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जम्मू-कश्मीर: चुनाव के नतीजे नहीं, क्या LG का ये फैसला तय करेगा, किस पार्टी की बनेगी सरकार?

केंद्र शासित प्रदेश Jammu and Kashmir के LG पांच लोगों को जम्मू-कश्मीर विधानसभा का सदस्य नॉमिनेट कर सकते हैं. कांग्रेस का कहना है कि अगर केंद्र के इशारे पर LG सरकार बनने से पहले ही ऐसा करते हैं, तो ये लोकतंत्र के साथ धोखा होगा.

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जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के तहत LG पांच विधानसभा सदस्य मनोनीत कर सकते हैं. (जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की फाइल फोटो)

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे (Jammu-Kashmir Election Result) 8 अक्टूबर को आने हैं. हालांकि, इससे पहले पांच विधानसभा सदस्यों के नॉमिनेशन की चर्चा जोरों पर है. दरअसल, केंद्र शासित प्रदेश Jammu and Kashmir के उपराज्यपाल (LG) पांच व्यक्तियों को जम्मू-कश्मीर विधानसभा का सदस्य नॉमिनेट कर सकते हैं. पर सवाल है कि क्या जम्मू-कश्मीर में किसी भी दल की सरकार बनने से पहले ही 5 लोगों को JK विधानसभा का सदस्य मनोनीत कर दिया जाएगा? साथ ही, मनोनीत विधानसभा सदस्यों की सरकार बनाने में भूमिका को लेकर कश्मीर के राजनीतिक हलकों में चिंताएं हैं. 

ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल (LG) मनोज सिन्हा गृह मंत्रालय की सलाह के आधार पर 5 सदस्यों को मनोनीत करेंगे. इस पर कांग्रेस ने ऐतराज जताया है. कहा है कि LG को चुनी हुई सरकार की सिफारिशों के आधार पर इसका फैसला करना चाहिए.

विधानसभा सदस्यों को मनोनीत करने का प्रावधान

कुछ विधायकों को मनोनीत करने की व्यवस्था J&K Reorganisation Act (जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम), 2019 में की गई है. इसमें पहले ये प्रावधान था कि अगर LG को लगता है कि विधानसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व पर्याप्त नहीं है, तो वो 2 सदस्यों को मनोनीत कर सकते हैं.

जुलाई, 2023 में इस एक्ट में संशोधन करके, विधानसभा में 3 और सदस्यों के मनोनयन की मंजूरी देने के लिए एक अतिरिक्त प्रावधान किया गया. इसमें कश्मीरी प्रवासी समुदाय से 2 सदस्य (जिनमें से एक महिला होगी) और 1 सदस्य 'पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर से विस्थापित व्यक्ति' होगा. इस एक्ट के मुताबिक ये मनोनयन जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल के विवेक पर है.

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मनोनीत विधायकों के मतदान के अधिकार और सरकार गठन में उनकी क्या भागीदारी होगी, ये साफ नहीं है. हालांकि, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की विधानसभा पुडुचेरी विधानसभा की तर्ज पर बनाई गई है, जहां 3 मनोनीत सदस्य निर्वाचित विधायकों के बराबर काम करते हैं और उन्हें वोटिंग अधिकार भी होते हैं.

कांग्रेस बोली- 'लोकतंत्र के साथ धोखा होगा'

कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन से पहले 5 विधायकों के मनोनीत करने के ‘कदम’ का शुक्रवार, 4 अक्टूबर को कड़ा विरोध किया. कांग्रेस ने ऐसे किसी भी फैसले को लोकतंत्र और संविधान के मूल सिद्धांतों पर हमला बताया है.

जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (JKPCC) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और मुख्य प्रवक्ता रवींदर शर्मा ने कहा,

"हम जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन से पहले उपराज्यपाल द्वारा पांच विधायकों को मनोनीत करने का विरोध करते हैं. ऐसा कोई भी कदम लोकतंत्र, जनादेश और संविधान के मूल सिद्धांतों पर हमला करने के समान है. संविधान के मुताबिक, उपराज्यपाल को मंत्रीपरिषद की सलाह पर काम करना चाहिए. चुनाव के बाद बहुमत या अल्पमत की स्थिति को बदलने के लिए मनोनयन के प्रावधान का दुरुपयोग करना हानिकारक होगा."

रवींदर शर्मा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 90 सीटों पर चुनाव हुए हैं. उन्होंने कहा कि मान लीजिए इसमें किसी एक पार्टी या गठबंधन को 47 सीटें मिलें और दूसरी पार्टी या गठबंधन को 43 सीटें मिलें. ऐसे में 47 सीटों वाली पार्टी सरकार बनाने की हकदार होगी. लेकिन अगर LG सरकार बनने से पहले केंद्र के इशारे पर 5 लोगों को विधानसभा के लिए नामजद करते हैं, तो 43 वाले की संख्या 48 हो जाएगी. ऐसे में 47 सीटें जीतने वाली पार्टी सरकार नहीं बना पाएगी और ये लोकतंत्र के साथ धोखा होगा.

वहीं जम्मू-कश्मीर पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि इस मामले में वे ये देख रहे हैं कि मनोनीत सदस्यों को वोटिंग का अधिकार दिया जाता है या नहीं. साथ ही, PDP अधिकारी ने कहा कि 'आदर्श रूप से विधानसभा सदस्यों को मनोनीत करने का काम सरकार बनने के बाद होना चाहिए'.

(PTI इनपुट के साथ)

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