Up Police 49568 वैकेंसी को पूरी कराने की मांग को लेकर 24 जनवरी को चलाया गया हैशटैग
क्या है पूरा मसला?
नवंबर 2018 में उत्तर प्रदेश पुलिस एवं प्रमोशन बोर्ड ने 49568 पदों पर सिपाहियों की भर्ती निकाली. इसमें 31360 पद सिविल पुलिस के थे यानी जो पुलिस हम अपने आस-पास देखते हैं. थानों में, चौराहों पर. जबकि 18208 पद पीएसी के सिपाहियों के लिए थी. नवंबर 2018 में भर्ती का नोटिफिकेशन जारी हुआ. जनवरी 2019 में लिखित परीक्षा हुई. साल भर बाद मार्च 2020 में फाइनल सेलेक्टेड कैंडिडेट्स की लिस्ट जारी की गई. इसके बाद लॉकडाउन हो गया. मेडिकल और ट्रेनिंग की प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही ठप हो गई. जुलाई 2020 में दोबारा शुरू हुई तो नोटिस जारी कर बताया गया कि कोरोना संक्रमण और सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए ट्रेनिंग की पूरी प्रक्रिया चार चरण में पूरी की जाएगी.
Up Police 49568 भर्ती का नोटिफिकेशन
मई 2022 तक का शेड्यूल
शेड्यूल के मुताबिक पहला चरण अगस्त 2020 से, दूसरा मार्च 2021 से, तीसरा अक्टूबर 2021 से और चौथा मई 2022 से शुरू होगा. शेड्यूल के हिसाब से पहले तीन चरण में 14 हजार, जबकि अंतिम चरण में 7 हजार अभ्यर्थियों की ट्रेनिंग कराए जाएगी. यानी कि 2018 की भर्ती पास करने वाले अभ्यर्थियों की ट्रेनिंग मई 2022 तक शुरू होगी. अभ्यर्थियों का विरोध इसी शेड्यूल को लेकर है. नाम न छापने की शर्त पर दी लल्लनटॉप से बात करते हुए एक अभ्यर्थी ने कहा,
जब यूपी पुलिस के पास सिपाहियों की कुल ट्रेनिंग क्षमता 23520 की है तो फिर 14 हजार लोगों को ही एक बार में क्यों ट्रेनिंग पर भेजा जा रहा है? पहले की भर्तियों में 23 हजार तक अभ्यर्थियों की ट्रेनिंग एक बार में कराई जा चुकी है. अब भी कराई जा सकती है. अगर एक बार में नहीं हो सकता तो हम दो बार में भी ट्रेनिंग के लिए तैयार हैं. लेकिन जो शेड्यूल जारी किया गया है उसके हिसाब से तो हमारी ट्रेनिंग मई 2022 में जाकर शुरू होगी. आखिर हम कितना इंतजार करें?ट्रेनिंग नहीं तो मेडिकल ही सही
फाइनल रिजल्ट आए दस महीने बीत चुके हैं. मार्च 2020 से जनवरी 2021 हो गया है. और अब तक केवल 14 हजार कैंडिडेट्स को ट्रेनिंग पर भेजा जा सका है. बाकी बचे 35 हजार कैंडिडेट्स ट्रेनिंग का इंतजार कर रहे हैं. मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री, अधिकारियों, भर्ती बोर्ड के चक्कर लगा रहे हैं. सोशल मीडिया पर ट्रेंड चला रहे हैं, ज्ञापन दे रहे हैं कि बाकी लोगों को भी ट्रेनिंग पर भेजा जाए. लेकिन कहीं से भी कोई जवाब नहीं मिल पा रहा है.
अभ्यर्थियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती खुद को किसी शारीरिक विकृति से बचाए रखने की है. दरअसल भर्ती में शामिल अभ्यर्थियों का मेडिकल टेस्ट ट्रेनिंग से ठीक पहले होता है. यानी कि जब ट्रेनिंग शुरू होगी तभी मेडिकल टेस्ट होगा. जिनकी ट्रेनिंग मई 2022 में शुरू होगी उनका मेडिकल भी तभी होगा. अगर इस बीच वे किसी तरह के एक्सीडेंट, शारीरिक बीमारी का शिकार हो जाते हैं तो फिर वे भर्ती से बाहर हो जाएंगे. यही वजह है कि भर्ती में शामिल अभ्यर्थी दो चरणों में ही ट्रेनिंग कराए जाने की मांग कर रहे हैं. उनका ये भी कहना है कि अगर सरकार एक साथ 35568 लोगों को ट्रेनिंग पर नहीं भेज सकती तो कम से कम उनका मेडिकल टेस्ट ही करवा दे. इतने लोगों का एक साथ ट्रेनिंग कराना असंभव हो सकता है मेडिकल टेस्ट कराना नहीं. ये अभ्यर्थियों की मांग है.
सितंबर 2020 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी विभागों को एक निर्देश जारी किया था. कहा था कि पारदर्शी व निष्पक्ष तरीके से सभी विभाग अपने यहां खाली पदों पर भर्ती शुरू कर दें. तीन माह भर्ती प्रक्रिया शुरू करें और छह महीने में नियुक्ति दे दें. 49568 भर्ती के अभ्यर्थियों का कहना है कि पुलिस भर्ती बोर्ड मुख्यमंत्री के निर्देशों को भी अनसुना कर दे रहा है.
बचे हुए 35568 अभ्यर्थियों की ट्रेनिंग कब होगी? क्या उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रमोशन बोर्ड अपने शेड्यूल में कोई बदलाव करेगा? क्या अभ्यर्थियों की मांग पर ट्रेनिंग से पहले मेडिकल हो पाएगा और आखिर इतने लंबे शेड्यूल को रखने की वजह क्या है? इन सब सवालों का जवाब जानने के लिए हमने यूपी पुलिस भर्ती एवं प्रमोशन बोर्ड से संपर्क करने की कोशिश की. लेकिन उनका हेल्पलाइन नंबर काम ही नहीं कर रहा था. सो हमने अपने सवाल बोर्ड के चेयरमैन को मेल कर दिए हैं. अगर कोई जवाब आता है तो हम आपको अपडेट दे देंगे.