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मिजोरम में शुरु हुआ मतदान, छत्तीसगढ़ में नक्सली हमला, चुनाव ड्यूटी में लगा जवान घायल

5 राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों का आगाज हो गया है. इसके पहले चरण में 7 नवंबर को छत्तीसगढ़ और मिजोरम में मतदान हो रहे हैं. मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा राजधानी अइजोल में सुबह-सुबह वोट डालने पहुंचे. लेकिन मशीन ही खराब हो गई.

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MNF के अध्यक्ष जोरमथंगा 1998 से लेकर 2008 और फिर 2018 से 2023 तक मिजोरम के मुख्यमंत्री रहे हैं. (फोटो क्रेडिट - एएनआई)

पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों (Assembly Election) के लिए 7 नवंबर को पहले चरण में मतदान शुरू हो गए हैं. इसमें छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बस्तर के माओवाद से प्रभावित इलाके भी शामिल हैं. राज्य में 2 चरणों में चुनाव होंगे. इसके लिए यहां करीब 25,000 से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है.

मतदान से पहले ही यहां हुए एक नक्सली हमले में एक जवान घायल हो गया. छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के टोंडामरका इलाके में नक्सलियों ने IED धमाका किया. इसमें CRPF कोबरा बटालियन का एक जवान घायल हो गया. न्यूज एजेंसी ANI ने सुकमा की SP किरण चह्वाण के हवाले से बताया कि जवान चुनाव ड्यूटी पर तैनात था.  

छत्तीसगढ़ चुनाव के पहले चरण में 90 में से 20 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होंगे. इनमें से 12 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. वहीं, 1 सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. यहां के राजनंदगांव में सबसे ज्यादा 29 उम्मीदवार मैदान में हैं. वहीं, चित्रकोट और दंतेवाड़ा में सबसे कम 7-7 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं.

राज्य के कांकेर जिले में एक इंद्रधनुष थीम का मतदान केंद्र बनाया गया. ये थर्ड जेंडर की भागीदारी बढ़ाने के लिए बनाया गया है.

भ्रष्टाचार और धान की कीमतें रहीं मुद्दा

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और BJP नेता रमन सिंह पाटन विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. उनके खिलाफ छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन खड़े हैं. उनके साथ ही BJP की भावना बोहरा, लता उसेंडी, गौतम उइके और कांग्रेस के मोहम्मद अकबर, सावित्री मनोज मंडावी, मोहन मरकाम, विक्रम मंडावी और कवासी लखमा पर सबकी नजरें रहेंगी.

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BJP ने छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार और धान की बढ़ी कीमतों को मुद्दा बनाया है. उन्होंने कथित घोटालों और महादेव गेमिंग ऐप से जुड़े हवाला मनी फंडिंग के लिए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. वहीं कांग्रेस ने BJP के आरोपों को सिरे से खारिज किया है. साथ ही BJP पर CBI और ED जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों के जरिए राजनीतिक फायदा उठाने का आरोप लगाया है.

साथ ही यहां जातिगत जनगणना, कर्ज माफी, गैस सिलेंडर सब्सिडी, बेरोजगारी, नौकरियां और गरीबों के लिए घर जैसे मुद्दे केंद्र में रहे. पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ की 90 में से 68 सीटें जीती थीं. इससे पहले यहां BJP 3 बार सरकार में रही है. लेकिन 2018 के चुनावों में उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा. राज्य की 70 सीटों पर दूसरे चरण में 17 नवंबर को मतदान होंगे.

CM जोरमथंगा नहीं डाल पाए वोट

छत्तीसगढ़ के साथ ही उत्तर पूर्वी राज्य मिजोरम में भी 7 नवंबर को मतदान हो रहा है. यहां के मुख्यमंत्री जोरमथंगा राजधानी अइजोल के वेंगलाई-1 YMA हॉल मतदान केंद्र पर अपना वोट डालने पहुंचे. लेकिन मशीन खराब होने के कारण वे वोट नहीं डाल पाए. इस बारे में उन्होंने कहा,

"मशीन काम नहीं कर रही थी. मैंने कई बार मतदान करने की कोशिश की. लेकिन मशीन ने काम नहीं किया तो मैंने कहा कि मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा करूंगा. फिर सुबह की बैठक के बाद मतदान करूंगा."

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मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने MNF की जीत पर भरोसा जताया. उन्होंने पत्रकारों से कहा,

"यहां गठबंधन की सरकार नहीं होगी. यहां MNF की सरकार ही होगी. मुझे इस बात पर पूरा भरोसा है. BJP हमारी गठबंधन सहयोगी नहीं है. केंद्र में NDA है. यहां राज्य में हमारा BJP या किसी भी और पार्टी के साथ कोई गठबंधन नहीं है. हम केवल केंद्र में NDA के सहयोगी हैं. यहां राज्य में हम मुद्दों के आधार पर ही NDA का समर्थन करते हैं."

3 बार मिजोरम के मुख्यमंत्री रहे हैं जोरमथंगा

मिजोरम में 'पहचान' और लोक कल्याण की योजनाएं मुख्य मुद्दा रहीं. इसके साथ ही भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और इन्फ्रास्ट्रक्चर की परवाह नहीं करने को भी अलग-अलग पार्टियों ने मुद्दा बनाने की कोशिश की.

मिजोरम के मुख्यमंत्री और मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) के अध्यक्ष जोरमथंगा पर सबकी नजरें हैं. वे एक बार फिर अइजोल पूर्व-1 सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. उनके खिलाफ जोरम पीपल्स मूवमेंट (ZPM) के उपाध्यक्ष ललथनसांगा खड़े हैं. वहीं, कांग्रेस ने इस सीट से लालसांगलुरा राल्टे को खड़ा किया है, जो पहली बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं.

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जोरमथंगा 1998 से लेकर 2008 तक मिजोरम के मुख्यमंत्री रहे. इसके बाद यहां 10 सालों तक कांग्रेस की सरकार रही. 2018 में हुए चुनावों में एक बार फिर जोरमथंगा यहां के मुख्यमंत्री बने. छत्तीसगढ़ और मिजोरम के साथ ही मध्य प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना में भी अलग-अलग चरण में चुनाव होंगे. सभी राज्यों के नतीजे 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे. 

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