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NIRF Rankings 2024: देश के टॉप कॉलेजों की लिस्ट आई, कई नामों ने हैरान कर दिया

ओवरऑल इंस्टीट्यूट्स की टॉप-10 लिस्ट में सात IIT शामिल हैं. IISc बेंगलुरू, JNU और एक मेडिकल कॉलेज AIIMS Delhi ने अपनी जगह टॉप-10 में बनाई है.

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IISc बेंगलुरु को बेस्ट यूनिवर्सिटी रैंक किया गया है. (फोटो- PTI)

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय (Education Ministry) ने देश के शिक्षण संस्थानों की रैंकिंग जारी की है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रैंकिंग्स फ्रेमवर्क (NIRF Ranking 2024) के मुताबिक इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मद्रास (IIT Madras) को देश भर के संस्थानों की ओवरऑल रैंकिंग में एक बार फिर से पहला स्थान मिला है. इंस्टीट्यूट पिछले 6 साल से पहले स्थान पर काबिज है. IISc बेंगलुरु को दूसरा स्थान मिला. तीसरे स्थान पर IIT बॉम्बे, चौथे स्थान पर IIT दिल्ली और पांचवें स्थान पर IIT कानपुर को रखा गया है.

ओवरऑल इंस्टीट्यूट्स की टॉप-10 लिस्ट में सात IIT शामिल हैं. इस लिस्ट में IISc बेंगलुरू, JNU और AIIMS Delhi ने अपनी जगह टॉप-10 में बनाई है. AIIMS दिल्ली 7वें स्थान पर है. वहीं जेएनयू को 10वीं रैंक मिली है. आईआईएससी बेंगलुरु (IISc Bengaluru) को बेस्ट यूनिवर्सिटी रैंक किया गया है.

ओवरऑल रैंकिंग में टॉप-10 इंस्टीट्यूट्स की लिस्ट इस प्रकार है-

नामरैंक
आईआईटी मद्रास1
आईआईएससी बेंगलुरू2
आईआईटी बॉम्बे3
आईआईटी दिल्ली4
आईआईटी कानपुर5
आईआईटी खड़गपुर6
एम्स, दिल्ली7
आईआईटी रुड़की8
आईआईटी गुवाहाटी9
जेएनयू 10

टॉप-5 यूनिवर्सिटीज इस प्रकार हैं-

नामरैंक
आईएससी, बेंगलुरु1
जेएनयू, दिल्ली2
जामिया मिलिया इस्लामिया3
मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन, मणिपाल4
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय5

टॉप-5 इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट इस प्रकार हैं-

नामरैंक
आईआईटी मद्रास 1
आईआईटी दिल्ली 2
आईआईटी बॉम्बे3
आईआईटी कानपुर4
आईआईटी खड़गपुर5

टॉप-5 मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट इस प्रकार हैं-

नामरैंक
आईआईएम अहमदाबाद1
आईआईएम बेंगलुरु2
आईआईएम कोझिकोड़3
आईआईटी दिल्ली4
आईआईएम कोलकाता5

टॉप-5 कॉलेज इस प्रकार हैं-

नामरैंक
हिंदू कॉलेज, दिल्ली1
मिरांडा हाउस, दिल्ली2
सेंट स्टीफंस कॉलेज3
राम कृष्ण मिशन विवेकानंद शताब्दी महाविद्यालय4
आत्मा राम सनातन धर्म कॉलेज5
NIRF क्या है?

भारत सरकार देश भर के हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स की परफॉरमेंस के आधार पर उनकी रैंक तय करती है. यानी हमें ये बताती है कि पढ़ाई के लिए देश के टॉप इंस्टीट्यूट्स कौन-कौन से हैं. इंजीनियरिंग के लिए कौन सी IIT सबसे बढ़िया है और किस मेडिकल कॉलेज से तैयार होते हैं सबसे बढ़िया डॉक्टर.

साल 2016 में इसकी शुरुआत हुई थी. 2016 से पहले देश में प्राइवेट एजेंसीज या मीडिया द्वारा ही हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स की रैंक तय की जाती थी. इसकी शुरुआत हुई थी ग्लोबल रैंकिंग्स से. हमें ऐसी खबरें पढ़ने को मिलती थीं कि भारत का कोई भी इंस्टीट्यूट, दुनिया के टॉप-200 या टॉप-300 में नहीं है. फिर वो बात चाहे QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी की रैंकिंग हो या टाइम्स हायर एजुकेशन की.

इसके पीछे जो सबसे बड़ी वजह बताई जाती है वो ये कि इन एजेंसीज द्वारा रैंकिंग तैयार करने में जो क्राइटेरिया अपनाई जाती है वो चुनिंदा लोगों के परसेप्सन पर आधारित होती है. इसी को ध्यान में रखते हुए साल 2015 में भारत सरकार ने तय किया कि वो अपने संस्थानों की रैंकिंग खुद तय करेगा और ये रैंकिंग भारतीय संस्थानों के लिए उपयुक्त पैरामीटर्स पर तय की जाएगी.

2003 में चीन ने भी शंघाई रैंकिग्स शुरू की थी. हालांकि, NIRF और शंघाई रैंकिंग्स में अंतर ये है कि शंघाई रैंकिंग में दुनिया भर के 500 संस्थान शामिल होते हैं जबकि NIRF में केवल भारतीय संस्थान शामिल होते हैं.

कैसे तय होती है रैंकिंग?

रैंकिंग तय करने के लिए NIRF ने सीधे और सपाट नियम बना रखे हैं. कुछ पैरामीटर्स हैं हर इंस्टीट्यूट को उन पैरामीटर्स पर परखा जाता है. जिसका जितना स्कोर बनता है उसी हिसाब से उसकी रैंकिंग तय की जाती है. इन पैरामीटर्स में सबसे पहले आता है टीचिंग, लर्निंग एंड रिसोर्सेज यानी TLR . इसमें फैकल्टी-स्टूडेंट रेशियो, फैकल्टी एक्सपीरियंस, फाइनेंसियल रिसोर्सेज और उनका उपयोग जैसी चीजें शामिल हैं.

दूसरा है रिसर्च एंड प्रोफेशनल प्रैक्टिस. इसके अंतर्गत संस्थान को रिसर्च, पब्लिकेशन मीट्रिक, IPR और पेटेंट्स के आधार पर परखा जाता है. तीसरा पैरामीटर है ग्रेजुएशन आउटकम्स. इसमें यूनिवर्सिटी के एग्जाम्स और PhD स्कॉलर्स की संख्या को देखा जाता है.

चौथा पैरामीटर है आउटरीच एंड इन्क्लूसिविटी. इसमें देखा जाता है कि कितने छात्र दूसरे राज्यों से विदेश से पढ़ने के लिए आए हैं. कैंपस में महिलाओं की कितनी भागीदारी है? आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े छात्रों की क्या संख्या है? शारीरिक रूप से अक्षम छात्रों के लिए क्या व्यवस्था है?

पांचवा और आखिरी पैरामीटर है पीयर परसेप्श. इसमें एकेडमिक पीयर और एम्प्लायर्स के आधार पर इंस्टीट्यूट की रैंक तय की जाती है.

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