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छत्तीसगढ़: बेटा लिंचिंग में मारा गया, पांचवी पास मजदूर ने मंत्री को हरा दिया

साजा विधानसभा सीट पर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और आठ बार के विधायक रविंद्र चौबे को हार का सामना करना पड़ा है. खास बात ये रही कि रविंद्र चौबे को जिस कैंडिडेट से हार मिली. उन्होंने इससे पहले कोई भी चुनाव नहीं लड़ा था.

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ईश्वर साहू को मिली जीत (Twitter/BL Santosh)

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव (Chhattisgarh Election Results) में भारतीय जनता पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की है. 90 विधानसभा सीट वाली छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी ने कुल 54 सीट हासिल कीं. जबकि सत्ताधारी कांग्रेस को केवल 35 सीटों पर जीत नसीब हुई. वहीं एक सीट गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के हिस्से में आई. इन चुनावों में उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव समेत राज्य के नौ मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा. इन सब के बीच जिस एक सीट को लेकर काफी चर्चा हो रही है. वो है बेमेतरा जिले की साजा विधानसभा सीट (Saja Assembly Seat).

साजा विधानसभा सीट पर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और आठ बार के विधायक रविंद्र चौबे को हार का सामना करना पड़ा है. खास बात ये रही कि रविंद्र चौबे को जिस कैंडिडेट से हार मिली. उन्होंने इससे पहले कोई भी चुनाव नहीं लड़ा था. रविंद्र चौबे को BJP प्रत्याशी ईश्वर साहू ने 5297 वोटो से हरा दिया. पेशे से मजदूर ईश्वर साहू के बेटे की इसी साल राज्य में हुई दंगों में मौत हो गई थी. इन चुनावों में भाजपा के प्रत्याशी ईश्वर साहू को 1,01,789 वोट मिले. जबकि रविंद्र चौबे को 96,593 वोट मिले हैं. वहीं तीसरे स्थान पर निर्दलीय उम्मीदवार सुनील कुमार रहे. जिन्हें 2874 वोट मिले हैं.

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क्या हुआ था?

दरअसल, अप्रैल 2023 में साजा विधानसभा क्षेत्र के बिरनपुर गांव में सांप्रदायिक दंगे हुए थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्कूल से मारपीट से शुरू हुई घटना सांप्रदायिक दंगों में बदल गई. इस घटना में कुल तीन लोगों की मौत हुई थी. जिनमें ईश्वर साहू के बेटे भुवनेश्वर साहू भी शामिल थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, छत्तीसगढ़ सरकार ने भुवनेश्वर साहू के परिवार के लिए 10 लाख रुपये के मुआवजे और सरकारी नौकरी का ऐलान किया था. लेकिन भुवनेश्वर साहू ने इसे लेने से इनकार कर दिया था. इस घटना के बाद BJP ने ईश्वर साहू को टिकट दिया था.

ईश्वर साहू की बात करें तो नामांकन के दौरान दाखिल किए हलफनामे के मुताबिक, वो साजा के बिरनपुर प्राइमरी स्कूल से पांचवी पास हैं. उनके बैंक अकाउंट में करीब 16 लाख रुपये हैं. उन्होंने मीडिया को बताया है कि ये पैसा उनकी बेटे की मौत के बाद चंदे के तौर पर उन्हें मिला है. वित्त वर्ष 2018-19 से लेकर 2022-23 तक उन्होंने ITR फाइलिंग में 17 हजार रुपये से लेकर 22 हजार रुपये तक की आय दिखाई है. हलफनामे में उन्होंने खुद को मजदूर बताया है. उन्होंने एक स्थानीय चैनल को दिए इंटरव्यू में बताया था कि कैंडिडेट लिस्ट आने से दो पहले BJP ने उन्हें चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया था. जिसे शुरुआत में तो उन्होंने नकार दिया था. लेकिन फिर सोच विचार करने के बाद उन्होंने इस प्रस्ताव को स्वीकार लिया था.

BJP ने दी बधाई

ईश्वर साहू की इस शानदार जीत पर उन्हे पार्टी की तरफ से बधाई दी गई है. BJP के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष ने X पोस्ट कर लिखा,

''ये ईश्वर साहू हैं. छत्तीसगढ़ BJP के उम्मीदवार. उन्होंने 7 बार के कांग्रेस विधायक रविंद्र चौबे को हराया है. ईश्वर साहू का बेटा भीड़ की हिंसा में मारा गया था. हमेशा की तरह कांग्रेस दंगाइयों का समर्थन करती रही है. आज उन्होंने लोकतांत्रिक लड़ाई में अन्याय का बदला लिया. बधाई हो.''

बताते चलें कि इस विधानसभा चुनाव में जिन मंत्रियों को हार मिली उनमें टीएस सिंहदेव के अलावा, शिवकुमार डहरिया- आरंग विधानसभा सीट, गुरु रुद्र कुमार- नवागढ़ विधानसभा सीट, मोहम्मद अकबर- कवर्धा विधानसभा सीट, ताम्रध्वज साहू- दुर्ग ग्रामीण विधानसभा सीट, रविंद्र चौबे- साजा विधानसभा , अमरजीत भगत- सीतापुर विधानसभा सीट, जयसिंह अग्रवाल- कोरबा विधानसभा सीट  और मोहन मरकाम- कोंडागांव विधानसभा सीट का नाम भी शामिल है.