UI/UX. ये दो शब्द देखने में थोड़े भारी-भरकम से मालूम पड़ते हैं. लेकिन टेक्नोलॉजी की इस दुनिया में हम रोजाना इनका इस्तेमाल कर रहे हैं. अगर आप स्मार्टफोन यूजर हैं तो UI और UX से आप हर मिनट रूबरू होते हैं. हमारे लिये स्मार्टफोन और कंप्यूटर का उपयोग आसान बनाने में UI और UX की फील्ड में काम करने वालों का ही योगदान है. आसान तरीके से कहें तो जिस भाषा में एक यूजर और कोई डिवाइस जैसे स्मार्टफोन या लैपटॉप आपस में बातचीत करते हैं. सॉफ्टवेयर और डिवाइस के बीच कम्यूनिकेशन का साधन. और इस साधन को तैयार करते हैं UI/UX डिजाइनर. अगर आप भी इस फील्ड में करियर बनाना UX/UI डिजाइनर बनना चाहते हैं तो हम आपके लिए लाए हैं कोर्सेज से लेकर कॉलेज तक की पूरी जानकारी.
UI/UX डिज़ाइन सीखने से लेकर नौकरी तक, दूर करें सारे कंफ्यूजन
UI/UX यानी जिस भाषा में एक यूजर और कोई डिवाइस जैसे स्मार्टफोन या लैपटॉप आपस में बातचीत करते हैं. सॉफ्टवेयर और डिवाइस के बीच कम्यूनिकेशन का साधन.

UI का मतलब होता है यूजर इंटरफेस (User Interface). UI उस लेआउट या डिजाइन को कहते हैं जिससे यूजर रूबरू होता है. उदाहरण के तौर पर जब आप अपना स्मार्टफोन खोलते हैं तो अलग-अलग आइकन दिखते हैं, आइकन के नीचे टेक्स्ट होता है, ऊपर एक स्टेटस बार होता है, ये सभी मिलकर एक यूजर इंटरफेस (UI) बनाते हैं.
UX को आसान भाषा में यूजर एक्सपीरियंस (User Experience) कहा जाता है. UI मतलब किस तरह से आप किसी स्क्रीन को यूज कर सकते हैं और किस UI से कौन सा एक्शन या रिजल्ट आता है. अगर आप कोई ऐप यूज कर रहे हैं तो ऐप का लेआउट जितना आसान होगा, यूजर एक्सपीरियंस(UX) उतना ही अच्छा होगा.
UI/UX डिजाइनर का काम होता है यूजर को जानना, समझना और उसकी जरूरत के हिसाब से प्रोडक्ट को बनाना. समय-समय पर प्रोडक्ट में यूजर की जरूरत के हिसाब से बदलाव करना और उसमें सुधार करना और सरल बनाना. ये सब काम होता है UI/UX डिजाइनर का. इसकी पढ़ाई करके स्टूडेंट्स के पास वेब डेवलपमेंट की फील्ड में करियर बनाने का ऑप्शन होता है.
कौन से कोर्सेज कर सकते हैं?इस फील्ड में करियर बनाने के लिये बैचलर्स और डिप्लोमा कोर्स करने का भी ऑप्शन मौजूद है. कुछ प्रमुख कोर्स इस तरह हैं.
1. बैचलर्स इन डिजाइन (BDes)(specialization in UI/UX or Interaction Design)
तीन साल के इस कोर्स में डिजाइन और डिजिटल प्रोडक्ट्स के बारे में बताया जाता है. कोर्स में ये सिखाया जाता है कि कैसे यूजर फ्रेंड्ली प्रोडक्ट्स डिजाइन किये जाते हैं. स्टूडेंट साइकोलॉजी और कलर थ्योरी जैसे सब्जेक्ट्स भी पढ़ाये जाते हैं जिससे यूजर के बारे में समझना आसान हो जाता है. इसके अलावा इस कोर्स में सेमिनार, इंटर्नशिप, प्रोजेक्ट्स और इंडस्ट्री टूर भी कराया जाता है जिससे प्रैक्टिकल एक्सपीरियंस होता है.
2. अंडरग्रेजुएट डिग्री इन कंप्यूटर साइंस (specialization in Human-Computer Interaction)
इस अंडरग्रेजुएट कोर्स में कंप्यूटर की बेसिक नॉलेज के साथ-साथ यूजर कैसे उसे यूज करते हैं, ये भी सिखाया जाता है. कोर्स में लोगों के कंप्यूटर चलाने के तरीकों को आसान बनाने के बारे में पढ़ाया जाता है. इसमें इंटरफेस डिजाइन, लोगो डिजाइन, यूजर इंटरफेस जैसे कॉन्सेप्ट्स पढ़ाये जाते हैं. स्टूडेंट्स को डिजिटल प्रोडक्ट्स डिजाइन करना सिखाया जाता है. इसके अलावा लोगों पर इसका क्या असर होगा ये भी बताया जाता है.
इन सब के अलावा कंप्यूटर प्रोग्रामिंग, एल्गोरिदम और कंप्यूटर से जुड़े कॉन्सेप्ट्स भी इस कोर्स में पढ़ाये जाते हैं. इंटरनेट के इस जमाने में इंटरनेट ऑफ थिंग्स, वर्चुअल रियैलटी जैसे कॉन्सेप्ट्स भी पढ़ाये जाते हैं. इस फील्ड में टॉप इंस्टिट्यूट्स की बात करें तो पर्ल एकेडमी (जयपुर, मुंबई, नोएडा), जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स (मुंबई), सिम्बॉयोसिस सेंटर ऑफ डिजाइन (पुणे), डिपार्टमेंट ऑफ डिजाइन (IIT गुवाहाटी) जैसे कई सारे संस्थान हैं जहां से ये कोर्स किया जा सकता है.
कोडिंग और अलग-अलग डिजाइन सॉफ्टवेयर में इंट्रेंस्ट रखने वाले स्टूडेंट्स के लिये UI/UX में कोर्स करना एक तरह से आसान हो सकता है. फोटोशॉप, कोरल ड्रा जैसे सॉफ्टवेयर में अगर महारत हासिल है तो ये काम और आसान हो सकता है. इसके अलावा अगर JAVA, C++, HTML, XML जैसी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में पकड़ है तो ये भी बहुत मदद करेगा. इन कोर्सेज से इतर आजकल कई ऑनलाइन कोर्सेज भी मौजूद हैं जिनके जरिए स्टूडेंट इस फील्ड में करियर बना सकते हैं. ऑनलाइन डिप्लोमा से लेकर कई सर्टिफिकेट कोर्स भी मौजूद है. इसके अलावा सॉफ्टवेयर और प्रोग्रामिंग लैंग्वेज भी ऑनलाइन सीखी जा सकती है.
UI/UX में करियर ऑप्शनUI/UX डिजाइनर का काम यूजर के लिये किसी भी प्रोडक्ट को आसान बनाना होता है. यानी यूजर स्मार्टफोन या किसी भी डिवाइस को मजे से चला पाये. इसको आसान बनाना डिजाइनर का काम होता है. इस फील्ड में करियर के ऑप्शन ये हैं-
1. UX मैनेजमेंट
UX डिजाइनर जैसे-जैसे एक्सपीरियंस्ड होते जाते हैं तो उनके पास किसी प्रोजेक्ट को लीड करने का मौका होता है. ऐसे में कई प्रोजेक्ट में काम करने वालों को मैनेजर की जरूरत पड़ती है. इनका काम कई तरह के प्रोजेक्ट्स को मैनेज करना होता है. ये लोग मैनेजेरियल पोजीशन पर काम करते हैं. जैसे UX मैनेजर, UX डायरेक्टर, क्रिएटिव डायरेक्टर की पोस्ट.
2. एडवांस UX प्रोफेशनल्स
UX डिजाइनर एक्सपीरियंस के साथ एडवांस पोजीशन पर काम कर सकते हैं. इसमें डिजाइनिंग के काम के साथ-साथ और कई काम और कई रोल पे काम किया जा सकता है. जैसे सीनियर UX डिजाइनर, लीड UX डिजाइनर या प्रिंसिपल UX डिजाइनर. इसके अलावा यूजर रिसर्च, ग्राफिक डिजाइन जैसी फील्ड में भी काम किया जा सकता है.
3. UX कंसल्टिंग
UX कंसलटेंट दूसरे बिजनेसेज के यूजर एक्सपीरियंस को आसान बनाने में मदद करते हैं. ये किसी भी संस्थान की बिजनेस स्ट्रैटजी को और यूजर फ्रेंडली बनाते हैं. ये लोग अपने क्लाइंट्स को बेस्ट UX प्रैक्टिसेस में ट्रेन करते हैं. इसके अलावा क्लाइंट्स की रिसर्च में मदद करते हैं और वेबसाइट डिजाइन में भी मदद करते हैं. इनकी काम ज्यादातर पार्ट टाइम या फ्रीलांसिंग टाइप होता है.
4. UX स्पेशलिस्ट
इनका काम UX की फील्ड में किसी एक एरिया में काम करना होता है. जैसे अगर किसी को वेबसाइट का इंटरफेस बनाने में इंट्रेस्ट है तो वो UX इंजीनियर बन काम कर सकता है. वहीं अगर किसी को यूजर बिहेवियर में इंट्रेस्ट है तो वो अपना करियर UX रिसर्चर के रूप में बना सकता है. अपने एरिया ऑफ इंट्रेस्ट पर काम करके ऐसे लोग इन स्पेशलिस्ट पोजीशन पर काम कर सकते हैं.
5. फ्रीलांसिंग
अगर आप किसी एक टीम के साथ काम नहीं करना चाहते तो फ्रीलांसिंग भी कर सकते हैं. यहां आपके पास अपने प्रोजेक्ट करने की आजादी होती है. फ्रीलांस UX डिजाइनर के रूप में काम करने के लिये आपको एक पोर्टफोलियो बनाना होगा. इसके अलावा डिजाइनर्स के साथ नेटवर्क भी होना जरूरी है.
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