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FIITJEE के खिलाफ बड़ा एक्शन, 300 बैंक खाते फ्रीज, पूछताछ के लिए बुलाए गए मालिक

FIITJEE Centers Closed: कोचिंग ने अपने मैनेजिंग पार्टनर्स को इस कुप्रबंधन के लिए जिम्मेदार ठहाराया था. उन्होंने अपने कॉम्पेटिटर्स पर शिक्षकों की खरीद-फरोख्त का आरोप भी लगाया था.

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अभिभावकों ने FIITJEE सेंटर के बाहर प्रदर्शन किया था. (फाइल फोटो: X/इंडिया टुडे)

पिछले दिनों FIITJEE कोचिंग के कई सेंटर्स के अचानक बंद होने की खबरें आई थीं. इसको लेकर पुलिस में शिकायतें भी दर्ज हुईं. अब खबर आई है कि नोएडा पुलिस ने इस कोचिंग संस्थान के 300 से ज्यादा बैंक अकाउंट्स को फ्रीज कर दिया है. साथ ही 60 लाख रुपये कैश को भी सीज कर लिया है.

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, FIITJEE के मालिक दिनेश गोयल और अन्य 8 लोगों के खिलाफ पैसों की धोखाधड़ी के आधार पर जांच शुरू की गई है. उन पर आपराधिक विश्ववासघात और साजिश के भी आरोप लगे हैं. नोएडा के डीसीपी राम बदन सिंह ने कहा है कि इस मामले को लेकर जानकारियां जुटाई जा रही हैं. दिनेश गोयल को पूछताछ के लिए बुलाया गया है. पूर्व में कोचिंग से जुड़े 31 शिक्षकों और 250 अभिभावकों के बयान दर्ज कर लिए गए हैं. जांच का नेतृत्व सेक्टर 58 पुलिस स्टेशन के जिम्मे है.

ये विवाद जनवरी के अंत में शुरू हुआ. गाजियाबाद के राज नगर, नोएडा सेक्टर 62 और ग्रेटर नोएडा सहित FIITJEE के कई सेंटर्स अचानक बंद हो गए. अगले कुछ महीनों में बच्चों की महत्वपूर्ण परीक्षाएं होनी हैं. ऐसे में अभिभावकों ने कुछ सेंटर्स के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया. उन्होंने आरोप लगाया कि उनसे पूरे कोर्स के पैसे ले लिए गए हैं. लेकिन सिलेबस पूरा होने से पहले ही सेंटर्स बंद कर दिए गए.

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कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि FIITJEE के कई टीचर्स को पिछले कई महीनों से सैलरी नहीं मिल रही थी. इस कारण से उन्होंने नौकरी छोड़ दी. इसी कारण से कुछ सेंटर्स बंद हो गए. 

इस मामले को लेकर पहली FIR गाजियाबाद में दर्ज हुई. FIR में चार लोगों के नाम थे. 24 जनवरी को नोएडा में एक और FIR दर्ज हुई. इस मामले में संस्थान के नौ अधिकारियों को आरोपी बनाया गया. तीसरा मामला ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ. इसमें भी चार लोगों को आरोपी बनाया गया.

सेंटर्स के बंद होने के बाद 25 जनवरी को संस्थान ने एक आधिकारिक बयान जारी किया था. इसमें कोचिंग के मैनेजिंग पार्टनर्स को इस कुप्रबंधन के लिए जिम्मेदार ठहाराया. उन्होंने अपने कॉम्पेटिटर्स पर शिक्षकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया. और उन आरोपों को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि वेतन ना मिलने के कारण शिक्षकों ने इस्तीफा दे दिया.

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