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पबजी छोड़िए, इस मोबाइल गेम पर खिलाड़ियों ने सालभर में 35 अरब रुपए खर्च कर दिए

कॉल ऑफ़ ड्यूटी मोबाइल गेम को लॉन्च हुए एक साल हो गया.

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खिलाड़ियों ने 35 अरब रुपए खर्चा कर दिए इस गेम में.
इंडिया में पबजी मोबाइल का बड़ा क्रेज़ है. गेम के प्ले स्टोर से बैन होने के बाद भी प्लेयर दूसरी जगह से डाउनलोड करके झारों-झार खेलने में पड़े हैं. मगर एक और मोबाइल गेम है, जो लॉन्च होने बाद से ही आतंक काटने में लगा पड़ा है. नाम है- कॉल ऑफ़ ड्यूटी मोबाइल (Call of Duty Mobile). 1 अक्टूबर को गेम को लॉन्च हुए एक साल हुआ है और इतने ही टाइम में खिलाड़ियों ने गेम के ऊपर 480 मिलियन डॉलर खर्च कर दिए. इसको रुपए में कन्वर्ट करते हैं, तो 35 अरब रुपए बनते हैं.
ये आंकड़े सेन्सर टावर की तरफ़ से आए हैं. ये संस्था दुनियाभर में ऐप्स के डाउनलोड नंबर और ऐप्स के अंदर की हुई खरीदारी पर नज़र रखती है.

कहां से आया पैसा

COD मोबाइल को डाउनलोड करने के पैसे नहीं लगते. इसकी कमाई का ज़रिया है इन-ऐप परचेज़. यानी कि गेम के अंदर की जाने वाली खरीदारी. सेन्सर टावर के मुताबिक, COD मोबाइल का रेवेन्यू इस साल की दूसरी तिमाही यानी अप्रैल-मई-जून में बड़ी ऊंची छलांग मारा. ये वही टाइम था, जब कोरोना हर कहीं क़हर मचा रहा था और लोग अपने-अपने घरों में बैठे थे.

रिपोर्ट के हिसाब से COD मोबाइल की सबसे ज़्यादा कमाई अमेरिका में हुई, जहां खिलाड़ियों ने गेम में 15.7 अरब रुपए खर्च किए. दूसरे नंबर पर जापान और तीसरे नंबर पर जर्मनी रहा.

क्या है कॉल ऑफ़ ड्यूटी मोबाइल (COD Mobile)

अगर आप पबजी खेलते हैं, तो मुमकिन है कि कॉल ऑफ़ ड्यूटी भी कभी ट्राय करके देखा होगा. ये करीब 17 साल पुराना गेम है. हां, बस इसका मोबाइल ऐप पिछले साल अक्टूबर में आया था.
पबजी मोबाइल की ही तरह कॉल ऑफ़ ड्यूटी मोबाइल भी एक बैटल रॉयल गेम है, जिसमें 100 लोग एक एरिया में उतरते हैं और फ़िर एक दूसरे का खात्मा करने में लग जाते हैं. आखिर में जो बचता है, वो विजेता बनता है. इसके अलावा गेम में और भी कई सारे मोड हैं. इस गेम की फैन फॉलोइंग दुनियाभर में हैं और इसके पीछे अमेरिका की कंपनी Activision Blizzard (एक्टिविज़न ब्लिज़र्ड) है.
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'कॉल ऑफ़ ड्यूटी' में कई सारे गेमिंग मोड हैं.

कॉल ऑफ ड्यूटी मोबाइल गेम में 5% हिस्सेदारी टेनसेंट के TiMi स्टूडियो की थी. मगर पबजी बैन के आजू-बाजू के टाइम में ही एक्टिविज़न ने टेनसेंट ने नाता तोड़ लिया था. वैसे ही, जैसे पबजी ने बैन होने के बाद तोड़ा है.

COD Mobile vs PUBG Mobile

COD के 17 साल में इस गेम के बहुत सारे वर्ज़न आए हैं. गेम के लीदी काफ़ी टाइम से एक्टिविज़न से एक मोबाइल गेम की डिमांड कर रहे थे. पिछले साल इनकी डिमांड पूरी हुई और COD मोबाइल ने सारे रेकॉर्ड तोड़ डाले. महज़ एक हफ्ते में ही इसे 10 करोड़ लोगों ने डाउनलोड कर लिया.
इसमें से सबसे ज़्यादा डाउनलोड अमेरिका से आए थे और उसके बाद इंडिया और ब्राजील दूसरे-तीसरे नंबर पर रहे. पहले हफ्ते में अमेरिका में इसे 1.73 करोड़ लोगों ने डाउनलोड किया, इंडिया में 1.37 करोड़ ने और ब्राजील में 71 लाख लोगों ने.
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कुल डाउनलोड में 'कॉल ऑफ़ ड्यूटी' अभी पीछे ही है.

पिछला रेकॉर्ड Mario Kart Tour गेम का था, जिसे लॉन्च होने के एक हफ्ते में ही 9 करोड़ लोगों ने डाउनलोड किया था. PUBG मोबाइल और फोर्टनाइट (Fortnite) के डाउनलोड नंबर भी इम्प्रेस करने वाले हैं, मगर उससे तुलना करने पर ये दोनों काफ़ी पीछे छूट जाते हैं. पबजी मोबाइल ने लॉन्च के पहले हफ्ते में 2.8 करोड़ डाउनलोड बटोरे थे और फोर्टनाइट को 2.25 करोड़ बार डाउनलोड किया गया था.
COD मोबाइल को लॉन्च के पहले महीने में 14.8 करोड़ लोगों ने डाउनलोड किया और दो महीने में ये नंबर 17.2 करोड़ हो गया. 25 करोड़ डाउनलोड का आंकड़ा COD मोबाइल ने सिर्फ 265 दिनों में पर कर लिया था. अब आप पूछेंगे कि पबजी ने 265 दिनों में कितने डाउनलोड बटोरे? जवाब है 23.6 करोड़.
डाउनलोड के मामले में COD मोबाइल भले ही PUBG मोबाइल से आगे-आगे भागकर रेकॉर्ड बनाता गया, मगर कमाई के मामले में ठीक इसका उल्टा है. जहां कॉल ऑफ़ ड्यूटी मोबाइल को 500 मिलियन डॉलर कमाने में सालभर लग गया, पबजी मोबाइल ने इतना पैसा लॉन्च होने के सिर्फ 72 दिनों में ही कमा लिया था.
Sensor Tower Cod Pubg
(फ़ोटो: Sensor Tower)

इसके साथ ही एक और बात गौर करने वाली है. सेन्सर टावर की रिपोर्ट के मुताबिक, COD मोबाइल की कमाई सबसे ज़्यादा अमेरिका में हुई. मगर अमेरिका की ही मार्केट में सबसे ज़्यादा कमाई करने वाला गेम COD मोबाइल नहीं, PUBG मोबाइल है. 20 अरब रुपए की कमाई के साथ PUBG मोबाइल पहले नंबर पर है, 17.5 अरब रुपए की कमाई के साथ फोर्टनाइट दूसरे नंबर पर, और 15.7 अरब की कमाई के साथ तीसरे नंबर पर COD मोबाइल है.