोगुने वोट मिले. 2020 विधानसभा चुनाव में 45,133 वोट मिले. बक्शी को 29 हार वोट मिले. तरविंदर को साढ़े 13 हजार वोट मिले.
लेकिन इस बार जंगपुरा सीट का गणित थोड़ा बदल गया है. अब तक कांग्रेस से लड़ने वाले तरविंदर इस बार बीजेपी में चले गए हैं. बीजेपी ने तरविंदर को जंगपुरा से टिकट दिया है. आम आदमी पार्टी से तो सिसोदिया मैदान में हैं ही. तो कांग्रेस ने फरहाद सूरी को उम्मीदवार बनाया है.
Malviya Nagar Assembly constituencyसाउथ डेल्ही की मालवीय नगर सीट पर इस बार चुनाव चर्चा का विषय बन गया है. आम आदमी पार्टी के तीन बार से विधायक सोमनाथ भारती के खिलाफ इस बार बीजेपी ने सतीश उपाध्याय को टिकट दिया है. उपाध्याय नई दिल्ली नगर पालिका परिषद के वाइस चेयरमैन हैं. ये वही सतीश उपाध्याय हैं जिन पर एक समय केजरीवाल ने बिजली कंपनियों से सांठगांठ का आरोप लगाया था. उपाध्याय 2014 से 2016 तक दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष थे. 2015 में केजरीवाल ने उन पर गंभीर आरोप लगाए.
मालवीय नगर के पिछले चुनाव की बात करें तो सोमनाथ भारती ने बीजेपी के शैलेंद्र सिंह को 18 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था. कांग्रेस को 3 हजार से भी कम वोट मिले थे.
Patparganj Assembly constituencyजैसा कि हम पहले भी देख चुके हैं सिसोदिया की सीट पटपड़गंज इस बार उन्होंने छोड़ दी है. उनकी जगह इस बार इस सोशल मीडिया पर खूब वायरल होने UPSC अभ्यर्थियों को कोचिंग देने वाले अवध ओझा पटपड़गंज से चुनाव लड़ रहे हैं. सिसोदिया तीन बार से इस सीट पर जीत दर्ज करते आ रहे थे. उन्होंने राजनीति में नए-नए आए अवध ओझा को दे दी है. सिसोदिया को पिछले चुनाव में रविंद्र सिंह नेगी ने अच्छी टक्कर दी थी. सिसोदिया को 70,163 वोट मिले थे जबिक नेगी को 66, 956 वोट मिले. कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा. उनके उम्मीदवार लक्ष्मण रावत को 3 हजार वोट भी नहीं मिले थे.
बीजेपी की तरफ से इस बार रविंद्र सिंह नेगी फिर मैदान में हैं. कांग्रेस ने अनिल चौधरी को उतारा है.
वीडियो: मनोज तिवारी ने अरविंद केजरीवाल के दिल्ली चुनाव के दावों पर दिया बयान, केजरीवाल ने भी पलटवार किया